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रीवा : पूर्व मंत्री रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल के इस बयान से पूरी कांग्रेस पार्टी में मची हलचल, पढ़िये ।
रीवा। भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रीवा विधायक राजेन्द्र शुल ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जनता को बिजली पानी जैसे मूलभूत सुविधाएं उपलध कराने में अक्षम और असफल साबित हुई है। पूरे प्रदेश में बिजली कटौती से मचा हाहाकार, पेयजल संकट से प्रदेश की जनता परेशान और सरकार के प्रति आक्रोशित है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार छ: माह के अन्दर हर मोर्चे पर विफल साबित हो चुकी है। कांग्रेस ने गरीब, किसान, युवाओं, प्रदेशवासियों से झूठे वायदे कर साा में आई थी परन्तु अभी तक एक भी वायदा पूरा नहीं किया है। न किसानों का ऋण माफ हुआ और न ही बिजली बिल आधा किया, बल्कि विद्युत कटौती कर जनता को प्रताडि़त किया जा रहा है। बेरोजगार युवाओं को भाा देने का वायदा पूरी तरह से भूल चुके हैं। शुल ने कहा कि भीषण गर्मी के बीच समूचा प्रदेश बिजली के कृत्रिम संकट से त्राहि त्राहि कर रहा है। भाजपा सरकार ने 24 घंटे अनवरत बिजली अपूर्ति के लिए अटल ज्योति योजना के माध्यम से दिग्विजयी काल के अंधकारयुक्त अभिशाप को समाप्त किया था। पन्द्रह वर्षो बाद पुन: कमलनाथ सरकार ने बंटाढारी राह पकड़ ली है।
उन्होंने कहा कि बिजली समस्या दूर करने के बजाय अपनी विफलताओं को बिजली कर्मचारियों के उपर मढ़ कर उन्हे प्रताडि़त करने का खेल खेल रही है। भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश की परिस्थितियां और व्यवस्थायें मुयमंत्री कमलनाथ के हाथो से निकल चुकी हैं। 100 दिनों के अन्दर प्रशासनिक अराजकता चरम तक पहुंच गई है। सरकार के ट्रांन्सफर उद्योग पर तन्ज कसते हए श्री शुल ने कहा कि मंत्रियों का पूरा ध्यान ट्रान्सफर उद्योग पर है। प्रदेश के हर स्तर के कर्मचारियों एवं अधिकारियों में अविश्वास और भय का वातावरण बना हुआ है कि कब किस वक्त उनका तबादला आदेश आ जाय।
कांग्रेस के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा पैदा किये गये अविश्वास से पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति बन चुकी है। प्रदेश के कर्मचारी मेहनत और लगन के साथ इस प्रदेश को भाजपा शासन काल में हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने का काम किया परन्तु कमलनाथ सरकार अपनी विफलता का ठीकरा कर्मचारियों पर फोड़ रही है। श्री शुल ने कहा कि भीषण गर्मी में अन्नदाता किसान परेशान हैं। प्रदेश सरकार के छलावे में आकर किसानों ने बैंकों की किस्त अदा करना बंद कर दिया था, अब उनके पास वसूली का नोटिस आ रहा है।