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रीवा : जांच में प्रमाणित भ्रष्टाचार की फाइलें हो गईं दफन...
एक तरफ तो सरकार हर विभाग के माफियाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दे रही है, वहीं दूसरी तरफ पंचायती राज के वे माफिया जिनके खिलाफ जांच प्रमाणित है, उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे कई मामलों में जहां सरपंच और सचिव कीे जोड़ी ने विकास कार्य के नाम सरकारी रकम की बंदरबांट कर ली है, या वे माफिया की श्रेणी में नहीं आते हैं। जिले में 827 पंचायतों में शायद ही अपवाद स्वरूप कोई ऐसी पंचायत हो जहां भ्रष्टाचार न हुआ हो। अधिकांश पंचायतों में जांच में मामले लंबित हैं, परंतु जहां जांच में प्रमाणित पाए गए हैं,वहां भी अधिकारी संरक्षण देकर प्रदेश के सीएम कमनलाथ की प्राथमिकता वाली योजना को पलीता लगा रहे हैं।
14 पंचों ने की थी शिकायत एक ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत रायपुर कर्चुलियान का सामने आया है जहां के सरपंच एवं तत्कालीन सचिव अंजनी पटेल एवं वर्तमान सचिव सुरेन्द्र पाण्डेय के विरुद्ध ग्राम पंचायत के 14 पंचों ने 9 बिन्दुओं पर भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद आयुक्त रीवा संभाग के निर्देश पर जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान में पदस्थ खण्ड पंचायत अधिकारी बी.एल.मांझी ने जांच की थी। उनके प्रतिवेदन में तत्कालीन सचिव अंजनी पटेल एवं वर्तमान सचिव सुरेन्द्र पाण्डेय को प्रथम दृष्टया दोषी पाया। जिसमें शान्तीधाम निर्माण में व्यय 7.50 लाख, शौचालय निर्माण 35000 रुपये तथा पीसीसी निर्माण में व्यय राशि 785400 रुपये कुल 1570400 रुपये का भ्रष्टाचार ग्राम पंचायत सरपंच रायपुर कर्चुलियान से मिलकर तत्कालीन सचिव एवं वर्तमान सचिव ने किया है जो जांच में प्रमाणित हुआ है। जांच को पांच माह पूरे हो गए हैं। आज तक कार्रवाई नहीं हुई। नागेन्द्र सिंह कल्चुरी जिला संयोजक भारतीय जनता पार्टी, झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ जिला रीवा ने मामले में कार्रवाई की मांग की है। सहकारी समिति का घोटाला दबा : जिले के मऊगंज तहसील के अन्तर्गत सहकारी समिति पन्नी जिला रीवा के अध्यक्ष और चेयरमैन रामदरस मिश्रा और सैल्स मैन के विरुद्ध 2004-2005 ऑडिट रिपोर्ट में 1 करोड़ 36 लाख का ऑडिटर के द्वारा जिनके ऊपर गबन का प्रकरण पाया गया था, जिसके अन्तर्गत आर्थिक अपराध अन्वेषण यूरो रीवा द्वारा चेयरमैन रामदरस मिश्रा और सैल्समैन के विरुद्ध भा.द.सं. की धारा के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। लेकिन आज दिनांक तक इनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इस पूरे मामले में ईओडलू ने भा.द.सं. की धारा और अपराध क्र.08/05 के अन्तर्गत धारा 120वी, 420वी, 447, 468 व दण्ड विधान 13/1 डी और 13/2 का प्रकरण पंजीबद्ध किया था, लेकिन प्रकरण पंजीबद्ध करने के उपरांत भी आज दिनांक तक न्यायालय में किसी भी प्रकार का कोई चालान आदि पेश नहीं किया गया है और न ही संबंधित के विरुद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई है। जबकि इस मामले को 2016 में देवतालाब से बीजेपी विधायक गिरीश गौतम विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भी उठा चुके हैं। एक मामला यह भी:इसी तरह जिले की हुजूर तहसील में संगठित भूमाफिया ग्राम पिपरा 375 तथा बनकुइया सर्किल में ग्राम नरौरा 309 में हुए भूमि घोटाले की फाइल भी दबी है।