रीवा

जल्द मिलेगी रीवा स्टेशन को एक और सौगात, REWA-SATNA के बीच चलेगी मेमू ट्रेन

जल्द मिलेगी रीवा स्टेशन को एक और सौगात, REWA-SATNA के बीच चलेगी मेमू ट्रेन
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Intro: रीवा और सतना के बीच कई सालो से ट्रेन चलाने की मांग की जा रही थी. आखिरकार अब जाकर पश्चिम मध्य रेल मण्डल ने रीवा और सतना के बीच एक मेमू ट्रेन चलाने का मन बना लिया है. इस ट्रेन के आने से विन्ध्यवासियो में ख़ुशी की लहर है.  रीवा (REWA): पश्चिम मध्य रेल मण्डल जबलपुर के अंतर्गत कई मेमू ट्रेने जल्द चलाये जाने की योजना है जिसमे रीवा सतना के बीच भी मेमू ट्रैन चलाई जाएगी जो SATNA-REWA के बीच कई फेरे लगाएगी। मेमू ट्रेनों को विद्युत ऊर्जा द्वारा ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन से संचालित किया जाता है।

Intro: रीवा और सतना के बीच कई सालो से ट्रेन चलाने की मांग की जा रही थी. आखिरकार अब जाकर पश्चिम मध्य रेल मण्डल ने रीवा और सतना के बीच एक मेमू ट्रेन चलाने का मन बना लिया है. इस ट्रेन के आने से विन्ध्यवासियो में ख़ुशी की लहर है.

रीवा (REWA): पश्चिम मध्य रेल मण्डल जबलपुर के अंतर्गत कई मेमू ट्रेने जल्द चलाये जाने की योजना है जिसमे रीवा सतना के बीच भी मेमू ट्रैन चलाई जाएगी जो SATNA-REWA के बीच कई फेरे लगाएगी। मेमू ट्रेनों को विद्युत ऊर्जा द्वारा ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन से संचालित किया जाता है।

इसलिए इन्हें मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (मेमू) ट्रेन कहते हैं। ऐसी ट्रेनों के कोचों में दोनों छोर पर ट्रैक्शन मोटर युक्त इंजन लगे होते हैं, जो तेज गति से दौड़ने में सक्षम होते हैं। ये ट्रेनें कम समय में नियंत्रित होती हैं इसलिए इन्हें बार-बार छोटे स्टेशनों पर आसानी से रोका जा सकता है।

इन ट्रेनों को रोकने के बाद कम समय में अधिक गति से चलाया जा सकता है। पैसेंजर श्रेणी की ट्रेनों के मेंटेनेंस में अधिक खर्च आता है। मेमू में कम खर्च आएगा। पैसेंजर ट्रेनों में बार-बार इंजन बदलने पढ़ते हैं। इस तरह एक बार एक इंजन लगाने व निकालने के लिए न्यूनतम 15 और अधिकतम 20 मिनट ऑपरेटिंग समय लगता है.

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