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बड़ी खबर : इन्होने कहा रीवा में गलत टिकट दिया, जिससे हम हार गए, AC वाले रूम में बैठ कर सर्वे कर लिया, लगाया बड़े बड़े इल्ज़ाम, पढ़िए
भोपाल : लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में मची कलह थम नहीं रही है। समीक्षा बैठकों में स्थानीय नेताओं का गुस्सा फूट रहा है। हारे उम्मीदवार संगठन की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कांग्रेस नेता पार्टी में ब्लॉक से लेकर प्रदेश तक बड़े बदलाव की बात भी करने लगे हैं।
एआईसीसी सचिव सुधांशु त्रिपाठी ने पीसीसी में विंध्य क्षेत्र की सीधी,सतना और रीवा लोकसभा सीटों की समीक्षा की। इस बैठक में क्षेत्र के उम्मीदवार के साथ स्थानीय नेताओं को भी बुलाया गया था। नेताओं ने त्रिपाठी के सामने खुलकर संगठन की कमजोरियों को गिनाया।
वहीं संजय कपूर ने मालवा की लोकसभा सीटों पर बैठकें कीं। देवास से उम्मीदवार प्रहलाद टिपाणिया ने उनकी हार का कारण कांग्रेस की गुटबाजी को बताया। भोपाल आए पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल से लोकसभा उम्मीदवार रहे दिग्विजय सिंह ने भी स्थानीय नेताओं के साथ हार के कारणों और कांग्रेस की कमजोरियों पर चर्चा की।
संगठन पर फोड़ा हार का ठीकरा :
रीवा जिले की मउगंज सीट के पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बना ने कहा कि रीवा सीट पर उम्मीदवार का चयन ठीक नहीं हुआ। पूर्व विधायक सुंदरलाल तिवारी के निधन के कारण उनके पुत्र सिद्धार्थ को टिकट दे दिया गया जो कि हार का बड़ा कारण रहा। बना ने कहा कि संगठन ने एसी कमरों में बैठकर सर्वे कर लिया और जिताउ उम्मीदवार उनकी नजर में ही नहीं आए जबकि रीवा सीट पर उनके साथ ही कई और मजबूत दावेदार थे।
सुखेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों को चुनाव लडऩे के लिए फंड भी बहुत कम देती है। विधानसभा चुनाव में उनको सिर्फ बीस लाख रुपए दिए गए जबकि पिछले चुनाव में ५० लाख रुपए दिए गए थे। संगठन की कार्यप्रणाली के कारण विंध्य में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर होता जा रहा है जबकि उन लोगों ने खूब मेहनत की थी।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष और सीधी से उम्मीदवार रहे अजय सिंह ने कहा कि हार जीत तो लगी रहती है लेकिन लाखों से हारना संदेह पैदा करता है,इसमें जरुर ईवीएम की भूमिका नजर आती है। देवास से उम्मीदवार रहे प्रहलाद टिपाणिया ने कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी प्रमुख कारण है।
टिपाणिया ने आरोप लगाया कि उनकी सीट पर सवर्ण नेताओं ने प्रचार नहीं किया,कांग्रेस में जाति को लेकर भेदभाव हुआ है। वहीं एआईसीसी सचिव संजय कपूर ने कहा कि कांग्रेस में कलह जैसी कोई बात नहीं है, बैठकों में नेता हार के कारण बताने के साथ सुझाव भी दे रहे हैं।
दिल्ली ने मांगा बूथ का रिकॉर्ड :
एआईसीसी ने प्रदेश कांग्रेस से बूथ वार वोटिंग का रिकॉर्ड मांगा है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से आए सर्कुलर में पार्टी को सभी २९ सीटों का पूरा वोटिंग रिकॉर्ड भेजने को कहा गया है। साथ ही हिदायत दी गई है कि सात जून तक ये पूरी जानकारी अनिवार्य रुप भेजें। दिल्ली में इस रिकॉर्ड के आधार पर प्रमुख नेताओं की भूमिका तय की जाएगी। पार्टी ये भी देखेगी कि कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक वाले बूथों पर भी इस बार उसकी हार क्यों हुई है।