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नामांतरण के एवज में रिश्वतखोरी: 10 हजार लेते हुए पटवारी को रीवा लोकायुक्त ने दबोचा

Rewa Riyasat News
19 Dec 2025 10:44 AM IST
नामांतरण के एवज में रिश्वतखोरी: 10 हजार लेते हुए पटवारी को रीवा लोकायुक्त ने दबोचा
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रीवा जिले में नामांतरण के बदले रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को 10 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। जांच जारी है।

📰 News Highlights

  • नामांतरण के बदले 10 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप
  • पटवारी को लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा
  • रीवा जिले में लगातार दूसरी बड़ी ट्रैप कार्रवाई
  • राजस्व विभाग में हड़कंप, जांच जारी

नामांतरण के नाम पर रिश्वतखोरी | Bribery in Land Mutation Case

रीवा जिले में राजस्व विभाग से जुड़ा एक और रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। आरोप है कि नामांतरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के एवज में पटवारी ने 10 हजार रुपये की मांग की थी। शिकायत मिलने पर रायपुर कर्चुलियान तहसील के मणिकवार में देवरा फरेंदा का पटवारी अच्छेलाल साकेत को लोकायुक्त रीवा की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

शिकायतकर्ता के अनुसार, भूमि से संबंधित वैधानिक कार्य लंबे समय से लंबित था। बार-बार कार्यालय जाने के बावजूद जब फाइल आगे नहीं बढ़ी, तो साफ तौर पर रिश्वत की मांग की गई।

कैसे पकड़ा गया पटवारी? | How the Trap Was Executed

शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद लोकायुक्त टीम ने आरोपों को सही पाया। इसके बाद पूरी रणनीति के तहत ट्रैप कार्रवाई की गई। तय समय और स्थान पर जैसे ही पटवारी ने 10 हजार रुपये स्वीकार किए, टीम ने मौके पर ही उसे पकड़ लिया।

कार्रवाई के दौरान रिश्वत की राशि जब्त की गई और आवश्यक कानूनी दस्तावेज व साक्ष्य भी संकलित किए गए। आरोपी से पूछताछ के बाद आगे की जांच की जा रही है।

एक दिन में दूसरी कार्रवाई से मचा हड़कंप

इस घटना ने इसलिए भी ध्यान खींचा क्योंकि एक ही दिन में लोकायुक्त की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। लगातार हो रही ट्रैप कार्रवाइयों से सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है।

राजस्व विभाग के कर्मचारियों में डर का माहौल है, वहीं आम लोगों को यह भरोसा मिला है कि शिकायत करने पर कार्रवाई संभव है।

राजस्व विभाग में क्यों बढ़ रही रिश्वत की शिकायतें?

नामांतरण, सीमांकन और बंटवारे जैसे मामलों में देरी और प्रक्रिया की जटिलता को लेकर लंबे समय से शिकायतें सामने आती रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यही स्थिति भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है।

हालांकि कई प्रक्रियाएं ऑनलाइन की गई हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अब भी मानव हस्तक्षेप पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाया है।

प्रशासन का सख्त संदेश

लोकायुक्त और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। दोषी पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

नामांतरण के बदले रिश्वत मांगे जाने पर क्या करें?

आप लोकायुक्त या एंटी करप्शन विभाग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

लोकायुक्त ट्रैप कार्रवाई कैसे करता है?

शिकायत सत्यापित होने के बाद तय योजना के तहत आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा जाता है।

क्या शिकायतकर्ता की पहचान सुरक्षित रहती है?

हां, शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है।

दोष सिद्ध होने पर पटवारी को क्या सजा हो सकती है?

दोषी पाए जाने पर जेल, जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।

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