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रीवा के 8 विधायकों ने मिलकर घेरा नगर निगम आयुक्त सभाजीत यादव को, जाँच के लिए आयी टीम, विधायक राजेन्द्र शुक्ला को नोटिस भेज खुद फंस गए नगर निगम आयुक्त
रीवा. नगर निगम आयुक्त द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे गए पत्र और विधायक राजेन्द्र शुक्ला को 4.94 करोड़ रुपए की वसूली नोटिस दिए जाने के मामले में कईविधायकों ने विधानसभा के प्रमुख सचिव को शिकायती पत्र देकर कहा था कि रीवा नगर निगम के आयुक्त सभाजीत यादव मध्यप्रदेश प्रक्रिया तथा कार्यसंचालन संबंधी नियम १६४ के तहत विशेषाधिकर हनन कर रहे हैं। उन पर कार्रवाई होना चाहिए। पत्र में यह भी कहा गया कि अनावश्यक रूप से पत्रों में उल्लेख कर उक्त बातों को समाचार पत्रों में भी प्रकाशित कराया गया है। इस तरह का आचरण विधायी कार्यों में अनावश्यक गतिरोध उत्पन्न करता है साथ ही जनप्रतिनिधित्व को भी प्रभावित करता है। इसलिए निगम आयुक्त पर कार्रवाईकी जाए। यह पत्र विधानसभा के पूर्वअध्यक्ष एवं होशंगावाद-इटारसी विधायक सीतासरन शर्मा, विजयराघवगढ़ कटनी के विधायक संजय पाठक, सेमरिया के विधायक केपी त्रिपाठी आदि ने प्रमुख सचिव विधानसभा को लिखा था।
जिस पर विधायकों को बताया गया है कि पत्रों का परीक्षण करने के बाद जांच कार्रवाईके लिए विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया है। बता दें कि नगर निगम आयुक्त ने विधायक एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को आइएचएसडीपी योजना में जबरिया मकान में कब्जा दिलाने के आरोप में जिस राशि का निगम को नुकसान हुआ है, उसकी वसूली के लिए पत्र भेजा था। इस मामले में शुक्ला ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया था कि आयुक्त सभाजीत यादव की पत्नी ने कांग्रेस की टिकटपर विधानसभा का चुनाव लड़ा था। जिस पर पलटवार करते हुए आयुक्त ने चौहान को पत्र भेजा कि जहां तक मुझे ज्ञात हैकि मेरी पत्नी ने कांग्रेस की टिकट पर कभी चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने तंज कसते हुए इतना जरूर मेरे पास लोग शिकायत लेकर आते हैं कि आपकी पत्नी के डंफर जहां पर खड़े होते हैं, वहां पर साफ सफाईकराईजाए। इसके बाद से बवाल मचा हुआ है, भाजपा के नेताओं ने कईबार निगम कार्यालय में प्रदर्शन किया है।