रीवा

टमाटर की खेती कर रीवा की 'शशि' बनी मालामाल

टमाटर की खेती कर रीवा की शशि बनी मालामाल
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सेमरिया तहसील के ग्राम भमरा की शशि प्रभा सिंह पारंपरिक खेती को छोड़कर वैज्ञानिक विधि से खेती करने एवं उद्यानिकी फसल लेने से लखपती बन गई है।

सेमरिया तहसील के ग्राम भमरा की शशि प्रभा सिंह पारंपरिक खेती को छोड़कर वैज्ञानिक विधि से खेती करने एवं उद्यानिकी फसल लेने से लखपती बन गई है। उद्यानिकी फसलों ने शशि प्रभा की किस्मत ही बदल दी। शशि प्रभा ने बताया कि उनके पास 5 एकड़ खेती की जमीन है। पहले पारंपरिक रूप से गेंहू एवं धान की फसल लेने पर उतनी आय नहीं हो पाती भी जितने से परिवार चल सके। इसी बीच मैं बजरंग स्वसहायता समूह से जुड़ी एवं समूह से ही सीआरपी का प्रशिक्षण लिया। वही से वैज्ञानिक तरीके से उद्यानिकी फसल लेने के लिये विधि सीखी।

शशि ने बताया कि प्रशिक्षण के उपरांत अपने पांच एकड़ खेती की जमीन में टमाटर, प्याज एवं बैगन की खेती की। पहली खेती में हुये लाभ से मेरी किस्मत बदल गई। टमाटर एवं प्याज से लाखों रूपये की आय हुई। समूह से जुड़ने पर परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध हुआ। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न की जगह उद्यानिकी फसले लेने पर अधिक फायदा है।

सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार योजना के लिए 31 अगस्त तक करें आवेदन

सब मिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेन्सन आत्मा योजना अन्तर्गत वर्ष 2022-23 के लिए सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार एवं जिला स्तरीय सर्वोत्तम कृषक समूह पुरस्कार के लिए 31 अगस्त तक कृषक आवेदन करें। पुरस्कार के लिए उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं कृषि अभियांत्रिकी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को पुरस्कृत किया जायेगा।

किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उप संचालक यूपी बागरी ने बताया कि प्रत्येक विकासखण्ड में ५ किसानों को 10 हजार रूपये प्रति कृषक, जिला स्तर पर पांच किसानों को 25 हजार रूपये प्रति कृषक तथा जिला स्तर पर पांच सर्वोत्तम कृषक समूह को 20 हजार रूपये प्रति समूह पुरस्कार दिया जायेगा।

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