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रीवा NSUI में भसड़ क्यों मची है? जिला अध्यक्ष चुनाव के नाम पर छात्र नेताओं के साथ खेल हो गया!

रीवा NSUI में भसड़ क्यों मची है? जिला अध्यक्ष चुनाव के नाम पर छात्र नेताओं के साथ खेल हो गया!
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रीवा NSUI जिला अध्यक्ष चुनाव विवाद: राजनीति सीख रहे छात्र नेता खुद अपनी पार्टी की राजनीति का शिकार हो गए

Rewa NSUI District President Election: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन 'National Students' Union of India' यानी NSUI के सदस्य दो धड़ों में बंट गए हैं. जो छात्र राजनीति सीख रहे थे वो खुद पार्टी की अंदरूनी राजनीति का शिकार हो गए हैं. आलम ये है कि कई छात्र नेता विरोध करने के चक्कर में अपने पद और NSUI की सदस्यता को छोड़ रहे हैं और हाई-कमान तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं. एक दिक्क्त ये भी है कि विरोध करने वाले छात्र नेता जिन कांग्रेस नेताओं को ऊंचा कद वाला समझते वो खुद अपनी साख बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.

दरअसल पूरा विवाद एनएसयूआई जिला अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर है. रीवा NSUI के जिला अध्यक्ष का पद सतना के पंकज उपाध्याय को दे दिया गया है. दिक्क्त सिर्फ इतनी है कि रीवा के NSUI सदस्यों को पंकज उपाध्याय की लीडरशिप में काम नहीं करना। क्यों नहीं करना? क्योंकी पंकज उपाध्याय रीवा जिले से नाता नहीं रखते। भड़के NSUI कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें अपने जिले में वही अध्यक्ष चाहिए जो रीवा से ताल्लुख रखता हो, यहीं पैदा हुआ हो और यहीं पला-बढ़ा हो

हालांकि विरोध कर रहे लोगों का यह भी कहना है कि कांग्रेस के बड़े लीडर्स ने बिना जिला अध्यक्ष का चुनाव करवाए ही अपने मन से चहेतों को पद भेंट में दे दिए हैं. ना तो उनकी योग्यता परखी गई, और ना ही किसी से सलाह-मश्वरा किया गया, बल्कि सीधा अपॉइंटमेंट लेटर थमा दिया।

छात्र नेताओं का कहना है कि कायदे से रीवा एनएसयूआई अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना चाहिए था. सर्वसम्मति के बाद ही NSUI डिस्ट्रिक प्रेसिडेंट का चयन होना चाहिए था. इसी लिए रीवा के सदस्य पंकज उपाध्याय को अपना नेता नहीं मान रहे

चुनाव के नामपर अपने लोगों को ठग लिया

मालूम चला है कि NSUI के बड़े नेताओं ने संगठन सदस्यता के वक़्त अध्यक्ष पद के चुनाव का वादा किया था. और प्रति सदस्यता के नामपर लोगों से 100-100 रुपए लिए थे. लेकिन चुनाव हुआ नहीं बल्कि सीधा नियुक्ति हो गई. इसी बात से नाराज सदस्य सोशल मीडिया में अपना स्तीफा दे रहे हैं.

एक मंगू गुट और एक टीम राज

सूत्रों से मालूम हुआ है कि NSUI पहले से ही दो धड़ो में बंटी हुई थी. एक गुट कांग्रेस प्रदेश महासचिव गुरुमीत सिंह मंगू की तरफ है और दूसरा स्व सुंदरलाल तिवारी के पुत्र सिद्धार्थ तिवारी राज के गुट में है. फ़िलहाल गुरुमीत सिंह मंगू का पलड़ा भारी है और दावा किया जा रहा है कि उन्ही के अप्रोच पर सतना के रामपुर बघेलान के पंकज उपाध्याय को रीवा का जिला अध्यक्ष बनाया गया है.

रीवा के NSUI किसे मानते हैं अपना नेता?

रीवा के NSUI सदस्य चाहते हैं कि उनका नेता जो भी हो वो रीवा का होना चाहिए। क्योंकी विंध्य की राजनीति का केंद्र रीवा है जहां की पॉलिटिक्स सिर्फ वही समझ सकता है जिसने यहीं यहां का पानी चखा है. दूसरे जिले के लोग यहां की राजनीति को जल्दी समझ नहीं सकते और ना ही बिखरे हुए संगठन को एकत्र कर सशक्त बना सकता है.

NSUI रीवा जिला अध्यक्ष के प्रबल दावेदार

  • अभिषेक तिवारी अभी
  • चैतन्य मिश्र
  • प्रभात पांडेय
  • प्रदीप सिंह गब्बर
  • व्यास दुबे
  • अभिषेक तिवारी हनुमना

कहा जाता है कि जिला अध्यक्ष में उसी की दावेदारी प्रबल होती है जो अपने क्षेत्र में सबसे ज़्यादा लोगों को NSUI की सदस्यता दिलवाता है. इस मामले में अभिषेक तिवारी अभी सबसे आगे रहे हैं. और उनके बाद अभिषेक तिवारी हनुमना और बाकी लोगों का नाम आता है.

रीवा में NSUI में चल रही यह भसड़ कहीं न कहीं आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए गले का फ़ांस बन सकती है. रीवा जिला वैसे भी बीजेपीमय है. जहां सभी विधानसभाओं में कमल खिला है, इन हालातों में पंजे के सदस्यों ने अपनी हथेली को मुक्का-बंद कर लिया है जो अंत में उन्ही के मुंह में जाकर लग सकता है.


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