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मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं ये दिग्गज नेता, अजय सिंह जैसे दिग्गज नेता को हराकर सीधी सांसद रीति पाठक भी मंत्री की रेस में, देखे लिस्ट
भोपाल। नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। साथ ही मोदी कैबिनेट में नौरत्न भी शपथ लेने वाले हैं। मोदी कैबिनेट पर देशभर के साथ ही मध्यप्रदेश की भी निगाह लगी हुई है। क्योंकि इस कैबिनेट में मध्यप्रदेश के कितने मंत्री शपथ लेने जा रहे हैं।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मध्यप्रदेश के खाते से कई केंद्रीय मंत्री शामिल थे। इनमें नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेंद्र खटीक, थावरचंद गहलोत, प्रकाश जावड़ेकर, सुषमा स्वराज, धर्मेंद्र प्रधान, एमजे अकबर, दिवंगत अनिल माधव दवे मोदी मंत्रिमंडल में शामिल थे। इनके अलावा इंदौर से सांसद रही सुमित्रा महाजन लोकसभा अध्यक्ष रह चुकी है।
तो नए चेहरे होंगे शामिल मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में मध्यप्रदेश से सात सांसद मंत्रिमंडल में शामिल किए गए थे। इनमें नरेंद्र सिंह तोमर, एवं सुषमा स्वराज लोकसभा सांसद रहे, जबकि बाकी मंत्री मध्यप्रदेश कोटे से राज्यसभा सांसद थे। चर्चा है कि इस बार मध्यप्रदेश के कोटे के मंत्री पद पर नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। क्योंकि सुषमा स्वराज ने चुनाव नहीं लड़ा, अनिल माधव दवे का निधन हो गया था। एमजे अकबर मीटू मामले में इस्तीफा दे चुके हैं।
इन दिग्गजों को मिल सकता है मौका राजनीति गलियारों में चर्चा है कि मध्यप्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर, दलित चेहरा थावरचंद गहलोत, वीरेंद्र कुमार खटीक,प्रहलाद पटेल को मोदी सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।
नरेंद्र सिंह तोमर तीसरी बार सांसद बनने वाले नरेंद्र सिंह तोमर को इस बार भी जगह मिलना तय है। वे पिछली सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। मध्यप्रदेश के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहने के साथ ही संगठन और मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं के साथ अच्छा-खासा तालमेल भी है।
राकेश सिंह वर्तमान में मध्यप्रदेश के भाजपा अध्यक्ष राकेश चौधरी जबलपुर से चौथीबार सांसद बने हैं। उन्होंने कांग्रेस के विवेक तन्खा को लगातार दूसरी बार हराया। वे 16वीं लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक भी रह चुके हैं। राकेश संसदीय कार्य के अच्छे जानकार हैं होने के साथ ही अच्छे वक्ता भी हैं।
थावरचंद गहलोत पिछली मोदी सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री थे थावरचंद गहलोत। गहलोत चार बार संसद सदस्य चुने जा चुके हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी के रूप में भी उनकी भूमिका अहम रही। गहलोत का नाम पिछली बार राष्ट्रपति पद के लिए भी चला था।
डॉ. वीरेंद्र खटीक सातवीं बार सांसद रहे डॉ. वीरेंद्र खटीक पिछली सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण और महिला बाल विकास विभाग के राज्यमंत्री थे। वे अपनी जनता चौपाल के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं।
प्रहलाद पटेल पांचवीं बार के सांसद प्रहलाद पटेल अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर-पूर्व के राज्यों में काम के लिए भेजा था। इन राज्यों में भाजपा को अच्छी सफलता मिली। इस कारण इसे अच्छा परफॉर्मेंस माना जा रहा है। इस बार उन्होंने काफी अंतर से जीत दर्ज की है।
धर्मेंद प्रधान उड़ीसा के धर्मेंद्र प्रधान मध्यप्रदेश के जरिए राज्यसभा में पहुंचे हैं। इस बार धर्मेंद्र प्रधान के ही नेतृत्व में भाजपा ने उड़ीसा का विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव प्रधान लड़ा था। विधानसभा में 13 सीटें बढ़ाकर भाजपा वहां दूसरे नंबर पर आ गई। बीजेपी की दो से 8 सीटें हो गईं।
फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से सांसद चुने गए फग्गन सिंह कुलस्ते पिछली मोदी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। आदिवासी चेहरा होने के नाते फग्गन सिंह को फिर से मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
नंदकुमार सिंह चौहान छठी बार सांसद चुने गए नंदकुमार सिंह चौहान राकेश सिंह से पहले मध्यप्रदेश के भाजपा अध्यक्ष थे। वे शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी माने जाते हैं। इस बार इन्हें भी मौका मिल सकता है। हालांकि चौहान कई बार विवादित बयान देकर पार्टी की किरकिरी करा चुके हैं।
रीति पाठक मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह जैसे दिग्गज नेता को हराने वाली सीधी की सांसद रीति पाठक को भी मंत्री बनने की उम्मीद है। वे दूसरी बार सांसद चुनी गई हैं। ऐसी चर्चा है कि वे भी मंत्री बनने की रेस में शामिल हो सकते हैं।
बढ़ेगा विजयवर्गीय का कद सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में भाजपा की बड़ी जीत के बाद प्रोत्साहन स्वरूप मध्यप्रदेश के भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का कद बढ़ाया जा सकता है। हालांकि उन्हें सरकार या संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। चर्चा है कि मोदी कैबिनेट में या संगठन में मध्यप्रदेश का कद कितना बढ़ता है।