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उमरी में पहला विश्वस्तरीय 400 करोड़ रूपए का उद्योग लगाने का था लक्ष्य, इस बात को लेकर लग रहा अड़ंगा : REWA NEWS
REWA : प्रदेश के CMकमलनाथ की सबसे प्राथमिकता वाली नए उद्योगों की स्थापना एवं रोजगार के मामले में रीवा के राजस्व अफ सर पलीता लगा रहे हैं। विश्व स्तरीय आईनास कंपनी ने रीवा जिले में प्राकृतिक उर्जा पर आधारित उद्योग लगाने के लिए मेंग्रीसिफेंट2019 इंदौर में सहमति दी थी और जिले के सिरमौर तहसील के ग्राम उमरी में शासकीय जमीन की मांग की थी। जिस पर प्रशासन के अफसरों ने वहां शासकीय जमीन उपलध होने की जानकारी कलेटर और एमपीडीआईसी को दी थी। जिसके बाद कंपनी ने उद्योग लगाने की प्रक्रिया शुरू की और जब जमीन के आवंटन की बारी आई तो पता चला मौके पर जमीन ही खाली है,जबकि राजस्व रिकार्ड जमीन खाली होना बताया गया है। इससे रीवा जिले में पहला विश्व स्तरीय लगभग 400 करोड़ का उद्योग लगने के पहले ही अटक गया है।
शासकीय राजस्व विभाग के अफसरों के मनमानी रवैये के चलते अब कंपनी सरकारी जमीन की जगह प्रायवेट जमीन तलाश कर उद्योग लगाने पर विचार कर रही है। कलेटर को दी गलत जानकारी सूत्रों के अनुसार जिले की सिरमौर तहसील के ग्राम उमरी में 42.094 हेटेयर शासकीय भूमि को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय रीवा को औद्योगिक प्रयोजन हेतु हस्तांतरित करने के लिए तहसीलदार सिरमौर,वन परिक्षेत्राधिकारी सिरमौर तथा कनिष्ठ यंत्री,मानचित्रकार एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय ने संयुक्त निरीक्षण प्रतिवेदन में स्पष्ट लिखा है कि भूमि के हस्तांतरण के प्रस्ताव का कुल रकवा 04 किता खसरा नंबर 852,853, 849 /2क /849/2ख 42.094 हेटेयर जमीन है। पूरा रकवा शासकीय भूमि असिंचित है। यहां प्रभावित होने वाले किसान किसी भी वर्ग के नहीं हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि संयुक्त निरीक्षण प्रतिवेदन मौके पर जाकर नहीं बनाया गया।