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रीवा SGH में वार्ड बॉय ने खुद पर पेट्रोल डालकर सुसाइड की कोशिश, सैलरी न मिलने पर लगाया कंपनी पर गंभीर आरोप

मुख्य बिंदु (Top Highlights)
- रीवा के संजय गांधी अस्पताल में वार्ड बॉय ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्महत्या की कोशिश की।
- एक महीने की सैलरी न मिलने पर अस्पताल परिसर में हंगामा किया।
- सुरक्षा गार्डों ने समय रहते पकड़कर आग लगाने से रोका।
- हंगामे के तुरंत बाद कंपनी ने उसके खाते में सैलरी डाल दी।
- अधीक्षक बोले—“सैलरी बैंक की तकनीकी गड़बड़ के कारण अटकी थी।”
रीवा SGH में वार्ड बॉय की आत्महत्या की कोशिश, बोला—“सैलरी दो नहीं तो जान दे दूंगा”; गार्डों ने बचाया, बाद में खाते में आई सैलरी
रीवा के संजय गांधी अस्पताल (SGH) में शनिवार शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब एक वार्ड बॉय ने अपनी रुकी हुई सैलरी को लेकर आत्महत्या की कोशिश की। वार्ड बॉय राहुल सोंधिया परिसर में पेट्रोल की बोतल लेकर पहुंचा और सबके सामने खुद पर पेट्रोल उड़ेलकर चिल्लाने लगा— “मेरी सैलरी दो… नहीं तो मैं जान दे दूंगा!”
कुछ ही सेकंड में पूरे अस्पताल परिसर में चीख-पुकार, भगदड़ और अफरा-तफरी मच गई। मरीजों के परिजन, सुरक्षाकर्मी और अस्पताल स्टाफ उसकी हरकत देखकर दहशत में आ गए। मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बनाना शुरू कर दिया।
गार्डों ने छलांग लगाकर पकड़ा, पेट्रोल की बोतल छीनी
जैसे ही राहुल बोतल में बचे पेट्रोल को अपने कपड़ों पर डालते हुए खुद को आग लगाने की तैयारी करने लगा, वहीं तैनात दो सुरक्षा गार्डों ने तत्काल एक्शन लिया।
उन्होंने छलांग लगाकर राहुल को पकड़ लिया और उसके हाथ से पेट्रोल की बोतल छीन ली। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि कुछ ही पलों में स्थिति नियंत्रण में आ गई। लेकिन लगभग 5 मिनट तक पूरा अस्पताल परिसर दहशत में रहा।
वार्ड बॉय का आरोप— “मेरी सैलरी रोक दी, किसी ने नहीं सुना”
राहुल सोंधिया ने बताया कि वह एजाइल कंपनी के माध्यम से SGH में कार्यरत है। उसका आरोप है कि अक्टूबर महीने की सैलरी बाकी स्टाफ को दे दी गई, लेकिन उसकी सैलरी रोक दी गई।
उसके अनुसार, उसने कई बार कंपनी मैनेजमेंट और अस्पताल प्रशासन से शिकायत की, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। इसी मानसिक तनाव में आकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाने की कोशिश की।
हंगामे के कुछ मिनट बाद ही अकाउंट में आई सैलरी
जब अस्पताल परिसर में मामला तूल पकड़ने लगा और भीड़ जमा होने लगी, तभी जानकारी कंपनी मैनेजर तक पहुंची। इसके बाद कंपनी ने तत्काल अपने स्तर से राहुल की सैलरी उसके अकाउंट में डाल दी। इसके बाद राहुल को शांत कराया गया और अस्पताल प्रशासन ने उसे समझाइश दी।
अधीक्षक बोले— “बैंक की तकनीकी वजह से अटकी थी सैलरी”
इस पूरे मामले पर अस्पताल अधीक्षक राहुल मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
“किसी की भी सैलरी जानबूझकर नहीं रोकी गई थी। बैंक में कुछ तकनीकी समस्या होने के कारण भुगतान नहीं हो पाया होगा। लेकिन इस तरह आत्महत्या की कोशिश करना अनुशासन के खिलाफ है।”
अधीक्षक ने यह भी कहा कि अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हमेशा प्राथमिकता पर किया जाता है।
घटना से डरे मरीज और परिजन, बोले— “अस्पताल में सुरक्षा बढ़ाई जाए”
अचानक हुए इस हाई-वोल्टेज ड्रामे के कारण SGH में भर्ती मरीज और उनके परिजन काफी घबरा गए। कई लोगों ने कहा कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर ऐसी घटनाएं न केवल परेशानी पैदा करती हैं बल्कि सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठाती हैं।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. वार्ड बॉय ने आत्महत्या की कोशिश क्यों की?
उसका कहना था कि उसकी एक महीने की सैलरी कंपनी ने नहीं दी, जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव में था।
2. क्या अस्पताल स्टाफ ने उसे बचा लिया?
हाँ, सुरक्षा गार्डों ने तुरंत एक्शन लेकर उसे पकड़ लिया और पेट्रोल की बोतल छीन ली।
3. क्या उसके खाते में बाद में सैलरी जमा की गई?
हाँ, हंगामे के तुरंत बाद कंपनी मैनेजर ने सैलरी उसके बैंक खाते में डाल दी।
4. अस्पताल प्रशासन ने क्या कहा?
अधीक्षक ने कहा कि सैलरी बैंक की तकनीकी समस्या के कारण अटकी थी, किसी की सैलरी रोकी नहीं गई थी।
Rewa Riyasat News
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