रीवा

इस नियम ने उड़ाई रीवा के होटलों एवं बारातघरों की नींद, लाइसेंस निरस्त न हो इसलिए जल्दी करे ये काम...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:11 AM GMT
इस नियम ने उड़ाई रीवा के होटलों एवं बारातघरों की नींद, लाइसेंस निरस्त न हो इसलिए जल्दी करे ये काम...
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रीवा। शहर के होटलों एवं अन्य व्यवसायिक स्थलों पर वाहन पार्किंग के स्थान पर धड़ल्ले से चल रहे बारातघरों पर अब नकेल कसी जाएगी। हाईकोर्ट ने नगर निगम को निर्देशित किया है कि उज्जैन शहर में जिन शर्तों के अनुसार बारातघरों का संचालन हो रहा है, रीवा में उसी तरह की व्यवस्था बनाई जाए। इसके बाद अब शहर में बारातघर संचालित करने वालों को निगम नोटिस देकर लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करने के लिए कहा रहा है।

नई उपविधियों में शर्तें ऐसी रखी गई हैं कि मनमानी रूप से चल रहे बारातघर नहीं चल जाएंगे। खासतौर से उन पर भी निगम की नजर है जो होटलों का संचालन कर रहे हैं और जहां पर होटल की पार्किंग का स्थान बताया है उसी स्थान पर वैवाहिक आयोजन एवं अन्य कार्यक्रम कर रहे हैं। इसलिए अब होटलों में बारातघर का संचालन करना है तो उसके लिए अलग से वाहन पार्किंग बतानी होगी। वह भी कुल क्षेत्रफल में कम से कम २५ प्रतिशत स्थान छोडऩा होगा। होटल संचालकों को उसी तरह की शर्तों का पालन करना होगा जो सामान्य बारातघरों को करना है। जिन होटलों द्वारा बारातघर का लाइसेंस नहीं लिया जाएगा, वहां होने वाले विवाह का प्रमाण पत्र नगर निगम जारी नहीं करेगा।

- पार्किंग नहीं होने से सड़क पर लगता है जाम शहर के कई होटलों में विवाह के कार्यक्रमों की वजह से सड़कों पर जाम लगता है। होटलों में क्षमता के अनुरूप पार्किंग व्यवस्था पहले से ही नहीं है, वहीं पर होटल संचालन के साथ ही विवाह एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तो वाहनों की संख्या बढऩे से उन्हें सड़क पर खड़ा किया जाता है। जिसकी वजह से जाम लगता है। यह किसी एक स्थान की नहीं बल्कि शहर के अन्य हिस्सों की भी समस्या है। चोरहटा से लेकर रतहरा के बीच करीब दो दर्जन की संख्या में बारातघर एवं होटल चल रहे हैं, जहां पर हर समय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

- नोटिस के बाद लाइसेंस के लिए आए आवेदन नगर निगम ने सभी बारातघर संचालकों को लाइसेंस लेने के लिए नोटिस जारी किया है। जिसमें आठ बारातघर संचालकों ने आवेदन किया है। अब इनके आवेदन पर नगर निगम की टीम मौके का निरीक्षण करेगी और यदि शर्तों का पालन ठीक तरह से किया जा रहा है तो उन्हें लाइसेंस जारी किया जाएगा अन्यथा लाइसेंस नहीं मिलेगा। वर्तमान में ५४ बारातघर ऐसे हैं जहां पर शादियों के कार्यक्रम हो रहे हैं। इनके अलावा होटलों, धर्मशालाओं एवं कृष्णा राजकपूर आडिटोरियम को भी बारातघर संचालन का लाइसेंस लेना होगा।

- शर्तें पालन करने का बोर्ड भी लगाना होगा हाईकोर्ट ने निर्देशित किया है कि विवाहघर का पंजीयन जिन्हें दिया जा रहा है वह स्थल पर एक बोर्ड लगाएंगे, जिसमें पंजीकरण संख्या, निगम द्वारा दी गई शर्तों के पालन, सुरक्षा आदि से जुड़ी जानकारी को सूचना बोर्ड में प्रदर्शित करेगा। इससे यह पारदर्शिता भी बनी रहेगी कि वहां पर जाने वाले लोगों को भी पता चलेगा कि किन शर्तों पर यह बारातघर संचालित हो रहा है। --- हाईकोर्ट ने नई शर्तों के आधार पर लाइसेंस जारी करने के लिए कहा है। नोटिस के बाद कई बारातघर संचालकों ने आवेदन किया है, उनका सत्यापन किया जा रहा है। होटल संचालकों को भी उन्हीं शर्तों के आधार पर लाइसेंस दिया जाएगा। अब बिना लाइसेंस बारातघरों का संचालन नहीं हो सकेगा। अरुण मिश्रा, उपायुक्त नगर निगम

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