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Fact Check: रीवा के सिरताज मोहम्मद और यूनुस अंसारी ने विकास गिरी के 80 टुकड़े किए? जानिए पूरी सच्चाई

Fact Check: रीवा के सिरताज मोहम्मद और यूनुस अंसारी ने विकास गिरी के 80 टुकड़े किए? जानिए पूरी सच्चाई
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Vikas Giri Hatyakand Rewa: रीवा पुलिस ने विकास गिरी हत्याकांड का खुलासा कर दिया है लेकिन रीवा की लोकल मिडिया कुछ अलग ही कहानी बताए जा रही है

विकास गिरी हत्याकांड रीवा, Fact Check: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में मौजूद दुधमनिया जंगल से चरवाहों को एक नरकंकाल मिला था. फरवरी 2022 में मिले कंकाल के पास मृतक का आधार कार्ड भी पड़ा हुआ था, जिससे मालूम हुआ कि यह नर कंकाल विकास गिरी (Vikas Giri) नामक व्यक्ति का है. वही विकास गिरी जो मऊगंज से 3 अक्टूबर 2021 की रात से लापता हो गया था.

विकास के पिता 5 महीने से अपने बेटे की तस्वीर लिए उसे खोज रहे थे और उधर पुलिस विकास को तलाशने में जुटी हुई थी. विकास का कंकाल मिला तो पिता की शिकायत पर मऊगंज पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और 9 महीने बाद 14 नवंबर को पुलिस विकास के हत्यारों तक पहुंच भी गई. विकास की हत्या करने वाला कोई और नहीं उसका दोस्त और बिज़नेस पार्टनर यूनुस अंसारी और यूनुस का जीजा सिरताज मोहम्मद था.


पुलिस ने विकास की हत्या की गुत्थी को सुलझा दिया और वारदात होने के 408 दिन बाद इस अंधी हत्या का पर्दाफाश भी कर दिया। इस दौरान पुलिस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा मगर विकास गिरी हत्याकांड का खुलासा होने के बाद भी पुलिस परेशान है. ऐसा क्यों? क्योंकि रीवा की लोकल मिडिया और तथाकथित सोशल मिडिया विसल ब्लोअर जनता को मनघडंत कहानी बता कर भ्रमित करने का काम कर रहे हैं. और उटपटांग दावा कर रहे हैं. अब यह अफवाह राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई है.

सुदर्शन न्यूज़ चैनल कुछ ऐसे दावे कर रहा है



फेक न्यूज़ से प्रभावित लोगों के ट्वीट्स




विधायक ओम कुमार ने भी ऐसा ट्वीट किया


दावा- यूनुस अंसारी और सिरताज मोहम्मद ने विकास गिरी के 80 टुकड़े किए

सच- पुलिस के मुताबिक विकास गिरी की हत्या 3 अक्टूबर 2021 की रात सिर में डंडा मारकर की गई. शव को ठिकाने लगाने के लिए दोनों आरोपियों ने उसे दुधमनिया जंगल में फेंक दिया। हत्या वाले दिन से 4 महीने बाद विकास का नरकंकाल चरवाहों को मिला और पुलिस FSL ने मौके से 80 हड्डयों को क्लेक्ट किया। जिन्हे DNA सैंपलिंग के लिए भेजा गया है.

पुलिस ने 80 हड्डियों को बतौर एविडेंस के रूप में कलेक्ट किया है. लेकिन कुछ फर्जी व्हाट्सऐप मिडिया वाले और सोशल मिडिया के फेक न्यूज़ के सरगना यह दावा कर रहे हैं कि यूनुस अंसारी और सिरताज मोहम्मद ने विकास गिरी के 80 टुकड़े किए.

सवाल- सिर्फ 80 हड्डी मिलीं, बाकी कहा गईं?

जवाब- इसका जवाब आपको आगे की कहानी जानने के बाद मिल जाएगा

रीवा पुलिस इन्ही तथाकथित पत्रकारों और समाज को गलत जानकारी देकर खुद को जागरूक नागरिक बताने वालों से परेशान हो गई है. विकास गिरी के शव के 80 टुकड़े करने वाली फेक न्यूज़ इस लिए भी फैलाई जा रही है क्योंकि दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस में भी आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने अपनी प्रेमिका के 35 टुकड़े किए थे.

विकास गिरी हत्याकांड का पूरा मामला

विकास का नर कंकाल, कपड़े और आधार कार्ड मिलने के 9 महीने बाद पुलिस हत्यारों तक पहुंच गई. एक आरोपी यूनुस अंसारी पकड़ा गया जिसने पुलिस के सामने सब सच-सच उगल दिया-

आरोपी यूनुस अंसारी ने पुलिस को बताया - छुहिया निवासी विकास गिरी (21 वर्ष) और यूनुस अंसारी (31 वर्ष) दोस्त थे. दोनों साथ में वन विभाग में प्लांटेशन का ठेका लेते थे. विकास का यूनुस के घर में आना-जाना रहता था. यूनुस की तीन बहनों में से सबसे बड़ी और शादीशुदा बहन के साथ विकास का अफेयर हो गया. 3 अक्टूबर की शाम 6 बजे विकास गिरी मेरे घर में देशी अंडा लेकर आया और देकर चला गया. यूनुस और उसका जीजा सिरताज जंगल में घूमने के लिए चले गए. जब रात 8 बजे बजे दोनों घर में लौटे तो विकास 19 वर्षीय बड़ी बहन और सिरताज अंसारी की वीबी को गलत काम करते देख लिया।

अन्य बहनों ने बताया कि विकास गिरी बड़ी बहन के साथ छेड़खानी कर रहा था. विकास युसूफ और सिरताज को देखते ही भागने लगा. सिरताज अंसारी ने पीछे से डंडा मारा तो वह वहीं मर गया. दोनों आरोपियों ने वहीं विकास के शव को रस्सी से बांधा और जंगल के 2 किलोमीटर में जाकर छुपा दिया।

पुलिस ने कहा- जंगल में इतने दिनों तक पड़े रहने से लाश डिकम्पोज हो गई और जंगली जानवर उसे खा गए. इसी लिए विकास गिरी के शव की 80 हड्डियां ही मिलीं जो बिखरी हुई पड़ी थीं.

पुलिस विकास के हत्यारों तक कैसे पहुंची?

DB की रिपोर्ट के मुताबिक मऊगंज एएसपी विवेक कुमार लाल ने बताया- विकास के पिता इन्द्रलाल गिरी (51 वर्ष) निवासी छुहिया गांव 4 अक्टूबर 2021 को शिकायत लेकर थाने पहुंचे थे। बताया कि उसका बेटा विकास गिरी बीती रात से लापता है। जानकारी के बाद मऊगंज पुलिस ने 5 अक्टूबर 2021 को गुमशुदगी दर्ज कर मामला जांच में लिया। मऊगंज पुलिस ने लापता युवक के हर एंगल की जांच की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

चार माह बाद 5 फरवरी 2022 को लापता युवक के पिता इन्द्रलाल गिरी ने मोबाइल से पुलिस को सूचना दी। उसने कहा कि दुधमनिया जंगल में एक नरकंकाल पड़ा है। उसके पास पेंट-शर्ट, वॉलेट और आधार कार्ड सहित अन्य कागजात पड़े हैं, जो मेरे लड़के के हैं । मौके पर फिंगर प्रिंट, डॉग स्क्वायड सहित सीन ऑफ क्राइम मोबाइल यूनिट के प्रभारी को भेजा गया

घटनास्थल से बिखरी पड़ी 80 हड्डियां बरामद की गईं। पुलिस ने भी विकास गिरी का नरकंकाल मानते हुए जांच शुरू की। परिजनों ने बताया कि ​विकास गिरी ठेका लेकर पौधे लगाने का कार्य करता था। हत्या को लेकर परिजनों ने संदेह जताते हुए पुलिस को कुछ नाम बताए, लेकिन सही नाम नहीं मिले। पुलिस ने गांव में मुखबिर बढ़ाए। साथ ही मृतक के नजदीकी दोस्तों से गोपनीय जानकारी जुटाई। तब कुछ लोगों ने पु​रानी घटनाओं का जिक्र किया। साथ ही घूम फिरकर हत्या का आरोप यूनुस अंसारी के घरवालों पर जा रहा था।

गांव वाले गोपनीय जानकारी पुलिस को देते रहे। मुखबिरों ने दावा किया था कि यूनुस अंसारी गांववालों को जंगल आने से रोक रहा है। ऐसे में पुलिस का शक और गहरा गया। पुलिस ने आरोपी यूनुस को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपी बातों ही बातों में फंस गया। पुलिस की सख्ती देख यूनुस ने अपने जीजा के साथ मिलकर हत्या का जुर्म स्वीकार किया।

यूनुस का जीजा सिरताज अंसारी अभी भी फरार है.


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