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रीवा जिले में तहसीलदारों को नया काम मिला, जानें नया आदेश

रीवा जिले में प्रशासनिक पुनर्गठन के तहत तहसीलदारों को राजस्व एवं गैर-राजस्व न्यायालयों के संचालन की नई ज़िम्मेदारी दी गई है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के तहत तहसील स्तर पर न्यायिक कार्यों को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने हेतु यह बड़ा निर्णय लिया गया है।
क्या है नया दायित्व? | What is the New Responsibility?
PDF आदेश के अनुसार, रीवा जिले के विभिन्न अनुभागों में पदस्थ तहसीलदारों को अब राजस्व न्यायालय और गैर-राजस्व न्यायालय की कार्यवाही का संचालन सौंपा गया है। इसके तहत अब वे न केवल भूमि विवादों की सुनवाई करेंगे बल्कि शासन द्वारा तय अन्य प्रशासनिक न्यायिक मामलों में भी फैसला देंगे।
राजस्व और गैर-राजस्व न्यायालय की ज़िम्मेदारियाँ
राजस्व न्यायालय:
- भूमि नामांतरण
- सीमांकन विवाद
- भूमि उपयोग परिवर्तन
- शासकीय भूमि पर अतिक्रमण से संबंधित मामले
गैर-राजस्व न्यायालय:
- सरकारी आदेशों के उल्लंघन
- अन्य प्रशासनिक अनुशासनात्मक कार्रवाई
- शिकायतों की जांच व निस्तारण
तहसीलदारों को क्यों मिला यह कार्यभार?
यह आदेश न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने, जनता को त्वरित न्याय दिलाने और अधिकारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से जारी किया गया है। इसके तहत अब एक ही अधिकारी कई न्यायिक और प्रशासनिक कार्य देख सकेगा, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
शासन के आदेश का मुख्य उद्देश्य
- न्यायिक प्रक्रिया को विकेंद्रीकृत करना
- कोर्ट केसों के पेंडेंसी को कम करना
- ग्रामीण जनता को न्याय उनके ही क्षेत्र में उपलब्ध कराना
- जवाबदेही तय करना
जनहित और प्रशासनिक प्रभाव
इस आदेश से आम नागरिकों को स्थानीय स्तर पर त्वरित न्याय मिलेगा और हाई लेवल कोर्ट पर दबाव भी कम होगा। तहसीलदारों को अधिक जवाबदेह बनाते हुए प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है।
किसे कितनी ज़िम्मेदारी मिली?
प्रत्येक तहसीलदार को उनके क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार कोर्ट का प्रभारी नियुक्त किया गया है। उदाहरण स्वरूप:
- रीवा तहसील – न्यायालय संख्या 1 व 2
- सिरमौर तहसील – एकल न्यायालय
- गुड़ तहसील – भूमि विवाद और मुआवजा प्रकरण




