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रीवा : भाजपा ने बहाई थी विकास की धारा, कांग्रेस ने एक साल में ही सब बर्बाद किया : महापौर ममता गुप्ता
रीवा। शहर सरकार की पांचवीं परिषद् का कार्यकाल पांच दिन बाद खत्म होगा। इसे लेकर शनिवार को नगर निगम की महापौर ममता गुप्ता ने परिषद् कार्यालय में पत्रकार वार्ता आयोजित की और पांच साल में किए गए नगर विकास के बारे में जानकारी दी। वर्तमान में मचे घमासान को लेकर उनका कहना था कि सरकार बदलने के बाद बदले की भावना से काम शुरू कर दिया गया, जिसकी वजह से शहर के सभी विकास कार्य ठप्प हो गए। महापौर ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान कराये गये विकास कार्यों को गिनाया, जिसमें सड़क-नाली से लेकर तमाम कार्य शामिल रहे।
पत्रकार वार्ता के दौरान महापौर ममता गुप्ता ने विकास कार्यों की एक लबी सूची प्रस्तुत की और कहा कि पिछले एक वर्ष से विकास कार्यों को लेकर काम नहीं हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनता के अपेक्षाओं के अनुसार हमने बेहतर कार्य करने का प्रयास किया है। इस दौरान अमृत योजना के तहत पानी के लिये पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हर महीने 32 लाख सीएमआर कपनी को बीते एक वर्ष से नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा लगभग 68 लाख के पाइप लाइन रिपेयरिंग टेंडर की फाइल 6 माह से आप के पास पड़ी है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में कई त्रुटियां थीं। जिसकी जानकारी मांगी गई थी, लेकिन तकनीकी त्रुटि की जानकारी अधिकारी नहीं दे पाये। इस वजह से मामला लटक गया। इसके अलावा महापौर ने बताया कि स्वच्छता मिशन के अंतर्गत रीवा शहर में 5309 व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए। साथ ही रीवा नगर में 34 सुलभ शौचालय कांपलेस, 18 कयुनिटी कांप्लेस का निर्माण कराया गया है। शहर में लगभग अनेक स्थानों में महिला एवं पुरुष मूत्रालय रखे गए। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन कार्ययोजना के अंतर्गत पार्षदों की कार्यशाला आयोजित कर नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने में पार्षदों की योगदान से अवगत कराया गया। साथ ही बताया कि पर्यटन विकास परिषद् एवं नगर निगम रीवा के संयुक्त तत्वावधान में ऐतिहासिक विन्ध्य महोत्सव का आयोजन लगातार संपन्न हुआ। शहर में गृह निर्माण मंडल द्वारा निर्मित शांति विहार कॉलोनी नगर निगम को प्रदान की गई है। मुयमंत्री पेयजल योजना के अंतर्गत सरकार के माध्यम से 2.98 करोड़ की लागत के कार्य पूर्णता की ओर हैं। इसके अलावा चर्चा के दौरान महापौर ने कहा कि परिषद कार्यालय भवन निर्माण में 125 लाख की लागत का कार्य पूर्णता की ओर है। मैं उस वक्त छुट्टी पर थी प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुला व मुयमंत्री शिवराज सिंह को कमिश्नर द्वारा भेजे गए नोटिस पर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह मैं उस समय बाहर थी, लेकिन बयान जारी कर विरोध जताया था।
खुले भूखण्ड में टैस लगाये जाने का विरोध आपने नहीं किया न ही एमआईसी ने कोई निर्णय लिया, इस सवाल पर महापौर द्वारा कोई ठोस जवाव नहीं दिया गया। गौवंश मामले में जांच के बाद कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के सवाल पर महापौर ने बताया कि सीनियर की जांच में जूनियरों को रखा गया था और समयावधि के बाद आरोप पत्र दिया गया, ऐसे में जांच स्वयं समाप्त हो गई। चार माह से कोई एमआईसी की बैठक न होने पर भी महापौर जवाब नहीं दे पायीं। एमआईसी के वरिष्ठ सदस्य व्यंकटेश पाण्डेय ने कहा कि 9 माह से कमिश्नर सभाजीत यादव पदस्थ हैं, पूरे विकास के कार्य ठप्प हो चुके है। एमआईसी ने कोई निर्णय नहीं लिया और महत्वपूर्ण विषयों को लेकर भी कई माह से एमआईसी की बैठक नही हुई। महापौर को इसके पहले सक्रिय होना चाहिये था और कमिश्नर के हिटलरशाही पर लगाम लगानी चाहिये थी लेकिन उनके द्वारा ऐसा नही किया गया, जिसके कारण नगर निगम में अफसरशाही पूरी तरह हावी रही।