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नामांतरण-बंटवारे के एवज में रिश्वत: 10 हजार लेते हुए नायब तहसीलदार रीवा लोकायुक्त के शिकंजे में

Rewa Riyasat News
19 Dec 2025 10:38 AM IST
Updated: 2025-12-19 05:15:07
नामांतरण-बंटवारे के एवज में रिश्वत: 10 हजार लेते हुए नायब तहसीलदार रीवा लोकायुक्त के शिकंजे में
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सतना जिले में नामांतरण और बंटवारे के काम के बदले रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। रीवा लोकायुक्त की टीम ने नायब तहसीलदार को 10 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

📰 News Highlights

  • नामांतरण और बंटवारे के बदले 10 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप
  • सतना जिले के रामपुर बघेलान में मौहारी कटरा वृत्त के नायब तहसीलदार को लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा
  • रीवा जिले में एक ही दिन में दूसरी बड़ी कार्रवाई
  • राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार पर कड़ा संदेश

नामांतरण-बंटवारे के नाम पर रिश्वतखोरी | Bribery in Land Mutation Case

सतना जिले में राजस्व विभाग से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां नामांतरण और भूमि बंटवारे के एवज में रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगा है। रीवा लोकायुक्त संगठन ने शिकायत की पुष्टि के बाद सतना जिले के रामपुर बघेलान में मौहारी कटरा वृत्त के नायब तहसीलदार वीरेंद्र सिंह जायसुर को 10 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

शिकायतकर्ता का आरोप था कि उसका वैधानिक कार्य होने के बावजूद फाइल जानबूझकर रोकी जा रही थी और साफ तौर पर पैसों की मांग की जा रही थी। परेशान होकर उसने लोकायुक्त कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई।

कैसे रची गई ट्रैप कार्रवाई? | How Lokayukta Planned the Trap

लोकायुक्त टीम ने शिकायत की गोपनीय जांच के बाद आरोपों को सही पाया। इसके बाद पूरी रणनीति के तहत ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई गई। तय योजना के अनुसार जैसे ही आरोपी नायाब तहसीलदार ने रिश्वत की राशि स्वीकार की, टीम ने मौके पर ही उसे पकड़ लिया।

कार्रवाई के दौरान सभी कानूनी औपचारिकताओं का पालन किया गया। रिश्वत की रकम जब्त कर ली गई और आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य भी संकलित किए गए।

एक ही दिन में दूसरी कार्रवाई से हड़कंप

इस कार्रवाई की खास बात यह रही कि एक ही दिन में लोकायुक्त की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। लगातार हो रही ट्रैप कार्रवाइयों से जिले के सरकारी दफ्तरों में हड़कंप मच गया है।

राजस्व विभाग के कर्मचारियों में डर का माहौल है, वहीं आम नागरिकों में यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर कार्रवाई संभव है।

राजस्व विभाग में क्यों बढ़ रही शिकायतें?

नामांतरण, सीमांकन और बंटवारे जैसे मामलों में देरी और अनावश्यक अड़चनों को लेकर लंबे समय से शिकायतें सामने आती रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जमीनी स्तर पर प्रक्रियाओं की जटिलता ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है।

हालांकि सरकार द्वारा कई प्रक्रियाएं ऑनलाइन की गई हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर हस्तक्षेप अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हो पाया है।

प्रशासन का सख्त संदेश

प्रशासन ने साफ कहा है कि भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। कोई भी अधिकारी या कर्मचारी यदि दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

नामांतरण के बदले रिश्वत मांगे जाने पर क्या करें?

आप लोकायुक्त या एंटी करप्शन विभाग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

लोकायुक्त ट्रैप कार्रवाई कैसे होती है?

शिकायत की पुष्टि के बाद तय योजना के तहत आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा जाता है।

क्या शिकायतकर्ता की पहचान सुरक्षित रहती है?

हां, शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है।

दोष सिद्ध होने पर सजा क्या हो सकती है?

दोषी को जेल, जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।

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