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Rewa: किसानों के लिए जी का जंजाल बना रात में सब्जी मंडी का संचालन

Rewa: किसानों के लिए जी का जंजाल बना रात में सब्जी मंडी का संचालन
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रीवा/ Rewa News:  किसान कोरोना की मार से तबाह हो रहे हैं। वही प्रशासन के नित नये प्रयोग से किसानों की रात की नीद हराम हो गई है।

रीवा/ Rewa News: किसान कोरोना की मार से तबाह हो रहे हैं। वही प्रशासन के नित नये प्रयोग से किसानों की रात की नीद हराम हो गई है। कोरोना काल में लोगों की भीड़ एकत्र न हो इसके लिए मध्य प्रदेश का रीवा जिला प्रशासन ने रात में सब्जी बिकवाने की व्यवस्था कर दी है। विगत दो दिनों से रात के समय सब्जी मंडी का संचालन हो रहा है। इसके बाद भी किसानों की भारी भीड एकत्र हो रही है।

मंडी मेें बढ़ी भीड़

जानकारी मिली है कि बुधवार की रात ज्यादा संख्या में किसान अपनी सब्जी की फसल लेकर पहुंचे। किसान, बया और व्यापारियों को मिला लिया जाय तो मंडी में भीड बढ गई। वही व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस बल भी भीड की संख्या को ज्यादा कर रहा था।

व्यवस्था बनाते दिखे थाना प्रभारी

बताया जाता है कि किसानो की बढती भीड़ को देखते हुए पुलिस को भारी मशक्कत करनी पडी। चोरहटा थाना प्रभारी अपने दल बल के साथ मंडी में व्यवस्था बनाते दिखे। रात दो बजते ही मंडी प्रांगण को खाली करवा दिया गया।

औने-पौने दाम में बिक रही सब्जी

किसान अपनी फसल औने-पौने दाम में बेंचकर घर की ओर चल पडंे। किसानों का कहना है कि रात के समय 3 घंटे मंडी संचालित करने से सब्जी बेचने में परेशानी हो रही है। पिछले कोरोना के समय की व्यवस्था ठीक थी। शहर के कई हिस्सो में मंडी का संचालन हो रहा था।

दूर के किसान नही पहुंच पा रहे मंडी

चारों ओर के किसान इस मंडी में रात के समय नही पहुंच पा रहे हैं। मंडी में सब्जी न पहुंचने से सब खेत में ही खराब हो रही है। करहिया में मंडी होने से करहिया तथा आसपास के 4 से 5 किलोमीटर के किसान तो पहुंच जाते हैं वही दूर के किसानों को रात में मंडी संचालित होने का लाभ नही मिल पा रहा हैं। किसानों की सब्जी की फसल खेत मे ही खराब हो रही है।

रात के अंधेरे में होती है परेशानी

रात के अंधेरे में कैसे धंधा हो यह न तो किसानों को समझ में आ रहा है और न ही व्यापारियों को। सभी प्रशासन के आदेश के आगे अपने को समर्पित कर दिये हैं।

किसानों को रात में भी चैन नहीं

पुलिस और सरकारी कर्मचारी की डियूटी तो 8 घंटे की होती है लेकिन इस समय किसान दिन में खेतो में काम करता है तो वहीं रात के समय सब्जी लेकर मंडी जाने की चिंता सताती है। किसानों का कहना है कि दिन भर खेत कारने के बाद शाम होते ही सब्जी की तोडना पडता है। वहीं लेकर आधी तक मंडी में रहना पड रहा है।

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