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रीवा: एक ज़माने की बात है! प्रकाश चौराहे में पार्किंग हुआ करती थी, अब RMC ने यहां बेघर सूअरों को बसा दिया

रीवा: एक ज़माने की बात है! प्रकाश चौराहे में पार्किंग हुआ करती थी, अब RMC ने यहां बेघर सूअरों को बसा दिया
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रीवा नगर निगम: मध्य प्रदेश के रीवा नगर निगम की दरियादिली की चर्चा पूरे देश में होनी चाहिए, आखिर कोई तो बेघर, बेसहारा लाचार सूअरों के बारे में सोचने की हिम्मत किया

Rewa Nagar Nigam: एक ज़माने की बात है, मध्य प्रदेश के रीवा जिले में मौजूद प्रकाश चौराहे में विशाल पार्किंग हुआ करती थी. लोग यहां अपनी गाड़ियां लाकर खड़ी किया करते थे. सब कुछ अच्छा चल रहा था तभी अचानक से कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे पार्किंग लॉट को तबाह करके रख दिया। आसमान में काले बादलों ने डेरा जमा लिया और मूसलाधार बारिश शुरू हुई. मानसून ने पूरे पार्किंग को जलमग्न कर दिया। यह नज़ारा ऐसा था कि कोई भी नगर निगम का अधिकारी, जनप्रतिनिधि यहां जाने की जुर्रत नहीं कर पाए.

नोट- ये कहानी सच्ची घटना पर आधारित है, इस कहानी के सभी पात्र असली जिंदगी में हैं. किसी भी जानवर को चोट नहीं पहुंचाई गई है. मगर उनको जरूर दर्द होगा जो जिम्मेदार हैं.


उस बारिश की मचाई तबाही के बाद किसी को अंदाजा नहीं था कि यह आपदा किसी जीव के लिए अवसर का रूप लेगी। कुछ समय बाद इस कीचड़ और नाली के मलबे ने पूरे पार्किग में ऐसा इकोसिस्टम बना दिया जो बेघर, लाचार बेसहारा सूअरों (Pig) के लिए पैराडाइस बन गया. अब यहां हसी-ख़ुशी सूअरों का परिवार अपने नन्हे-मुन्हे पिग्लेट्स के साथ रहते हैं. हैप्पी एंडिंग

सर.. बहुत मस्त जगह है कभी आप भी जाईये

वो मानसून के दिन और आज का वक़्त, काफी कुछ बदल चुका है. अब जहां लोग अपनी गाड़ियां लाकर खड़ी कर देते थे वहां किसी जीव का परिवार बसा हुआ है. इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है कि रीवा नगर निगम सूअरों को लेकर कितना संवेदनशील है. रीवा नगर निगम ने यहां नाली के खुशबूदार पानी और स्वच्छ कीचड़ से भरा हुआ जो स्विमिंग पूल बनवाया गया है वो काफी शानदार है. और कुछ एरिया में सूअरों के लिए जकूजी बना हुआ है जहां पानी से बुलबुले उठते हैं काफी दिलकश नजारा मिलता है,


प्रकाश चौराहे का ''सूअर वेलफेयर सेंटर एंड रिजॉर्ट'' देखकर दिल खुश हो जाता है. हम तो नगर निगम के अधिकारीयों और रीवा के जनप्रतिनिधियों से कहते हैं, कहां आप घूमने के लिए चिड़ियाघर और टूरिस्ट प्लेस जाते हैं? कभी प्रकाश चौराहे वाली पार्किंग के दर्शन करिये। नौकरी की टेंशन थोड़ी कम होगी (आप लोग बहुत मेहनत कर लेते हैं, थोड़ा चिल मारिये)

सूअर वेलफेयर स्कीम के तहत हुआ है काम

रीवा की जनता काफी दिनों से बहुत परेशान थी, कि आखिर बारिश के पहले तो पार्किंग यहीं हुआ करती थी, अब कहां चली गई? शायद उन्हें मालूम नहीं होगा कि RMC ने यहां सूअर वेलफेयर योजना के तहत काम शुरू किया है. जहां समाज से शोषित और पीड़ित सूअरों को पट्टा देकर जमीन का मालिकाना हक़ दिया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत अबतक सूअरों के लिए कीचड़ युक्त स्विमिंग पूल, नाली की गन्दगी से भरा बाथटब, खाने के लिए लोगों के घर से निकलने वाला 'मलिच्छ ड्रेनेज सिस्टम'' तैयार कर लिया गया है. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आने वाले वक़्त में यहां 'सूअर सुविधा केंद्र' शुरू किया जाएगा। सबसे अच्छी बात ये है कि इस प्रकाश चौराहे की पार्किंग में रहने वाले गरीब सूअरों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं वसूला जाता, जबकि गाड़ी खड़ी करने वालों से 10-20 रुपए लिया जाता था.

प्रकाश चौराहा 'सूअर सेंटर एंड रिजॉर्ट' के पास जिन इंसानों का घर है उनका कहना है कि बरसात का मौसम जब शुरू हुआ था तभी से यहां नगर निगम ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में काम शुरू कर दिया था. अब यहां के लोगों को स्वच्छ हवा, मनमोहक दृश्य और फ्री में एनिमल लाइफ देखने को मिल जाती है. बहुत अच्छा काम हुआ है.

कोई दिक्कत नहीं सर, जनता सड़क में गाड़ी पार्क कर लेगी

अरे नहीं सर... प्रकाश चौराहे से सूअर वेलफेयर सेंटर मत शिफ्ट करियेगा प्लीज़, जनता का क्या है, गाड़ी पार्क करना होगा तो सड़क में कर देंगे, कटवा लेंगे चालान और क्या? कोई पुलिस वाला गाड़ी उठा भी ले जाएगा तो थाने में जाकर जुर्माना भरेंगे। मगर आप प्लीज यहां से गन्दगी साफ़ मत करवाइयेगा वरना अगले साल स्वच्छ भारत अभियान में रीवा इंदौर से आगे कैसे निकलेगा?

स्वछता से याद आया, इस बार अपने रीवा को सफाई के मामले में पूरे देश में 55वीं रैंक मिली है. प्राउड हो रहा रहा यार.. एक बार स्वछता की तस्वीरें तो देख लीजियेयहां क्लिक करें




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