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रीवा के इस कद्दावर नेता ने थामा कांग्रेस का हाँथ, मची हलचल

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:04 AM GMT
रीवा के इस कद्दावर नेता ने थामा कांग्रेस का हाँथ, मची हलचल
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भोपालः जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, वैसे वैसे राजनीतिक उठापटक बढ़ती जा रही है। अपने दल से खफा नेता अन्य दलों का दामन थामकर नई राजनीतिक पारी शुरू करने में जुटे हुए हैं। फिलहाल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस को इसका लाभ मिल रहा है। दो दिनों पहले प्रदेश भाजपा को झटका देने वाली कमलनाथ सरकार ने रविवार को बसपा प्रमुख मायावती को बड़ा झटका दिया है। मध्य प्रदेश में बिना गठबंधन के खुद के दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाए बैठी बीएसपी को इस उलट फेर से खासा नुकसान हो सकता है। दरअसल, बसपा के गढ़ रीवा में बीएसपी के कद्दावर नेता और पूर्व बसपा सांसद देवराज पटेल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उन्होंने रविवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के हाथों कांग्रेस की सदस्यता ली और सूबे की सत्ता में शामिल कांग्रेस के साथ चल पड़े हैं। लोकसभा चुनाव में अब गिनती के दो महीने ही शेष रह गए हैं। ऐसे में दिग्गज नेताओं का पार्टी का दामन छोड़ना बड़ा नुखसान साबित हो सकता है।

शबरी महाकुंभ से थामा कांग्रेस का दामन

आपको बता दें कि, रविवार को प्रदेश के उमरिया में हुए शबरी महाकुंभ कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री सचिन यादव, विधायक बिसाहू लाल सिंह समेत कोल समाज के देश भर से आए नेता और हजारों की तादाद में समाज के महिला पुरुष शामिल हुए थे। इस दौरान बसपा के रीवा से पूर्व सांसद देवराज सिंह पटेल, बसपा प्रदेश प्रभारी शैलेन्द्र श्रीवास्तव समेत 37 नेता और कार्यकर्ता शबरी महाकुंभ के मंच पर कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए। पटेल 2003 में रीवा संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए थे। पटेल ने कहा कि उन्होंने सही समय पर सही निर्णय लिया है वे संतुष्ट है कि कांग्रेस में वे शामिल होकर जनता के लिए काम करेंगे।

इससे पहले भाजपा को भी लग चुका है झटका

इससे पहले सीएम कमलनाथ ने शनिवार को प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल भाजपा को बड़ा झटका दिया था। राज्य के नौ जिला पंचायत अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली थी। राजधानी के लाल परेड मैदान में पंचायत राज प्रतिनिधियों, स्व सहायता समूहों के अध्यक्षों और पंचायत सचिवों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ और पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल की मौजूदगी में नौ जिला पंचायत अध्यक्ष ने कांग्रेस में शामिल हुए थे।

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