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रीवा की विभूति मिश्रा ने बनाया एशिया का सबसे बड़ा सेनेटरी पैड पोट्रेट

Vibhuti Mishra sanitary pad portrait in Rewa
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विभूति मिश्रा द्वारा बनाया गया एशिया का सबसे बड़ा सेनेटरी पैड पोट्रेट

रीवा की 26 वर्षीय स्केच आर्टिस्ट विभूति मिश्रा ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने के लिए 80×48 फीट का सेनेटरी पैड पोट्रेट बनाया।

रीवा की स्केच आर्टिस्ट विभूति मिश्रा ने महिलाओं के स्वास्थ्य और मासिक धर्म जैसे संवेदनशील विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए एक अनूठी पहल की है। उन्होंने शासकीय कन्या महाविद्यालय, रीवा के नए ऑडिटोरियम परिसर में 80×48 फीट का एक विशाल पोट्रेट बनाया है, जो एशिया में अब तक का सबसे बड़ा सेनेटरी पैड और मेडिसिन आधारित पोट्रेट माना जा रहा है। इस कलाकृति को तैयार करने के लिए विभूति ने 12,000 सेनेटरी नैपकिन और 15,000 कैल्शियम, मल्टीविटामिन और आयरन की गोलियों का उपयोग किया। इस परियोजना में उनके दो साथियों, नीरज कुमार और विकास वर्मा ने भी सहयोग किया।

प्रेरणा और उद्देश्य

विभूति मिश्रा, जो ढेकहा मोहल्ले की निवासी हैं, ने बताया कि इस पोट्रेट को बनाने की प्रेरणा उन्हें तब मिली जब एक बार उनकी मौसी को डॉक्टर ने मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई न रखने पर डांट लगाई थी। इस घटना ने उन्हें झकझोर दिया और उन्होंने तय किया कि इस सामाजिक चुप्पी को तोड़ना होगा। इस परियोजना का उद्देश्य केवल रिकॉर्ड बनाना नहीं था, बल्कि उपयोग किए गए नैपकिन और टैबलेट को जरूरतमंद छात्राओं में बांटना भी था, ताकि उन्हें मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता और पोषण का महत्व समझाया जा सके।

सामाजिक संदेश और परिवार का समर्थन

विभूति का कहना है कि अगर महिलाएं खुद अपनी सेहत को लेकर जागरूक नहीं होंगी, तो समाज कैसे बदलेगा? उनका यह प्रयास न केवल सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि कला को सामाजिक सरोकार से जोड़ने का एक क्रांतिकारी उदाहरण भी है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता और परिवार का उन्हें भरपूर सहयोग मिला, जिसकी वजह से वह पूरे आत्मविश्वास से यह काम कर सकीं।

निष्कर्ष

विभूति मिश्रा की यह अनोखी पहल रीवा को पूरे देश के नक्शे पर एक नए रूप में स्थापित करती है। यह पोट्रेट महिलाओं की चुप्पी तोड़ने, उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और समाज में मासिक धर्म से जुड़े टैबू को खत्म करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: विभूति मिश्रा ने यह पोट्रेट कहाँ बनाया है?

उत्तर: शासकीय कन्या महाविद्यालय, रीवा के नए ऑडिटोरियम परिसर में।

प्रश्न 2: इस पोट्रेट को बनाने में किन सामग्रियों का उपयोग किया गया है?

उत्तर: 12,000 सेनेटरी नैपकिन और 15,000 कैल्शियम, मल्टीविटामिन और आयरन की गोलियाँ।

प्रश्न 3: इस परियोजना का उद्देश्य क्या था?

उत्तर: महिलाओं के स्वास्थ्य और मासिक धर्म के प्रति जागरूकता फैलाना और सामाजिक टैबू को तोड़ना।

प्रश्न 4: क्या इस पोट्रेट को किसी रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है?

उत्तर: हाँ, इसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है और इसे एशिया की सबसे बड़ी मेडिसिनल आर्ट के रूप में मान्यता मिली है।

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