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रीवा रेलवे स्टेशन में आरपीएफ व पुलिस बल की रही पैनी नजर, यह है मामला

Sanjay Patel
15 Sep 2023 6:20 AM GMT
रीवा रेलवे स्टेशन में आरपीएफ व पुलिस बल की रही पैनी नजर, यह है मामला
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Rewa News: एमपी के रीवा जिला अंतर्गत गोविंदगढ़ सहित अन्य क्षेत्र के किसान परिवार काफी लम्बे समय से जमीन के बदले नौकरी के मुद्दे को आंदोलनरत हैं। इसमें रीवा ही नहीं बल्कि सतना, सीधी व पन्ना के किसान परिवार भी शामिल हैं।

एमपी के रीवा जिला अंतर्गत गोविंदगढ़ सहित अन्य क्षेत्र के किसान परिवार काफी लम्बे समय से जमीन के बदले नौकरी के मुद्दे को आंदोलनरत हैं। इसमें रीवा ही नहीं बल्कि सतना, सीधी व पन्ना के किसान परिवार भी शामिल हैं। जमीन के बजाय नौकरी के लिए चल रहे इस आंदोलन में किसानों ने संभागायुक्त एवं डीआरएम को चेतावनी पत्र दिया, जिसके बाद रेलवे का सुरक्षा बल सक्रिय हो उठा है।

लम्बे समय से किया जा रहा आंदोलन

रेल रोको आंदोलन को लेकर रीवा रेलवे स्टेशन में गुरुवार को तनाव का माहौल रहा। सुबह से ही आरपीएफ सतना व जबलपुर के दल ने स्टेशन में डेरा डालते हुए यात्रियों की गतिविधि के साथ-साथ आंदोलनकारियों पर भी पैनी नजर रखी। जानकारी के मुताबिक गोविंदगढ़ में किसानों द्वारा भूमि अधिग्रहण के बाद नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलन किया जा रहा है। जिसे रेल प्रशासन ने नियम का हवाला देते हुए ठुकरा दिया है।

नहीं निकल पाया समाधान

इस मामले को लेकर पिछले दो माह से किसानों का आंदोलन उग्र हो उठा है। विगत माह आंदोलनकारी किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया था। तब प्रदर्शन को देखते हुए पश्चिम मध्य रेलवे के अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की लेकिन वह किसी ठोस हल तक नहीं पहुंच सके। इस पर किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा था कि आगामी 21 दिन में सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई तो किसान आनंद विहार ट्रेन के सामने सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे। नियत समय गुजर जाने के बाद भी जब कोई कार्यवाही नहीं तो किसानों ने अंतिम चेतावनी पत्र रेलवे अधिकारियों व रीवा कमिश्नर को भेजा। मामले को गम्भीरता से लेते हुए गत दिवस आरपीएफ जबलपुर आईजी योगेश पटेल, मिथिलेश सोनी का दल गोविंदगढ़ पहुंचा था परंतु किसानों ने मांग पूरी न होने पर अन्य किसी विषय पर बात नहीं की और न ही अगले आंदोलन की जानकारी दी।

आंदोलनकारी पुनः उठा सकते हैं बड़ा कदम

बताते हैं कि रेल अधिकारियों ने स्थानीय सांसदों से भी किसानों को समझाने की बात कही परंतु सांसदों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में एहतियात के तौर पर गुरुवार को आरपीएफ का विशेष दल पूरे दिन रीवा रेलवे स्टेशन पर तैनात रहा और शाम को वापस लौट गया। अब आंदोलनकारी पुनः कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। चूंकि आंदोलनकारियों को लिखे अपने पत्र में 14, 15 व 16 सितम्बर को उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रखी है। शायद यही वजह है कि रेलवे पुलिस बल स्टेशन में मुस्तैद दिखा।

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