रीवा

ये है आज की ''सरकारी समाचार'' : REWA NEWS

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:12 AM GMT
ये है आज की सरकारी समाचार : REWA NEWS
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माफिया के विरूद्ध निर्भय होकर प्रभावी कार्यवाही करें - कमिश्नर डॉ. भार्गव माफिया पर कार्यवाही से आमजन में जायेगा अच्छा संदेश - पुलिस महानिरीक्षक रीवा । कमिश्नर कार्यालय सभागार में माफिया के विरूद्ध कार्यवाही की संभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि सभी कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक माफिया के विरूद्ध निर्भय होकर कार्यवाही करें। शासन के निर्देशों के अनुसार हर जिले में खनिज सहकारिता, शिक्षा, परिवहन, मादक पदार्थों के अवैध व्यापार, अवैध निर्माण, भूमि विक्री तथा सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले माफिया चिन्हित हैं। बड़े माफियाओं पर कार्यवाही होगी तो सुधार होगा। माफिया पर कार्यवाही करते समय किसी गरीब और कानून का पालन करने वालों को तंग न करें। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक श्री चंचल शेखर ने कहा कि माफिया पर कार्यवाही करके उसका व्यापक प्रचार प्रसार करायें। इससे आमजनता में अच्छा संदेश जायेगा। सरकार ने अधिकारियों को माफिया के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए पूरे अधिकार दिये हैं। बैठक में कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि फर्जी दस्तावेज बनाकर भूमि हड़पने वाले, एक ही जमीन की कई लोगों को रजिस्ट्री करने वाले तथा खनिज पदार्थों के अवैध परिवहन में लिप्त माफियाओं पर कठोर कार्यवाही करें। कोरेक्स, गाजा तथा अन्य मादक पदार्थों के व्यापार में लिप्त पाये जाने वाले वाहनों को राजसात करें। मेडिकल स्टोर का नियमित निरीक्षण करें। इनमें अवैध दवाओं तथा मादक पदार्थों की विक्री पाये जाने पर दुकान सीज करने तथा लायसेंस निरस्त करने की कार्यवाही करें। चिटफन्ट कंपनी तथा भवन निर्माण सहकारी समितियों में भी माफिया लिप्त हैं। इनमें भी कार्यवाही करें। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि सभी खनिज अधिकारी स्वीकृत खदानों में बोर्ड लगवाना सुनिश्चित करें। उसमें खदान का क्षेत्र फल अवधि तथा अन्य आवश्यक जानकारियां एवं अनुबंध की शर्तों का उल्लेख करायें। बोर्ड न लगाने वाले तथा अनुबंध का उल्लंघन करने वालों पर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही करें। सभी कलेक्टर अभियान चलाकर स्कूलों एवं अन्य शासकीय भवनों तथा भूमियों पर किये गये अतिक्रमण को कठोरता से हटायें। सतना जिले में अभी तक सबसे अच्छी कार्यवाही की है। सीधी तथा सिंगरौली जिले भी प्रभावी कार्यवाही करें। रीवा जिले में 91 प्रकरणों में कार्यवाही की गयी है तथा 74 अवैध निर्माण कार्य तोड़े गये हैं। सतना में 85 प्रकरणों में कार्यवाही करते हुए 262 अवैध निर्माण तोड़े गये हैं। यहां 22.58 करोड़ मूल्य की जमीन माफिया के कब्जे से मुक्त करायी गयी है। पूरे संभाग में अवैध खनिज पदार्थो के परिवहन में लिप्त 233 वाहन 2 पोलीन मशीनें, 09 जेसीबी मशीनें तथा 2 कम्प्रेसर जप्त किये गये हैं। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि खनिज तथा परिवहन अधिकारी, पुलिस विभाग के साथ समन्वय से कार्यवाही करें। सभी जिलों में अवैध कार्यों में लिप्त तथा माफियाओं को चिन्हित कर दिया गया है। इनकी सम्पतियों को जप्त करने की कार्यवाही करें। मादक पदार्थो के अवैध व्यापार, जमीन के अवैध लेने देन, वाहनों के अवैध संचालन तथा खनिज माफिया पर प्रभावी कार्यवाही करें। इसके लिए स्पष्ट निर्देश जारी किये जा चुके हैं। बैठक में रीवा संभाग में माफिया के विरूद्ध की गयी कार्यवाहियों की बिन्दुवार समीक्षा की गयी। बैठक में कलेक्टर रीवा बसंत कुर्रे, कलेक्टर सतना सत्येन्द्र सिंह, कलेक्टर सिंगरौली के.व्ही.एस. चौधरी, प्रभारी कलेक्टर सीधी सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक, संयुक्त आयुक्त पी.सी. शर्मा, उप संचालक सतीश निगम, खनिज अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। फेटो-8 ---------------- अनुसूचित जाति - जनजाति के प्रकरणों में संवेदनशीलता से कार्यवाही करें - कमिश्नर अनुसूचित जाति जनजाति के अत्याचार पीड़ितों को समय पर राहत दें - कमिश्नर

रीवा । अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण नियम 1995 के तहत गठित संभाग स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रकरणों में संवेदनशीलता से कार्यवाही करें। इन्हें समय पर राहत राशि प्रदान करें। अनुसूचित जाति तथा जनजाति का कल्याण सरकार की सर्वोच प्राथमिकता में शामिल हैं। इसमें लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। सभी कलेक्टर अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों की नियमित समीक्षा करें। सभी अनुभागों में भी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों की समीक्षा करके एसडीएम हर माह रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कमिश्नर ने कहा कि अनुसूचित जाति तथा जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के पक्षकारों को न्यायालय में आने अथवा थाने में आने पर उन्हें मनरेगा की दर पर मजदूरी, आने जाने का किराया एवं भोजन भत्ता प्रदान करें। ट्रायवल विभाग के अधिकारी सभी थानों में अधिनियम के प्रावधानों के तहत मिलने वाली राहत राशि एवं पुर्नवास की अन्य सुविधाओं की जानकारी का फ्लैक्स लगवायें। उनके कल्याण की सभी योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करायें। इसके लिए संभाग तथा जिला स्तर में कार्यशालाएँ आयोजित करके पुलिस एवं राजस्व अधिकारियों को योजनाओं की जानकारी दें। जिससे अत्याचार से पीड़ितों को अधिकतम राहत एवं लाभ पहुंचाया जा सके। बैठक में कमिश्नर ने कहा कि सीधी जिले में आवंटन के अभाव में राहत राशि के 5 प्रकरण लंबित हैं। इनके लिए तत्काल राशि की मांग करें। पूरे संभाग में राहत राशि के 238 प्रकरणों में 298.49 लाख रूपये की राहत राशि स्वीकृत एवं वितरित की गयी है। पीड़ितों को यात्रा भत्ता भरण पोषण के लिए भी पर्याप्त राशि उपलब्ध है। न्यायालय में पूरे संभाग में 1514 प्रकरण लंबित हैं इनके निराकरण के लिए प्रयास करें। सभी एडीपीओ पीड़ितों तथा गवाहों को उचित मार्गदर्शन एवं कानूनी सलाह दें जिससे दोषियों को सजा दिलाई जा सके। भय तथा दबाव के कारण कई बार पीड़ित पक्षकार राजीनामा कर लेता है। ऐसे पीड़ितों को सही मार्गदर्शन मिले तो उनका मनोबल बढ़ेगा और गवाह सही बात न्यायालय में कह पायेंगे। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक श्री चंचल शेखर ने कहा कि ट्रायबल विभाग के अधिकारी सभी थानों में पर्याप्त संख्या में जाति प्रमाण पत्र के लिए फार्म उपलब्ध करा दें यदि पीड़ित के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं होगा तो थाना प्रभारी फार्म को भरकर एसडीएम कार्यालय से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेंगे। इससे पीड़ित को समय पर राहत राशि मिलेगी। सभी पुलिस अधीक्षक प्रकरणों की दो माह की समय सीमा में विवेचना सुनिश्चित करायें। इसका पालन न करने पर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने डॉक्टरों द्वारा एमएलसी एवं पोस्ट मार्टम रिपोर्ट स्पष्ट रूप से लिखने का सुझाव दिया। इस संबंध में कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि सभी डॉक्टर एमएलसी एवं पोस्ट मार्टम रिपोर्ट टाइप कराकर भेंजे । इस संबंध में सभी सीएमएचओ को तत्काल निर्देश जारी करें। बैठक में कलेक्टर रीवा बसंत कुर्रे, कलेक्टर सतना सत्येन्द्र सिंह, कलेक्टर सिंगरौली के.व्ही.एस. चौधरी, प्रभारी कलेक्टर सीधी सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक, उपायुक्त ट्रायबल आयुक्त पी.सी. शर्मा, उप संचालक सतीश निगम, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं जिला संयोजक तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। ------------------------------------------- मजबूत इरादों के साथ चुनौतियाँ का सामना करते हुए निरंतर आगे बढ़े - कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव मूकबधिर विद्यालय की छात्राओं का पुरस्कार वितरण कार्यक्रम संपन्न

रीवा । महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली विजेता एवं उप विजेता मूकबधिर छात्राओं को आज रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने पुरस्कृत किया। स्थानीय मूकबधिर विद्यालय में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि सभी बच्चे दिव्यांगता की चुनौती का मजबूत इरादों व दृढ़ संकल्प शक्ति के साथ मुकाबला करते हुए उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने का प्रयास कर सफलता प्राप्त करें। प्रतिस्पर्धा में विजयी हुए प्रतिभागियों को बधाई देते हुए पूरे मनोयोग से आने वाली प्रतियोगिताओं में जीतने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास विभाग द्वारा बालिका दिवस पर इस प्रकार के आयोजन सराहनीय हैं जिनके द्वारा बालिकाओं की छुपी हुई प्रतिभाएँ निखरकर सामने आती है। कमिश्नर ने कहा कि विश्व एवं भारत में अनेक दिव्यांग विभूतियाँ हुई जिन्होंने अपने मजबूत इच्छाशक्ति व दृढ़ इरादों से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभाओं का लोहा मनवाया तथा इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों से लिख दिया इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का प्रयास करें तो सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि समाज में बेटियों को बराबरी का हक मिले व उनके विषय में नकारात्मक भावना न हो ऐसा वातावरण पैदा किया जाय। आज बेटियाँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं जरूरत इस बात की है कि उनका हौसला बढ़ाया जाय। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने मूकबधिर विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया। इस अवसर पर संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास ऊषा सिंह सोलंकी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय, सहायक संचालक आशीष दुबे, प्राचार्य सुभाष कुमार शर्मा, शिक्षक राकेश मिश्रा, लक्ष्मण मिश्रा, श्रीमती दीपशिखा बक्सी, आर.एस. विश्वकर्मा, एसडीएम त्रिपाठी, शिवबली त्रिपाठी सहित विद्यालय के कर्मचारी व छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। फेटो-9 -----------------

जनगणना के लिए नईगढ़ी एवं गुढ़ में प्रशिक्षक तैनात

रीवा । पूरे जिले में वर्ष 2021 की जनगणना के लिए तैयारियां की जा रही हैं। मकान सूचीकरण तथा जनगणना पंजी तैयार करने के लिए तैनात किये गये अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके लिए कलेक्टर एवं प्रमुख जनगणना अधिकारी बसंत कुर्रे ने नईगढ़ी तथा गुढ़ तहसील के लिए फील्ड ट्रेनर तैनात किये हैं। इन्हें जनगणना निर्देशालय के निर्देशों के अनुसार जनगणना कार्य का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये गये हैं। कलेक्टर ने नईगढ़ी तहसील के लिए व्याख्याता एस.के. शर्मा, प्रधानाध्यापक नागेन्द्र बहादुर सिंह, व्याख्याता आर.बी. सिंह, व्याख्याता रजनीश कुमार पटेल तथा व्याख्याता अशरफ खान को तैनात किया है। नगर परिषद नईगढ़ी में व्याख्याता हनुमान प्रसाद कुशवाहा प्रशिक्षण देंगे। तहसील गुढ़ में प्राचार्य डॉ. विनय मिश्रा, व्याख्याता गायत्री प्रसाद मिश्रा, उच्च श्रेणी शिक्षक ब्रम्हानंद मिश्रा तथा उच्च श्रेणी शिक्षक रमेश पाण्डेय को फील्ड ट्रेनर नियुक्त किया गया है। नगर परिषद गुढ़ में व्याख्याता रामनरेश द्विवेदी प्रशिक्षण देंगे। -------------------------------- संभागीय टीएल बैठक का आयोजन 3 फरवरी को

रीवा । ेकमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव की अध्यक्षता में संभागीय टीएल बैठक 3 फरवरी को प्रातः 11 बजे से आयोजित की गई है। बैठक कमिश्नर कार्यालय के सभागार में होगी। बैठक में ऊर्जा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, औद्योगिक केन्द्र विकास निगम तथा उपार्जन (खाद्य नियंत्रक रीवा) विभाग द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। बैठक में समस्त संभाग स्तरीय अधिकारियों से उपस्थित रहने के निर्देश दिये गये हैं। ’---------------------------- बाल विवाह न करवायें, यह अपराध तथा एक सामाजिक बुराई है रीवा । कलेक्टर बसंत कुर्रे ने अपील की है कि अपने बेटी बेटों का बाल विवाह न करायें यह सामाजिक कुरीति के साथ अपराध भी है। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया पर सचेत रहे कि बाल विवाह न होने पाये। कलेक्टर श्री कुर्रे ने लाड़ो अभियान योजना के अंतर्गत बाल विवाह की रोकथाम के लिये उड़न दस्ता दल गठित किया है। उड़न दस्ता दल में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, पुलिस थाना प्रभारी एवं ग्रामीण क्षेत्र के सचिव को शमिल किया है। कलेक्टर ने कहा है कि अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह होने की संभावना होती है। बाल विवाह को देखते हुए जिले में होने वाले विवाहों में पर शासन की पैनी नजर है। विवाह मूहुर्तों पर होने वाले विवाहों में बाल विवाह की पहचान कर उसकी रोकथाम हेतु शासन-प्रशासन अलर्ट पर है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह से आशय है कि ऐसे विवाह से है जिसमें 18 वर्ष की आयु के कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह हो रहा है, ऐसे विवाह कानूनन अपराध है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय ने बताया कि बाल विवाह जैसी गंभीर कुरीति को दूर करने हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 पारित किया गया है। इस कानून में पीड़ितों को सुरक्षा व राहत प्रदान करने के साथ-साथ ऐसे विवाह को प्रोत्साहन, मदद देने या विवाह संपन्न कराने के अपराध में जुर्माना, जेल, कारावास की सजा का प्रावधान है। बाल विवाह कराना व उसमें सहयोग करना, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत गैर कानूनी है। ऐसा करने पर 2 वर्ष तक का सश्रम कारावास या एक लाख रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। कानून 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह कराना गैर कानूनी है। श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय ने शासन की ओर से बाल विवाह को चिन्हित करने हेतु जिले के प्रबुद्ध नागरिको, धर्मगुरूओं, गैर सरकारी संगठन के पदाधिकारियों, विवाह से संबंधित विभिन्न घटकों (विवाह घर, संचालकों, बैंडदल, प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, केटरर्स ) आदि से अपील की है उक्त आयोजनों में होने वाले विवाह के साथ बाल विवाह न होने पाये इस बात को विशेष रूप से प्राथमिकता देंवे, संभव हो तो विवाह संबंधी कार्य लेने से पूर्व भावी वर एवं वधू का आयु संबंधी प्रमाण पत्र अवश्य लें। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले में बाल विवाह की रोकथाम हेतु चलाए जा रहे अभियान में यथा संभव मदद करें। बाल विवाह की शिकायत चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर अपने निकटम थाने, महिला बाल विकास के परियोजना कार्यालय या उड़न दस्ता दल के किसी भी सदस्य को की जा सकती है। आप सभी से अनुरोध है कि बाल विवाह की रोकथाम हेतु प्रशासन का सहयोग करें। ------------------------------------

सभी अधिकारी समय सीमा में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें - कलेक्टर

रीवा । कलेक्टर बसंत कुर्रे ने आवेदन पत्रों में समय सीमा में कार्यवाही न करने तथा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने सभी एसडीएम, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, सीएमओ एवं कार्यालय प्रमुखों को निर्देश देते हुए कहा है कि जांच प्रतिवेदन समय सीमा में प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री कार्यालय एवं विभिन्न आयोगों तथा वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त पत्र कार्यवाही कर समय सीमा में प्रतिवेदन देने के लिए कलेक्टर कार्यालय से भेजे जाते हैं। आपके द्वारा समय सीमा में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत न करने पर वरिष्ठ कार्यालयो को जानकारी दिया जाना संभव नहीं होता है। कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय तथा अन्य वरिष्ठ कार्यालयों से प्राप्त पत्रों को सभी अधिकारी पृथक पंजी में संधारित करें। उनमें वांछित कार्यवाही करके समय सीमा में प्रतिवेदन दें। यदि अंतिम रूप से प्रतिवेदन दिया जाना संभव न हो तो अंतरिम उत्तर प्रस्तुत करें। साथ ही इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख करें की अंतिम प्रतिवेदन किस दिनांक तक प्रस्तुत होगा। कार्यालय में लंबित आवेदन पत्रों के निराकरण की प्रतिदिन समीक्षा करें। ऐसा करने पर लगभग 90 प्रतिशत आवेदन पत्र निराकृत हो जायेंगे। विभिन्न कारणों से केवल 10 प्रतिशत आवेदन लंबित रहेंगे। कलेक्टर ने कहा कि शिकायतों की जांच करते समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें की जिन अधिकारियों अथवा कर्मचारी के विरूद्ध शिकायत की गयी है उनसे ही प्रकरण की जांच न करायें। जांच के बाद प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से अपना अभिमत दर्ज करें। आवेदक कई बार अपनी शिकायत जिला स्तर पर दर्ज करने के साथ उसे मंत्रालय तथा वरिष्ठ कार्यालयों को भी भेज देते हैं। जांच प्रतिवेदन के तथ्यों की जानकारी उन सभी कार्यालयों को प्रेषित करें जहां शिकायतें की गयी हैं। कई आवेदन पत्र केवल इस लिए लंबित हैं कि उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यदि हम थोड़ा सा प्रयास करें कि आवेदन पत्र को ठीक से समझ लें तो उनका निराकरण सरलता से हो जायेगा। कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी प्रयास करें तो आवेदन पत्रों के निराकरण में हम प्रदेश में स्थान प्राप्त कर सकते हैं। इससे हमें तो संतोष मिलेगा ही कई जरूरतमंद तथा पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ एवं न्याय भी प्राप्त हो सकेगा। आवेदन पत्रों के निराकरण में लापरवाही सहन नहीं की जायेगी। --------------------------------------

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