रीवा

रीवा की मुस्लिम महिला को झटका, हाईकोर्ट ने कहा: मुस्लिम महिलाएं नहीं कर सकती हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत भरण-पोषण दिलाने का दावा

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 5:56 AM GMT
रीवा की मुस्लिम महिला को झटका, हाईकोर्ट ने कहा: मुस्लिम महिलाएं नहीं कर सकती हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत भरण-पोषण दिलाने का दावा
x
Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

रीवा/जबलपुर। कोई भी मुस्लिम महिला हिंदू विवाह अधिनियम में दी गई व्यवस्था के तहत पति से भरण-पोषण राशि दिलाए जाने का दावा नहीं कर सकती। ऐसा इसलिए, क्योंकि मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए हिंदू विवाह अधिनियम से अलग नियम-कानून निर्धारित किए गए हैं। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ ने उक्त टिप्पणी के साथ सिविल कोर्ट द्वारा रीवा जिला अंतर्गत सिरमौर निवासी मुस्लिम महिला बेगम कनीज फातिमा के पक्ष में पारित 2500 रुपये मासिक भरण-पोषण राशि दिए जाने का आदेश विधिसम्मत न होने के कारण निरस्त कर दिया।

उक्त आदेश हिंदू विवाह अधिनियम के तहत सुनाया गया था। कोर्ट ने इसे अनुचित पाया। साफ किया कि यदि मुस्लिम महिला को गुजारा-भत्ता की दरकार है तो वह अपने समुदाय के लिए निर्धारित कानूनी प्रावधानों को रेखांकित कर दावा पेश करे। मुस्लिम महिलाओं के लिए मुस्लिम लॉ में प्रावधान हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मोहम्मद हसन की ओर से अधिवक्ता एच. हुसैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-24 और आइपीसी की धारा-151 के तहत भरण-पोषण राशि का दावा सिर्फ हिंदू महिलाएं कर सकती हैं न कि मुस्लिम महिलाएं। उनके लिए पृथक कानूनी प्रावधान है। इस संबंध में बॉम्बे हाई कोर्ट का न्यायदृष्टांत उल्लेखनीय है। हाई कोर्ट ने सभी तर्को को सुनने के बाद सिविल कोर्ट का आदेश निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश पारित किया।

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story