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जाको राखे सांईया मार सके न कोय, कलेजे के टुकड़े को खेत में फेंक आयी निर्मोही मां, रीवा पुलिस ने दिया मानवता का परिचय ऐसे बचाई नवजात की जान
रीवा। जाको राखे सांईया मार सके न कोय। यह कहावत उस समय हकीकत बन गई जब जन्म के बाद कलेजे के टुकड़े को निर्मोही मां खेत में फेंक गई लेकिन कडकड़ाती ठंड में वह नवजात मौत से लड़कर जिंदा बच गया।
खेत में मिला नवजात एक गांव में तालाब के किनारे से गुजर रहे लोगों के कदम उस समय रुक गया जब उन्होंने खेत के बीच से किसी नवजात बच्चे के रोने की आवाज सुनी। पास जाकर उन्होंने देखा तो भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे नवजात को पड़ा देखकर उनके होश उड़ गए। तत्काल पुलिस मौके पर पहुंच गई जिसने बिना समय गंवाए बच्चे को सुरक्षित अस्पताल पहुंचा दिया। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। यह घटना शहर से लगे बिछिया थाने के कोठी गांव में हुई। यहां स्थित तालाब के किनारे एक खेत में नवजात बरामद हुआ।
पुलिस ने बदले गीले कपड़े दोपहर स्थानीय लोगों ने खेत में पड़े देखा तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। नवजात के कपड़े गीले हो गए थे जिस पर पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से उसके कपड़े बदलवाये और उसको संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। उसकी हालत फिलहाल सामान्य है। हालांकि ठंड में पड़े रहने की वजह से उसकी तबियत थोड़ी खराब है। चिकित्सक उसका इलाज कर रहे है।
महिला की तलाश जारी खेत में नवजात शिशु मिला था। स्थानीय लोगों से सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस पहुंच गई थी। उसके गीले कपड़े बदलवाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसको फेंकने वाली महिला की तलाश की जा रही है। शशि धुर्वे, थाना प्रभारी बिछिया