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बड़ी खबर : रीवा सहित इन शहरों को मिनी सिटी का तोहफा, अब ऐसे होगा आपका शहर...
भोपाल। कांग्रेस सरकार नगरीय निकाय चुनाव के ठीक पहले प्रदेश के 9 नगर निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी की सौगात दे सकती है। इस योजना में वे निगम शामिल किए जाएंगे जो केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल नहीं है।
मिनी स्मार्ट सिटी की रूप रेखा निगम निगमों की जरूरतों के अनुसार तैयार की जाएगी। प्रत्येक नगर निगम की कोई न कोई अपनी एक विशेष सेवा होगी जो अन्य नगर निगमों से बिल्कुल अलग तथा स्मार्ट होगी। मिनी स्मार्ट सिटी के लिए मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास निधि से पांच सौ करोड़ बजट में रखने का प्रस्ताव है।
मिनी स्मार्ट सिटी के लिए चरण बद्ध विकास का प्लान तैयार किया जा रहा है। इन शहरों में सबसे पहले रिंग रोड बनाई जाएगी। इस रोड को स्टेट और नेशनल हाइवे सेे जोड़ते हुए शहर के मुख्य मार्गो से मिलाया जाएगा। जिससे लंबी दूरी तय करने वाले यात्री और भारी वाहन शहर के अंदर प्रवेश न कर पाएं।
इसके बाद सीवेज नेटवर्क को मजबूत कर उसे ट्रटमेंट प्लांट से जोड़ा जाएगा। इस व्यवस्था से शहर को प्रदूषण गंदगी से पूरी तरह से मुक्त किया जा सकेगा।
जिन शहरों में रिंग रोड और सीवेज नेटवर्क पहले से है वहां वहां शहर के अंदर की सड़कों और फ्लाई ओवर तथा नई स्मार्ट सड़के बनाई जाएंगी। मिनी स्मार्ट सिटी बनाने से पहले नगर निगमों से उनकी जारूतों के अनुसार कांसेप्ट प्लान बुलाया जाएगा।
कांसेप्ट प्लान पर वहां के नगर निगमों के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी, इसके बाद मिनी स्मार्ट सिटी के स्वरूप को अंतिम रूप दिया जाएगा। रिंग रोड़ बनाने का काम एमपीआरडीसी करेगा और उसकी लागत राशि टोल से वसूल की जाएगी। मिनी स्मार्ट सिटी में 24 घंटे पानी, कचरा प्रबंधन और लोक परिवहन सेवाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
बनेगा मास्टर प्लान
सभी नगर निगमों को अब अपना मास्टर प्लान बनाना पड़ेगा। मास्टर प्लान के अनुसार शहर की अधोसंरचना विकास की कार्य योजना तैयार की जाएगी। मास्टर प्लान तैयार करते समय नगम निगमों को यह ध्यान रखना होगा कि किस क्षेत्र में किस तरह की सुविधाओं की जरूरत है। जरूरतों के अनुसार लोगों विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराना होगी। मास्टर प्लान के अनुसार सड़क, बिजली, सीवेज, पार्किंग की व्यवस्था लोगों को उपलब्ध करानी पड़ेगी।
भू-प्रबंधन नगर निगम शहर के अंदर अनुपयोगी जमीनों को चिन्हित कर उसके प्रबंधन की कार्य योजना तैयार करेगा। अनुपयोगी भूखंडों पर पर गरीबों के लिए ईडब्ल्यूएस आवास सहित अन्य विभिन्न योजनाएं लांच कर उसे अतिक्रमण से मुक्त करने के संबंध में भी रणनीति तैयार करने का प्रस्ताव है।
इन शहरों में बनेगी मिनी स्मार्ट सिटी
प्रदेश में कुल १६ नगर निगम हैं, जिसमें सात नगर निगमों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और सतना में केन्द्र द्वारा स्मार्ट सिटी बनाई जा रही है। इसके अलावा बचे 9 नगर निगम मुरैना, बुरहानपुर, खंडवा, कटनी, छिंदवाड़ा, रीवा, सिंगरौली, रतलाम, देवास में मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने सभी नगर निगमों में मिनी स्मार्ट सिटी बनाने के निर्देश दिए हैं। मिटी स्मार्ट सिटी के स्वरुप को तैयार कर सरकार के समक्ष रखा जाएगा, इसके बाद ही अंतिम रूप दिया जाएगा। अभी यह योजना प्रारंभिक स्टेज पर है। - प्रभाकांत कटारे, ईएनसी, नगरी प्रशासन एवं विकास विभाग