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रीवा के संत कुमार ने 26 एकड़ में शुरू की अमरूद की खेती, कमा रहे 24 लाख से अधिक सालाना

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Rewa MP News: कहते हैं कि कुछ करने की अगर चाह हो तो रास्ते कहीं न कहीं से मिल ही जाते हैं। कुछ ऐसा ही करके दिखाया है रीवा जिले के एक किसान ने। किसान संत कुमार की राह भी आसान नहीं रही। आम से खास बनने का सफर भी काफी दिलचस्प रहा।

किसान संत कुमार की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने 26 एकड़ जमीन में अमरूद की खेती कर हर साल 24 लाख से अधिक की आय प्राप्त कर रहे हैं। आज इनकी गिनती क्षेत्र में एक सफल किसान के रूप में की जाती है।

कैसे की शुरूआत

किसान संत कुमार की माने तो धान और गेहूं की खेती मेंं फायदा नहीं हुआ तो उसने अमरूद की खेती शुरू की। अनाज की खेती की जगह अमरूद की खेती करने का विचार तब आया जब दो एकड़ में अमरूद की खेती से लाभ मिलना शुरू हुआ। पहले वह 24 एकड़ में अनाज की खेती करते थे। जिससे संत कुमार को रबी और खरीफ दोनो सीजन को मिला कर केवल 7 लाख की ही आमदनी हो रही थी।

किसान के पास 26 एकड़ जमीन है। जिसमें से वह पहले 24 एकड़ में अनाज और 2 एकड़ में अमरूद लगाया करते थे। लेकिन अमरूद में ज्यादा फायदा होने पर संत कुमार ने 26 एकड़ में ही अमरूद की खेती करने का निर्णय लिया और आज वह उम्मीद से ज्यादा की आय प्राप्त कर रहे हैं। इस कार्य में रीवा के कृषि वैज्ञानिकों ने भी संत कुमार का मार्गदर्शन हर जगह किया।

युपी-छत्तीसगढ़ में जाता है इलाहाबादी सफेदा

संत कुमार ने अपने बगीचे में इलाहाबादी सफेदा प्रजाति के अमरूद लगा रखे है। यह अमरूद यूपी के फैजाबाद, बनारस और गोरखपुर सहित अन्य शहरों में जाता है। यहां संत कुमार द्वारा तैयार की गई अमरूद की अच्छी-खासी मांग है। इसके उक्त शहरों के अलावा छत्तीसगढ़ में भी किसान संत कुमार के अमरूद की काफी मांग है। बताया गया है कि एमपी के तकरीबन हर बडे़ शहरों में संत कुमार का अमरूद जाता है।

25 से 30 क्विंटल प्रतिदिन निकलता है अमरूद

बताया गया है कि संत कुमार ने तकरीबन 4 हजार अमरूद के पेड़ लगा रखे हैं। ठंड के मौसम में प्रतिदिन किसान के अमरूद के खेत से 25 से 30 कि्ंवटल अमरूद निकलता है। किसान के खेत में तकरीबन दो दर्जन से अधिक श्रमिक कार्य में लगे हुए हैं। यह कहा जाय कि संत कुमार के अमरूद की खेती से दो दर्जन लोगों का परिवार पल रहा है तो अतिशयोक्ति न होगी।

नुकसान की संभावना कम

किसान संत कुमार ने बताया कि अमरूद की खेती का सबसे अधिक फायदा यह है कि इससे नुकसान की संभावना बहुत ही कम रहती है। जबकि अनाज की खेती में नुकसान की संभावना बनी ही रहती है। यह तो संत कुमार के विचार है। लेकिन इतना तो तय है कि अगर संत कुमार की तरह मन और लगन से अगर कार्य किया जाय तो व्यक्ति अपनी मंजिल पा ही लेता है।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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