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रीवा: प्रेस कांफ्रेंस कर महापौर ने गिनाई अपने 5 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां
कहा : रीवा के विकास ने प्रदेश भर के नगरीय निकायों को पीछे छोड़ा
रीवा। शहर की प्रथम नागरिक महापौर ममता गुप्ता ने अपनी पांच साल की उपलब्धियों को मीडिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि कर्ज लेकर भी शहर के लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन कहा कि मुक्तिधाम में विद्युत शवदाह गृह नहीं बना पाने का मलाल हमेशा रहेगा। महापौर का पदभार संभालने के साथ ही यह निश्चय किया था कि शहरवासियों की सुविधा के लिए विद्युत शवदाह गृह बनाउंगी। लेकिन यह काम पूरा नहीं किया जा सका है।
महापौर ने बताया कि पांच साल में परिषद की 32 बैठकें आयोजित हुई। वहीं मेयर इन काउंसिल की 81 बैठक हुई है। इसमें शहर को महानगर बनाने के लिए जो विकास के काम हुए है उनसे रीवा ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि शहरवासियों को मीठा पानी उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री पेयजल योजना फेस 01 एवं फेस 02 द्वारा प्रयास किया है।
महापौर के अनुसार स्वच्छता के लिए डोर टू डोर कचरा कलेक्शन जैसी योजना प्रांरभ की। शहर में ओपेन जिम, अमृत योजना में सिटी बसों का संचालन व एलइडी स्ट्रीट लाइटों को लगवाने ंके प्रयास किया है। इसके अतरिक्त नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए गांधी काम्पलेक्स का निर्माण कार्य कराया गया है। विकास कार्यों के कारण नगर निगम रीवा में वयोश्रेष्ठ सम्मान 2016 राष्ट्रपति से मिला है।
नगर निगम की पहल पर विश्व स्तरीय मानव श्रृंखला के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड का सम्मान, आइएसओ 2017 में मिला है। वहीं 500 शहरों में देश का 38वां स्वच्छता में सबसे तेज विकास करने वाला शहर रीवा रहा। घर-घर नल कनेक्शन के लिए स्कॉच अवार्ड, कृष्णा आडिटोरियम को अवार्ड फॉर एक्सिलेंस इन बिल्ट इनवायरमेंट का अवार्ड मिला, जो विकास की गाथा बाया कर रहा है।
शहर में मीठे जल की समस्या को लेकर महापौर ने कहा कि शहर के 45 वार्डो में अभी सिर्फ पांच वार्ड ही ऐसे है जिनमें शतप्रतिशत नल कनेशक्शन से मीठा पानी मिल रहा है। बांकी में अभी काम बचा है। मैं मानती हूं कि शहर के दूरस्थ मोहल्लो में पानी पहुंचा है लेकिन सभी को मीठा व साफ नहीं मिल रहा है।