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खुशखबरी: अब नगर निगम में शामिल हो जाएंगे रीवा के ये 25 गांव, बढ़ जाएंगे जमीनों के दाम..
रीवा. नगरीय निकायों में चल रही सीमा वृद्धि और वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया के बीच शासन ने कहा है कि इस कार्य में तेजी लाएं ताकि निर्धारित अवधि में वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जा सके। निकायों से कहा गया है कि आगामी ३० जनवरी तक वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करनी है। इससे पहले परिसीमन का कार्य भी पूरा करना है। कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त के पास इस आशय का पत्र नगरीय प्रशासन विभाग का गुरुवार को पहुंचा है। इस पत्र के माध्यम से उन निकायों पर फोकस किया गया है, जहां पर वार्डों के परिसीमन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है।
इसमें नगर निगम रीवा को छोड़कर जिले के शेष सभी नगरीय निकायों में अब तक न तो नगर परिषदों की सीमा वृद्धि का कोई प्रयास किया गया है और न ही वार्डों के परिसीमन का। नगर निगम का कार्यकाल आगामी २ जनवरी को समाप्त हो जाएगा। इस बार निर्धारित समय पर चुनाव नहीं हो पाएंगे। जिसके चलते निकायों में प्रशासक बैठाने की तैयारी की जा रही है। इधर सरकार इस बात पर भी जोर दे रही है कि अधिक दिन तक चुनावों को नहीं खींचा जा सके। पूर्व में शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत निकायों के वार्डों का आरक्षण प्रक्रिया पूरा करने के लिए १५ नवंबर तक का समय दिया गया था।
परिषद के कार्यकाल का काउनडाउन शुरू नगर निगम की वर्तमान परिषद का गठन 2 जनवरी 2015 को हुआ था। इस तरह से इनका कार्यकाल एक जनवरी 2020 तक रहेगा। दो जनवरी से कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। अब चंद दिन ही इनके बचे हैं, इसलिए मेयर इन काउंसिल के सदस्यों के साथ ही पार्षदों द्वारा शेष दिनों में अधिक से अधिक कार्य पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है। आयुक्त के पास पार्षदों की ओर से वार्डों के विकास कार्यों से जुड़े प्रस्ताव दिए गए हैं। माना जा रहा है कि निगम के कामकाज संचालन को लेकर शासन द्वारा प्रशासक बैठाया जाएगा। अभी यह तय नहीं हो सका है कि निगम का अगला प्रशासक कौन होगा। संभावना है कि कलेक्टर को ही प्रभार दिया जाएगा। सीनियर आइएएस को निगम आयुक्त बनाए जाने से इसमें तकनीकी अड़चनें भी आ सकती हैं।
नगर निगम का प्रस्ताव शासन के पास लंबित
नगर निगम ने शहरी सीमा का विस्तार करने के लिए प्रस्ताव शासन के पास भेज दिया है। हालांकि इस पर हाइकोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई थी, जिसकी वजह से शासन की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है। नगर निगम ने पहले ४५ गांवों को शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। जिस पर २० पर ही शासन द्वारा सहमति दी गई थी। इसके बाद नगर निगम से दोबारा प्रस्ताव मांगा गया तो पांच और गांवों के नाम दिए गए हैं। इस तरह से यदि शासन बिना किसी आपत्ति के प्रस्ताव को स्वीकार करता है तो नगर निगम में २५ गांव और शामिल हो जाएंगे। साथ ही वार्डों की संख्या भी बढ़ेगी।
इन गांवों को शहर में शामिल करने का भेजा है प्रस्ताव रीवा शहर के आसपास के जिन गांवों को नगर निगम में शामिल करने का दोबारा प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें प्रमुख रूप से लोही, जोरी, जिउला, गड़रिया, कोठी, भुंडहा, कोष्टा, सोनौरा, इटौरा, बरा ३९३, बरा ३९५, सिरखिनी, उमरिहा, अजगरहा, मैदानी, करहिया, दुआरी तुर्कहा, अमरैया, गोड़हर आदि को शासन से स्वीकृति मिली थी। इसमें से कोठी गांव को हटा दिया गया है और नीगा, रमकुईं, मढ़ी, सिलपरा, सिलपरी, रौसर आदि को मिलाकर कुल २५ गांवों को निगम में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।