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रीवा में SP पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला: भाजपा नेता ने विधायक पर सख्त कार्रवाई की मांग की

रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक राजनीतिक विवाद ने नया मोड़ ले लिया है, जहां एक विधायक द्वारा पुलिस अधीक्षक (SP) के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी पर भाजपा नेता ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा नेता ने इस घटना को एक गंभीर संवैधानिक उल्लंघन बताया है और इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि आरोप निराधार पाए जाते हैं, तो संबंधित विधायक के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब एक सार्वजनिक मंच से विधायक ने एसपी को "अर्धनारीश्वर" कहा और उन पर शराब व्यापारियों से घूस लेने का आरोप लगाया।
भाजपा नेता ने इस टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि एक आईपीएस अधिकारी के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग करना अत्यंत अशोभनीय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एसपी और कलेक्टर जैसे पद सिर्फ प्रशासनिक पद नहीं होते, बल्कि वे लाखों गरीब और वंचित लोगों के लिए न्याय और आशा का प्रतीक होते हैं। इन पदों पर बैठे अधिकारियों की गरिमा बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जब एक जनप्रतिनिधि इस तरह के मनगढ़ंत और अपमानजनक आरोप लगाता है, तो इससे जनता का विश्वास न केवल अधिकारियों से बल्कि पूरी न्याय व्यवस्था से उठ सकता है। यह संवैधानिक पदों का अपमान है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
भाजपा नेता ने सरकार और आईजी से तुरंत इस मामले का संज्ञान लेने और इसकी गहन जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि विधायक द्वारा लगाए गए आरोप सच साबित होते हैं तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई हो, लेकिन यदि ये आरोप झूठे और दुर्भावनापूर्ण पाए जाते हैं, तो विधायक पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए यह आवश्यक है कि एक स्पष्ट संदेश दिया जाए कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का अपमान करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी।
"अर्धनारीश्वर" जैसे शब्द का प्रयोग एक आईपीएस अधिकारी के लिए करना सिर्फ असंवदेनशील नहीं, बल्कि एक कटु टिप्पणी है जो किसी व्यक्ति की पहचान और सम्मान पर सीधा हमला करती है। भाजपा नेता ने कहा कि यह टिप्पणी एक चयनित जनप्रतिनिधि ने प्रदेश के बड़े नेताओं और कई विधायकों की उपस्थिति में की थी, जिससे इस घटना की गंभीरता और भी बढ़ जाती है। उन्होंने मांग की कि इस पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के कृत्य की पुनरावृत्ति न कर सके।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की कार्रवाई से संवैधानिक पदों पर बैठे अधिकारियों के प्रति जनता का विश्वास बना रहेगा और उन्हें बिना किसी राजनीतिक दबाव के अपना काम करने का प्रोत्साहन मिलेगा। भाजपा नेता ने इस बात पर जोर दिया कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि अधिकारियों का मनोबल ऊंचा रहे और वे बिना किसी भय के अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें। यह घटना राजनीतिक मर्यादाओं के पतन का एक उदाहरण है और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाना समय की मांग है।




