रीवा

रीवा नगर निगम में सुसाइड की कोशिश: योजना का लाभ न मिलने से दुखी था, 5000 रुपए की रिश्वत का आरोप लगाया और फांसी में झूल गया

रीवा नगर निगम में सुसाइड की कोशिश: योजना का लाभ न मिलने से दुखी था, 5000 रुपए की रिश्वत का आरोप लगाया और फांसी में झूल गया
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रीवा नगर निगम कार्यालय में एक युवक द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की खबर आ रही है. 

रीवा नगर निगम कार्यालय में एक युवक ने फांसी लगाने की कोशिश की है. मौके पर मौजूद एक ठेकेदार ने उसे बचाया और एम्बुलेंस से इलाज के लिए संजय गांधी अस्पताल भेजवाया गया.

रीवा नगर निगम कार्यालय में एक युवक द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की खबर आ रही है. युवक योजना का लाभ न मिलने से नाखुश था और अधिकारी-कर्मचारियों पर 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए कार्यालय के पाइप में गमछा डालकर फांसी में झूल गया. हांलाकि उसे फांसी में लटकता देख एक ठेकेदार ने दौड़कर उसे नीचे उतारा और एम्बुलेंस के जरिए इलाज के लिए संजय गाँधी अस्पताल भेज दिया.

क्या है मामला

घटना सोमवार की बताई जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार तेजभान साकेत (42) पिता छोटेलाल साकेत, निवासी चोरहटी दोपहर के लगभग 2 बजे रीवा नगर निगम कार्यालय पहुंचा था. इसके बाद वह निगम के कक्ष क्रमांक 28 में गया. इसके बाद वह दुखी होकर बाहर निकला, गमछा खरीदकर लाया और कार्यालय के पीछे खुदखुशी के उद्देश्य से पाइप में झूल गया, पास में ही काम कर रहें ठेकेदार ने उसे दौड़कर बचा लिया और इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया. इस घटना के बाद से कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है.

बताया जा रहा है कि तेजभान ने विगत आठ माह पहले मुर्गा-मछली की दुकान संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत आवेदन किया था, लेकिन सम्बंधित शाखा के अधिकारी-कर्मचारी हिलाहवेली कर उसे परेशान करते रहें.

रिश्वत की मांग का आरोप

तेजभान साकेत के मुताबिक़, फॉर्म को आगे बढ़ाने के लिए कार्यालय में 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है और किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हो रही है. पीड़ित श्रीवास्तव नाम के नगर निगम स्टाफ पर रिश्वत का आरोप लगा रहा था. इस वजह से उसने थक हारकर गमछा खरीदा और मरने के लिए पहुंच गया.

पाइप में गमछा डालकर झूला, ठेकेदार ने बचाया

तेजभान साकेत गमछा लेकर नगर निगम कार्यालय के पीछे पहुंचा और वहां एक पाइप में गमछा बांधकर आत्महत्या के लिए झूल गया. गनीमत रही कि पास में ही कार्य करा रहे ठेकेदार ने युवक का यह कृत्य देख लिया और दौड़कर वहां पहुंचे, उसे बिना देरी किए फंदे से नीचे उतारा और एम्बुलेंस को बुलाकर उसे इलाज के लिए SGMH भेज दिया. अगर चंद सेकंड की भी देरी होती तो युवक की जान जा सकती थी.

अस्पताल से थाने ले गई पुलिस

पीड़ित युवक को इलाज के लिए SGMH में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी. सूचना पर सिविल लाइन पुलिस पहुंची और युवक को आत्महत्या की कोशिश के सम्बन्ध में पूछताछ के लिए थाने लेकर आई है.

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