- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- रीवा: ढाबे में...
रीवा: ढाबे में रईसजादों को चरस और गांजा परोस रहा था 'दरोगा का बेटा', ऐसे हुआ पर्दाफ़ाश...
रीवा। जिले में नशे के काले कारोबार का खात्मा करने के लिये पुलिस ने पूरी तरह से कमर कस ली है। अभियान चलाकर नशे के कारोबार का न सिर्फ भंडाफोड़ किया जा रहा है, बल्कि कारोबारियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम भी तेजी से चल रहा है। शनिवार को पुलिस के विशेष दस्ते ने शहर के बाहर संचालित हो रहे एक ढाबे में दबिश देते हुये चरस व गांजा की बिक्री करने वाले दो आरोपियों को गिरतार किया है। पुलिस टीम ने पकड़े गए आरोपियों के कजे से चरस व गांजा, स्कॉर्पियो बरामद की है और उन्हें चोरहटा थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पकड़े गए आरोपियों में एक आरोपी सतना जिले में पदस्थ पुलिस दरोगा का पुत्र बताया जा रहा है, जो ढाबे में बैठकर नशे का कारोबार संचालित करता था।
इस संबंध में अतिरित पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने बताया कि बीते कुछ दिनों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि चोरहटा थाना क्षेत्र अंतर्गत बाइपास मार्ग में संचालित मां कालिका ढाबा में नशे का कारोबार व्यापक स्तर पर संचालित किया जा रहा है। कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन पर एक विशेष टीम गठित की गई और शनिवार दोपहर ढाबे में दबिश देकर चरस व गांजा बिक्री करते हुये दो आरोपियों को गिरतार किया गया। जबकि एक आरोपी ढाबा संचालक मौके से फरार हो गया। पकड़े गए आरोपियों के कजे से पुलिस टीम ने 140 ग्राम गांजा व 17 ग्राम चरस बरामद किया है। बरामद चरस की अनुमानित कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में तकरीबन 1 लाख रुपए आकी गई है। पुलिस टीम ने आरोपियों को कार्यवाही हेतु चोरहटा थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया है और मौके से फरार ढाबा संचालक की तलाश शुरू कर दी है।
सुबह से पहुंचने लगती थीं वीआईपी गाडिय़ां : चरस के शौकीन असर बड़े घरों के बच्चे होते हैं। वही इस महंगे और खतरनाक नशे का सेवन करते हैं। चरस खरीदने के लिये सुबह से ही ढाबे में वीआईपी और वीवीआईपी वाहनों में सवार युवकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता था। चरस का सेवन सिगरेट के जरिये किया जाता है। नशा करने के बाद युवक बदहवास ढाबे में ही पड़े रहते थे। बताया जाता है कि सौ रुपए में एक चुटकी चरस दी जाती थी और सेवन करने वाले दिनभर में तीन से पांच बार खरीदी करते हंै।