रीवा

REWA के ये COMPUTER COLLEGE मोटी रकम लेकर धड़ल्ले से बांट रहे DEGREE, STUDENTS के साथ हो रहा धोखा

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:12 AM GMT
REWA के ये COMPUTER COLLEGE मोटी रकम लेकर धड़ल्ले से बांट रहे DEGREE, STUDENTS के साथ हो रहा धोखा
x
Get Latest Hindi News, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, Today News in Hindi, Breaking News, Hindi News - Rewa Riyasat

REWA : कम्प्यूटर कालेजों के नाम पर रीवा शहर में बड़े पैमाने पर छात्रों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। एडमिशन और क्लास के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। इनसे परेशान छात्र और अभिभावक जब शिकायत लेकर संबंधित विभागों के पास पहुंचते हैं तो वह भी पल्ला झाड़ लेते हैं। परेशानी इस बात की लोगों को हो रही है कि आखिर इन कम्प्यूटर कालेजों पर नियंत्रण किसका है।

इसके पहले कई कालेजों में फर्जीवाड़ा होने की शिकायतें आई हैं, जिसमें न तो उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कोई कार्रवाई की गई और न ही तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से। इस वजह से ये बेलगाम होते जा रहे हैं। फर्जीवाड़े के इस खेल में प्रदेश के बाहर के विश्वविद्यालयों से संबद्धता लेने का दावा किया जाता है। इसमें कम्प्यूटर की अलग-अलग डिग्रियां दिलाने के साथ ही स्नातक कराने का भी दावा किया जाता है। बाद में जब इनकी डिग्रियां लेकर छात्र नौकरियों के लिए जाते हैं तो तरजीह नहीं मिलती। पूर्व में इसी तरह से कई छात्र परेशान हुए, शिकायतें हुई तो संबंधित कालेज संचालकों ने संबद्धता बदलवा ली। इसके बाद से लगातार इनकी मनमानी का दौर चल रहा है।

हाल ही में सरकार ने शिक्षा माफिया पर कार्रवाई की बात कही है। इंदौर, भोपाल में ऐसे लोगों को चिन्हित भी किया जा रहा है लेकिन रीवा में अब तक इन पर कार्रवाई की शुरुआत नहीं हो पाई है। बताया गया है कि कालेज चौराहे से लेकर सिरमौर चौराहे तक खुटेही मार्ग में बड़ी संख्या में कम्प्यूटर कालेज चल रहे हैं।

बिना नियम पालन धड़ल्ले के साथ चल रहा कम्प्यूटर कालेज निजी कालेजों के संचालन के लिए सरकार ने जो शर्तें तय कर रखी हैं उनका पालन किए बिना धड़ल्ले के साथ कम्प्यूटर कालेज चल रहे हैं। अधिकांश दूरवर्ती शिक्षा पद्धति के आधार पर डिग्रियां बांट रहे हैं। एक बार जांच हुई तो कहा गया कि स्टडी सेंटर का संचालन हो रहा है। जबकि नियम है कि छात्रों को असुविधा नहीं हो इसलिए कार्यालय में उनके दस्तावेज ले सकते हैं, यहां पर कक्षाएं संचालित नहीं कर सकते। छोटे कमरों में हो रहे संचालन पर किसी भी तरह से मापदंडों का पालन नहीं हो रहा है। इन पर कार्रवाई के लिए जिन विभागों के पास अधिकार है, वह भी कुछ नहीं कर रहे हैं।

- नहीं हुयी ठोस कार्रवाई पूर्व में संभागीय आयुक्त के निर्देश पर उच्च शिक्षा विभाग एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने शहर में संचालित कालेजों की जांच की थी। जिसमें कई जगह रातोंरात कम्प्यूटर कालेज बंद कर वहां से बोर्ड भी गायब कर दिए गए थे। कई दिनों तक शहर में हड़कंप मचा रहा लेकिन बाद में शासन स्तर पर रिपोर्ट मंगाई गई और कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। धीरे-धीरे फिर से यह कारोबार तेज होता जा रहा है।

- छात्रवृत्ति घोटाले की शुरुआती इन्हीं कालेजों से हुई छात्रवृत्ति घोटाले का बड़ा मामला रीवा जिले में आ चुका है। बीते साल ही इओडब्ल्यू ने करीब दो दर्जन की संख्या में लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज किया है। इसमें कम्प्यूटर कालेज चलाने वालों की संख्या अधिक है। शुरुआती दौर में एक या दो कमरों में चलने वाले कालेजों ने अब शहर के बड़े संस्थान का रूप ले लिया है। इसलिए इनके विरुद्ध लगातार शिकायतें आ रही हैं कि यहां पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा होता है। - --- हर संस्थान पर निगरानी की व्यवस्थाएं हैं। कम्प्यूटर कालेजों के नाम पर यदि कोई फर्जीवाड़ा हो रहा है तो इसकी रिपोर्ट कलेक्टरों से मंगाएंगे। शिक्षा माफिया चिन्हित करने का कार्य जिला स्तर पर चल रहा है। डॉ. अशोक कुमार भार्गव, संभागायुक्त रीवा<

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story