रीवा

रीवा: डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर रोंक, मनमानी पर लगेगा अंकुश

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:01 AM GMT
रीवा: डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर रोंक, मनमानी पर लगेगा अंकुश
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रीवा। शासकीय पदों पर पदस्थ डॉक्टरों की मनमानी पर शासन ने डंडा चलाया है। आी तक शासकीय डॉक्टर शासन से तनख्वाह तो ले रहे थे, लेकिन वह संबंधित अस्पताल में अपना समय नहीं दे रहे थे। ज्यादा धन कमाने की लालच में वह अपने बंगले में या फिर किसी निजी नर्सिंग होम में मरीजों का उपचार करने जाते थे। बदले में उन्हें मोटी रकम मिलती थी। यहां तक कि जो मरीज डॉक्टर के बंगले में जाकर उपचार करवाते, डॉक्टर उनसे फीस लेकर उनको शासकीय अस्पताल में भर्ती करवा देते। इस तरह की अव्यवस्था विशेष तौर पर विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में देखने को मिल रही थी। लेकिन शासन के डंडे ने शासकीय चिकित्सकों की मनमानी पर अंकुश लगाने का काम किया है।

क्लीनिक में देखना, अस्पताल मे भर्ती करना : शासकीय चिकित्सक मरीजों को अपने बंगले मे देख रहे हैं और बदले में उनसे मोटी फीस ले रहे हैं। भर्ती करने की आवश्यकता महसूस हुयी तो उन्हें शासकीय अस्पताल में भर्ती भी करवा रहे हैं। महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यहां पदस्थ डॉक्टर जिन मरीजों को अपने बंगले में देखते हैं, केवल उन्हें ही देखने अस्पताल पहुंचते हैं।

मनमानी फीस : शासकीय डॉक्टरों द्वारा मरीजों से मनमानी फीस वसूली जा रही है। संजय गांधी अस्पताल, गांधी मेमोरियल अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों द्वारा एक मरीज से कम से कम दो सौ रुपये और अधिक से अधिक पांच सौ रुपये लिया जा रहा है। उनके द्वारा मनमानी ली जा रही फीस पर कोई अकुश नहीं है।

चिह्नित स्थानों में मरीजों की भीड़ : शासकीय अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों के आवास के लिये बनी डॉक्टर कॉलोनी, न्यू डॉक्टर कॉलोनी एवं सिरमौर चौराहा निजी क्लीनिक का हब बन गया है। यहां मरीजों की भारी भीड़ हमेशा देखी जा सकती है। इन स्थानों में मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, डेंटिस्ट आदि मर्ज के विशेषज्ञों की बहुतायत है। साथ ही अधिकांश निजी नर्सिंग होम मे भी डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस की जा रही है।


Aaryan Dwivedi

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