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रीवा की पद्मजा त्रिपाठी के हौसले की उड़ान: इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बनीं, विंध्य का मान बढ़ाया

रीवा की पद्मजा त्रिपाठी के हौसले की उड़ान: इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बनीं, विंध्य का मान बढ़ाया
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2020-21 में रीवा की पद्मजा त्रिपाठी ने इंडियन एयरफोर्स की ओर से आयोजित परीक्षा में पास होकर वायु सेना में जाने का सपना साकार किया. अब वो IAF में फ्लाइंग ऑफिसर बन गई हैं.

IAF Flying Officer Padmaja Tripathi : रीवा. कठिन परिश्रम और लगन से बड़े से बड़ा लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है. इस कथन को चरितार्थ किया है रीवा के नीवी गांव की पद्मजा त्रिपाठी (Padmaja Tripathi) ने. 2020-21 में पद्मजा त्रिपाठी ने इंडियन एयरफोर्स की ओर से आयोजित परीक्षा में पास होकर वायु सेना में जाने का सपना साकार किया और अब अपनी मेहनत के दम पर पद्मजा त्रिपाठी वायु सेना में फ्लाइंग आफिसर (Padmaja Tripathi IAF Flying Officer) बन गई हैं.

शुक्रवार को हैदराबाद स्थित एयरफोर्स अकादमी (Indian Airforce Academy Hyderabad) में हुई पासिंग आउट परेड के बाद पद्मजा त्रिपाठी ने फ्लाइंग ऑफिसर के पद की शपथ ली.

कौन हैं IAF Flying Officer पद्मजा त्रिपाठी

पद्मजा त्रिपाठी का जन्म रीवा जिले के छोटे से गांव नीवी ब्योहारियान में हुआ है. उनके दादा विनायक प्रसाद त्रिपाठी सेवानिवृत अध्यापक हैं और पिता त्रयंबकमणि त्रिपाठी कृषि विभाग में अपर निदेशक हैं. पद्मजा के पिता उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात हुए, जिससे उनकी पुत्री को बार-बार स्कूल बदलने पड़े फिर भी हमेशा मेरिट में स्थान पाया. 12वीं में उन्होंने उत्तरप्रदेश मेरिट में सम्मान मिला और पहले ही प्रयास में JEE में इंजीनियरिंग के लिए चयन हुआ, लेकिन उसे छोड़कर हैदराबाद से फैशन डिजाइन (Fashion Designing) में स्नातक किया. पद्मजा सिविल सर्विसेस की तैयारी करना चाहती थीं.

तैयारी के लिए छोड़ दी थी अच्छी खासी नौकरी

स्नातक के बाद पद्मजा त्रिपाठी का चयन आदित्य बिरला बेंगलुरु के लिए हुआ तो सोचा नौकरी के साथ तैयारी भी करेंगी. एक वर्ष आदित्य बिरला में काम किया, लेकिन तैयारी को समय नहीं मिल पाता था, जिससे नौकरी छोड़कर तैयारी करने के लिए लखनऊ पिता के पास चली गईं. कई परीक्षाएं पास की, लेकिन देशसेवा के लिए सेना में जाने का मन बना लिया था. 2020 में NDA की परीक्षा और 2021-22 में वायुसेना के हैदराबाद एकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर फ्लाइंग ऑफिसर बनीं.

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