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रीवा में प्रशासन एक्शन मोड में: दर्जनभर मेडिकल स्टोर्स सील, कई ने डर से दुकानें बंद की; विरोध में उतरे

Rewa Riyasat News
27 Oct 2025 10:19 PM IST
रीवा में प्रशासन एक्शन मोड में: दर्जनभर मेडिकल स्टोर्स सील, कई ने डर से दुकानें बंद की; विरोध में उतरे
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रीवा में स्वास्थ्य विभाग और ड्रग विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की। कई मेडिकल स्टोर्स सील किए गए, तो कई संचालकों ने खुद दुकानें बंद कर दीं।

Highlights

  • रीवा में मेडिकल स्टोर्स पर कलेक्टर के आदेश पर बड़ी कार्रवाई।
  • स्वास्थ्य और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम ने कई मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की।
  • दर्जनभर मेडिकल दुकानें अनियमितताओं के चलते सील की गईं।
  • बिना फार्मासिस्ट और बिना रजिस्ट्रेशन चल रहीं कई दुकानें पकड़ी गईं।
  • प्रशासन ने कहा – जो दुकानदार जांच से डर रहे हैं, वही असली संदिग्ध हैं।

रीवा में मेडिकल स्टोर्स पर प्रशासन का बड़ा एक्शन

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में प्रशासन हरकत में आ गया है। कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम ने पूरे शहर में एक के बाद एक मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की। इस दौरान दर्जनभर दुकानों में अनियमितताएं पाई गईं, जिन्हें तुरंत सील कर दिया गया। वहीं, कई दुकानदार डर के कारण खुद ही अपनी दुकानें बंद करके भाग गए।

बिना रजिस्ट्रेशन और फार्मासिस्ट के चल रही थीं दुकानें

टीम को जांच के दौरान कई ऐसी दुकानें मिलीं, जो बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के ही मेडिकल स्टोर चला रही थीं। इतना ही नहीं, कई दुकानों से एक्सपायरी दवाएं और नकली दवाएं भी जब्त की गईं। ड्रग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई एक बड़े सिंडीकेट पर वार है, जो मिलावटी दवाओं की सप्लाई पूरे विंध्य क्षेत्र में फैला चुका है।

मेडिकल संचालकों में दहशत का माहौल

जैसे ही प्रशासनिक टीम ने कार्रवाई शुरू की, रीवा शहर के कई मेडिकल संचालक घबरा गए। कुछ ने अपनी दुकानें तुरंत बंद कर दीं, तो कुछ ने खुद शटर गिराकर बाहर ताले लगा दिए। कई दुकानदारों ने तो पुलिस और प्रशासनिक टीमों से जांच का विरोध भी किया। वहीं कुछ ने इसे “अचानक की गई कार्रवाई” बताते हुए कहा कि सभी को एक साथ दोषी ठहराना उचित नहीं।

कलेक्टर के निर्देश पर लगातार जांच अभियान

तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला ने बताया कि कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर यह जांच अभियान शुरू किया गया है। टीम हर मेडिकल स्टोर की जांच कर रही है कि क्या वहां फार्मासिस्ट मौजूद है या नहीं, क्या दवाएं मानक गुणवत्ता की हैं, और क्या लाइसेंस वैध है। उन्होंने कहा कि अब कोई भी दुकान बिना अनुमति या फार्मासिस्ट के नहीं चल सकेगी।

"चेकिंग से डरने वाले दुकानदारों पर शक" – प्रशासन

प्रशासन का कहना है कि जो दुकानदार चेकिंग से पहले ही दुकान बंद कर रहे हैं, वही असल में संदिग्ध हैं। अधिकारियों ने कहा – “जो सही हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं। लेकिन जो दुकानदार जांच से बचने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर हम कड़ी निगरानी रखेंगे।” प्रशासन ने साफ किया कि यह कार्रवाई जनहित और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए की जा रही है। इस पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।

बता दें कि मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने हाल ही में प्रशासन को सभी मेडिकल स्टोर्स की जांच और उनके स्टॉक की जांच करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया है।

एक्सपायरी और नकली दवाओं से खतरा बढ़ा

ड्रग विभाग के अनुसार, एक्सपायरी या नकली दवाओं का सेवन लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसी दवाओं में सक्रिय रासायनिक तत्व खत्म हो जाते हैं और शरीर पर दुष्प्रभाव डालते हैं। रीवा जैसे मेडिकल हब में यह समस्या गंभीर है क्योंकि यहां से आसपास के जिलों में भी सप्लाई होती है।

स्वास्थ्य विभाग और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम सक्रिय

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कहा कि आने वाले दिनों में भी रीवा शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में जांच अभियान जारी रहेगा। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि हर फार्मेसी का रिकॉर्ड, बिलिंग और सप्लाई चैन चेक किया जा रहा है। अगर कहीं भी गड़बड़ी पाई जाती है, तो दुकानें तुरंत सील होंगी।

मेडिकल स्टोर संचालकों का विरोध

मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि अरुणेंद्र सिंह ने कहा – “हम प्रशासन की कार्रवाई का विरोध नहीं करते, लेकिन बिना पूर्व सूचना इस तरह की रेड से सभी दुकानदारों में डर फैल रहा है। कई वैध दुकानदारों को भी परेशान किया जा रहा है। अगर ऐसा चलता रहा, तो हम बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।”

रीवा में दवाओं के सिंडीकेट का नेटवर्क बड़ा

जानकारी के अनुसार, रीवा और आसपास के इलाकों में पिछले कई महीनों से नकली और मिलावटी दवाओं का नेटवर्क सक्रिय था। इन दवाओं की सप्लाई अलग-अलग राज्यों से की जा रही थी। हाल ही में की गई पुलिस जांच में भी कुछ मेडिकल दुकानों से नकली दवाओं की बड़ी खेप बरामद की गई थी। अब यह अभियान उसी नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।

जनता से अपील – संदिग्ध दवाओं की जानकारी दें

प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि अगर किसी मेडिकल स्टोर से खरीदी गई दवाओं को लेकर संदेह हो, तो तुरंत इसकी जानकारी ड्रग विभाग या स्वास्थ्य विभाग को दें। साथ ही दुकानदारों से कहा गया है कि वे फार्मासिस्ट की उपस्थिति और लाइसेंस से संबंधित दस्तावेज तैयार रखें।

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FAQs – रीवा नकली दवा कार्रवाई पर सवाल-जवाब

1. रीवा में प्रशासन ने मेडिकल दुकानों पर कार्रवाई क्यों की?

नकली और मिलावटी दवाओं के सिंडीकेट के खुलासे के बाद कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई की गई।

2. कितनी दुकानें सील की गईं?

करीब दर्जनभर मेडिकल स्टोर्स अनियमितताओं के चलते सील कर दिए गए हैं।

3. किन विभागों की टीम ने छापा मारा?

स्वास्थ्य विभाग और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की।

4. क्या यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी?

हाँ, कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर रीवा जिले में सतत जांच अभियान जारी रहेगा।

5. मेडिकल संचालकों की क्या प्रतिक्रिया है?

कई संचालकों ने कार्रवाई का विरोध किया और इसे भय पैदा करने वाला कदम बताया।

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