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रीवा : पूर्व विधायक के खिलाफ 23 साल बाद गवाही देने इंदौर से आए एसडीओपी ,जानिए क्यों
रीवा। पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी के खिलाफ चल रहे मामले में २३ साल बाद तत्कालीन एसडीओपी केके नागवंशी गवाही देने गुुरुवार को न्यायालय में हाजिर हुए। इंदौर से रीवा पहुंचे इकलौते साक्ष्य की गवाही सहायक अभियोजन अधिकारी ने कराई। इस मामले में साक्ष्य उपस्थित होने के बाद पूर्व विधायक की मुश्किल बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि इस मामले दो और साक्ष्य अगामी तारीख में प्रस्तुत होंगे क्योंकि उनको भी समन तामील हो गया है। शहर के विश्वविद्यालय स्टेडियम के पास खुटेही में सर्व समाज पार्टी के कार्यकताओं व पदाधिकारियों द्वारा पत्थरबाजी की गई थी। जिसमें तत्कालीन निरीक्षक हीरामणि सिंह चौहान, तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट डीएम भट्टाचार्य, विवेचक शिवेन्द्र सिंह, केएल सूर्यवंशी डीएसपी डिप्टी हेडक्वार्टर एवं केके नागवंशी एसडीओपी मऊगंज के साथ मारपीट हुई थी। जिसपर सिटी कोतवाली टीआई ने सवर्ण समाज पार्टी के अध्यक्ष लक्ष्मण तिवारी सहित अन्य के विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा डालने एवं बलवा करने का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस 23 साल बाद भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी। इस पर न्यायालय से एसपी को 11 अक्टूबर 2018 तक साक्ष्य प्रस्तुत करने का अंतिम अवसर दिया गया था।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल- पिछले 23 साल से इस अपराधिक मामले में न्यायालय के लगातार नोटिस के बावजूद पुलिस एक भी सरकारी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी है। लेकिन अब पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए सेवानिवृत्त हो चुके गवाहों को न्यायालय में हाजिर करा दिया। इस पर सवाल उठाए जा रहे कि आखिर इतने दिन तक पुलिस साक्ष्य क्यों प्रस्तुत नहीं कर सकी थी।