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रीवा के नए 'मेयर सर' अजय मिश्रा: 24 साल बाद BJP को बेदखल कर रचा इतिहास, पहली बार जनता ने किसी कांग्रेस प्रत्याशी को महापौर चुना

रीवा के नए मेयर सर अजय मिश्रा: 24 साल बाद BJP को बेदखल कर रचा इतिहास, पहली बार जनता ने किसी कांग्रेस प्रत्याशी को महापौर चुना
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Rewa Nagar Nigam Mayor Election 2022: रीवा नगर निगम चुनाव 2022 का फाइनल रिजल्ट आ चुका है. कांग्रेस के अजय मिश्रा बाबा अब रीवा के मेयर सर बन गए हैं.

Rewa Nagar Nigam Mayor Election Result 2022: 24 साल 6 माह बाद आखिरकार कांग्रेस ने शहर सरकार की सत्ता में ऐतिहासिक वापसी की है. रीवा नगर निगम महापौर पद का चुनाव कांग्रेस के अजय मिश्रा बाबा ने जीत लिया है. भाजपा के गढ़ में सेंध कर अब मिश्रा रीवा के नए मेयर सर बन गए हैं. अजय मिश्रा बाबा ने भाजपा महापौर कैंडिडेट प्रबोध व्यास को 10282 मतों के अंतर से हराया है.

किसे कितने वोट मिले

नगर निगम महापौर चुनाव 2022 में रीवा महापौर पद के लिए अजय मिश्रा बाबा कांग्रेस को 47987 वोट मिलें, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी प्रबोध व्यास को 37705 मत मिलें, तीसरे स्थान पर आप कैंडिडेट 8387 मतों के साथ दीपक सिंह रहें, जबकि 6008 वोटों पाकर बसपा के जेपी कुशवाहा चौथे स्थान पर रहें.

जनता द्वारा चुने हुए रीवा के पहले कांग्रेस महापौर

अजय मिश्रा बाबा जनता द्वारा चुने हुए रीवा के पहले कांग्रेस महापौर हैं. इसके पहले कांग्रेस के 3 महापौर रीवा में रह चुके हैं. दो महापौर पार्षदों द्वारा चुने गए थें, जबकि एक को राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किया गया था. इसके बाद 24 सालों तक लगातार नगर निगम में भाजपा का कब्जा रहा. 1998 से जनता भाजपा की शहर सरकार बनाती रही है. अब 2022 में पहली बार अजय मिश्रा बाबा को रीवा की जनता ने चुनकर महापौर के पद पर आसीन किया है.

रीवा नगर निगम में 5 साल में 4 महापौर

1994 में रीवा नगर निगम अस्तित्व में आया. नगरीय निकायों के पुनर्गठन के दौरान 1994 में रीवा शहर को नगर निगम दिया गया. और इसी समय से रीवा नगर निगम का पहला कार्यकाल शुरू हुआ, जो अक्सर विवादों में रहा. विवाद भी ऐसा कि महज 5 साल में रीवा वासियों ने 4 महापौर देख डाले. पहले दो महापौर पार्षदों ने चुने, तीसरा महापौर सरकार ने बनाया और चौथा महापौर जनता ने वोट कर तय किया. आइये पहले जानते है कि ये चार महापौर हैं कौन, और किस पार्टी के थें...

रीवा के महापौरों की लिस्ट (List of Mayors of Rewa)

  • कांग्रेस के अमीरुल्ला खान रीवा के पहले महापौर बनें, इन्हे पार्षदों द्वारा चुना गया था. अमीरुल्ला का कार्यकाल 7 जनवरी 1995 से 6 जनवरी 1997 तक रहा.
  • दूसरे महापौर के रूप में सावित्री पाण्डेय को पार्षदों ने चुना, ये भी कांग्रेस नेत्री थीं. तेज तर्रार सावित्री पाण्डेय 7 जनवरी 1997 से 5 अक्टूबर 1997 तक प्रभार में रहीं.
  • तीसरा महापौर कांग्रेस की राज्य सरकार ने कमलजीत सिंह डंग को बनाया, ये पहली बार था कि किसी महापौर सीधे तौर पर सरकार ने मनोनीत किया हो. डंग का कार्यकाल 6 अक्टूबर 1997 से 31 दिसंबर 1997 तक रहा.
  • चौथे महापौर कांग्रेस के हाँथ से फिसलकर भाजपा के खाते में चला गया. महापौर पद के लिए जनता का वोट होने लगा और जनता ने राजेंद्र ताम्रकार को महापौर बनाया. वे 1 जनवरी से 1998 से 29 दिसंबर 1999 तक इस पद पर आसीन रहें. जनता के हाथ में पावर होने के बाद 1998 से यह पद भाजपा के ही खाते में जाता रहा.
  • 30 दिसंबर 1999 से 8 जनवरी 2005 तक आशा सिंह (भाजपा) रीवा की महापौर रहीं.
  • जनता ने भाजपा पर फिर भरोसा जताया और वीरेंद्र गुप्ता को रीवा नगर निगम का महापौर चुना, गुप्ता का कार्यकाल 9 जनवरी 2005 से 10 जनवरी 2010 तक रहा है
  • जनता द्वारा शिवेंद्र सिंह पटेल (भाजपा) अगले महापौर चुने गए, पटेल का कार्यकाल 11 जनवरी 2010 से 1 जनवरी 2015 तक रहा.
  • ममता गुप्ता (भाजपा) को भी जनता ने महापौर पद पर आसीन किया, श्रीमती गुप्ता 2 जनवरी 2015 से 1 जनवरी 2020 तक रीवा की महापौर रहीं.

रीवा के मेयर सर अजय मिश्रा बाबा का राजनीतिक परिचय

रीवा महापौर पद 24 साल बाद कांग्रेस के खाते में चला गया है. अजय मिश्रा बाबा ने यहाँ ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. रीवा के नए महापौर अजय मिश्रा बाबा पंजा चुनाव चिन्ह से 3 बार पार्षद निर्वाचित होकर परिषद् जा चुके हैं और नगर निगम रीवा में नेता प्रतिपक्ष रहें हैं. मेयर सर के दादा विधायक रह चुके हैं. जनता के मुद्दों के लिए सत्ता के खिलाफ सक्रिय भूमिका में नजर आते हैं. अजय मिश्रा बाबा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी के बेहद करीबी थें, कांग्रेस नेता एवं पूर्व महापौर प्रत्याशी राजेंद्र शर्मा के भी काफी घनिष्ट हैं. अजय सिंह राहुल और दिग्विजय सिंह दोनों ही नेता मिश्रा को काफी पसंद करते हैं.

रीवा मेयर अजय मिश्रा बाबा का परिवार

रीवा नगर निगम के महापौर उम्मीदवार अजय मिश्रा बाबा ने उम्मीदवारी के दौरान निर्वाचन आयोग को दिए शपथ पत्र में कहा है कि वार्ड क्रमांक 19 घोघर के निवासी है. मिश्रा के परिवार में कुल 4 लोग हैं. एक बेटी पीगू, बेटा रूद्र मिश्रा (छात्र) और पत्नी गीतांजलि मिश्रा (ग्रहणी).

मेयर अजय मिश्रा बाबा की कमाई और संपत्ति

अजय मिश्रा बाबा ने नामांकन में जो जानकारी दी है उसके अनुसार मिश्रा की सालाना आय 5.57 लाख और पत्नी की 4.51 लाख रुपए है. ओवरहाल अजय मिश्रा के पास 2 करोड़ की संपत्ति है. लेकिन 70 फीसदी पत्नी के नाम है. हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी पर 3.63 लाख रुपए का बैंक कर्ज है. जिसको समय-समय पर भरते आ रहे है. वाहनों की बात करें तो मिश्रा के पास फोर व्हीलर में स्कॉर्पिओ वाहन और एक स्कूटी है.

शपथ पत्र में दी गई जानकारी के अनुसार अजय मिश्रा के पास चल संपत्ति 33.37 लाख रुपए और पत्नी के पास 9.84 लाख रुपए की है. कांग्रेस मेयर कैंडिडेट के पास अचल संपत्ति नहीं है. जबकि पत्नी के नाम 22 लाख की है. ओवर आल मिश्रा के पास 2 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. लेकिन घर, जमीन आदि डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति पत्नी के नाम पर है.

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