रीवा

उपभोक्ता ने खुद को रीवा निवासी बताया, तो बैंक मैनेजर ने बुला लिया पुलिस, जानिए क्या है मामला...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:12 AM GMT
उपभोक्ता ने खुद को रीवा निवासी बताया, तो बैंक मैनेजर ने बुला लिया पुलिस, जानिए क्या है मामला...
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सतना. बैंक पहुंचे 108 के कर्मचारी ने जब काउंटर में अपने नोट जमा करने के लिए दिए तो नोटों को देखते ही क्लर्क सन्न रह गए। पांच सौ के नोट मैले, धब्बेदार थे। इनमें तीन नोट एेसे मिले जिनके जाली होने का संदेह हुआ। क्लर्क ने बैंक मैनेजर को नोट दिखाए तो वह भी फौरी तौर पर जांच के बाद नोटों को जाली मानते रहे। यहां नोट जांचने की मशीन नहीं थी और फिर उपभोक्ता ने खुद को रीवा का निवासी बताया तो संदेह और गहराता गया। एेसे में बैंक मैनेजर ने पुलिस बुला ली। कोठी थाना पुलिस बैंक पहुंची तो पूछताछ के बाद उपभोक्ता को अपने साथ थाने लेकर आई।

यह है मामला कोठी में 108 एम्बुलेंस में टेक्नीशियन का काम देखने वाले राघवेन्द्र कुशवाहा मंगलवार की सुबह कोठी कस्बा में संचालित यूनियन बैंक की शाखा में पांच हजार रुपए जमा करने पहुंचे। जब जमा पर्ची भरने के बाद उन्होंने कांउटर पर नोट जमा करने के लिए दिए तो क्लर्स ने धब्बेदार और लचीले कागज के नोट देख संदेह जताया। क्लर्क ने मामले की जानकारी मैनेजर को दी तो जांच शुरू हुई।

पुलिस ने कराई जांच बैंक मैनेजर की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की तो देखा कि नौ नोट एेसे हैं जो जांच के दायरे में रखे गए हैं। इनमें तीन नोट जाली होने की आशंका थी। कोठी स्थित यूनियन बैंक की शाखा में नोट जांचने की मशीन नहीं थी एेसे में पुलिस ने तीनों नोट जांच के लिए जिला मुख्यालय की इलाहाबाद बैंक को भेजे। जब जांच में यह पुष्टि हुई कि नोट असली हैं तो राघवेन्द्र को सौंप दिए गए।

एटीएम से निकाले थे नोट राघवेन्द्र ने बैंक प्रबंधन को बताया कि उसने एसबीआइ के एटीएम से पांच हजार रुपए आहरित किए थे। इसमें नौ नोट धब्बेदार और खराब निकले। इन्हीं नोटों को वह खाते में जमा करने के लिए बैंक गया था। बैंक प्रबंधक राम निवास मीना का कहना है कि एक दो नोट खराब आ जाते हैं। लेकिन पांच हजार रुपए की निकासी में नौ नोट खराब होने की बात पर मामला संदिग्ध हो गया था।

वर्जन... "कोठी में मशीन नहीं थी तो मैं खुद नोट लेकर इलाहाबाद बैंक की सतना शाखा गया था। जांच कराने पर सभी नोट सही पाए गए।" एसपीएस चंदेल, टीआइ थाना कोठी

"उपभोक्ता के नौ नोट खराब थे। इनमें तीन नोट जाली समझ आए। यहां मशीन नहीं होने पर पुलिस की मदद ली गई। ताकि जांच कार्रवाही और पूछताछ हो सके। पुलिस ने इलाहाबद बैंक से नोटों की जांच कराई है।" राम निवास मीना, प्रबंधन यूनियन बैंक, कोठी

Aaryan Dwivedi

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