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रीवा डाक संभाग में 25 नवंबर को मनाया जाएगा 'महा लॉगिन डे': घर-घर पहुंचेंगी बैंकिंग और बीमा सेवाएं

Rewa Maha Login Day 2025
डिजिटल इंडिया और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, रीवा डाक संभाग में आगामी 25 नवंबर को एक विशेष 'महा लॉगिन डे' (Maha Login Day) का आयोजन किया जा रहा है। यह पहल 'आईपीपीबी-डीओपी (IPPB-DoP) वित्तीय निवेश अभियान' का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसे भारतीय डाक विभाग और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है।
अभियान का मुख्य उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य लक्ष्य रीवा संभाग के नागरिकों, विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित, सरल और विश्वसनीय निवेश सेवाएं उनके घर के दरवाजे पर उपलब्ध कराना है।
रीवा डाक संभाग के अधीक्षक श्री आर.के. तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान के तहत डाककर्मी और शाखा डाकपाल (BPM) 'डोर-टू-डोर' (घर-घर जाकर) संपर्क करेंगे। उनका उद्देश्य हर घर तक डाक विभाग की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना है।
अभियान के तहत मिलने वाली प्रमुख सेवाएं
डाक अधीक्षक श्री तिवारी के अनुसार, इस महा-अभियान में निम्नलिखित सेवाओं पर विशेष जोर दिया जाएगा:
- आईपीपीबी और पीओएसबी (POSB) लिंकिंग: डाकघर बचत खाते को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) खाते से लिंक करना।
- बीमा सुरक्षा: डाक जीवन बीमा (PLI) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (RPLI) का प्रचार-प्रसार, जो 'कम प्रीमियम-अधिक बोनस' की सुविधा देते हैं।
- सुकन्या समृद्धि योजना: 'बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ' के तहत 10 वर्ष तक की कन्याओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए खाते खोलना।
'डाकिया बना चलता-फिरता बैंक'
श्री तिवारी ने बताया कि डाक विभाग अब केवल चिट्ठियों तक सीमित नहीं है, बल्कि आधुनिक बैंकिंग सेवाएं हर नागरिक तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
"आईपीपीबी और पीओएसबी खातों की लिंकिंग से रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली जिलों के लाखों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। अब लोगों को पैसे निकालने, जमा करने या सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक की लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। डाकिया ही बैंक बनकर घर-घर सेवाएं देगा।" — श्री आर.के. तिवारी, डाक अधीक्षक, रीवा संभाग
डिजिटल इंडिया की ओर एक बड़ा कदम
विभाग का लक्ष्य आने वाले महीनों में रीवा संभाग के सभी सक्रिय डाक खातों को आईपीपीबी (IPPB) से लिंक करना है। इससे न केवल लेनदेन आसान होगा, बल्कि डीबीटी (DBT) और अन्य योजनाओं का पैसा सीधे उपभोक्ताओं के हाथों में डिजिटल माध्यम से पहुँचेगा।
डाक अधीक्षक ने सभी खाताधारकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपना आईपीपीबी खाता खुलवाकर उसे अपने सेविंग अकाउंट से लिंक कराएं। यह कदम 'आत्मनिर्भर भारत' और 'डिजिटल इंडिया' मिशन को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा।




