रीवा

रीवा लोकायुक्त ने दो घूंसखोरों को दबोचा: 4800 की रिश्वत लेते पटवारी–सर्वेयर गिरफ्तार, जमीन नामांतरण-नक्शा संशोधन के एवज में ले रहें थे घूंस

रीवा लोकायुक्त ने दो घूंसखोरों को दबोचा: 4800 की रिश्वत लेते पटवारी–सर्वेयर गिरफ्तार, जमीन नामांतरण-नक्शा संशोधन के एवज में ले रहें थे घूंस
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Rewa Lokayukta Trap News: रीवा में लोकायुक्त टीम ने पटवारी हंसराज पटेल और सर्वेयर आशुतोष त्रिपाठी को जमीन नामांतरण व नक्शा संशोधन के लिए 4800 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। शिकायत सही पाए जाने पर ट्रैप ऑपरेशन चलाया गया। दोनों के खिलाफ केस दर्ज।

Top Highlights

  • लोकायुक्त रीवा टीम ने पटवारी एवं सर्वेयर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
  • जमीन नामांतरण और नक्शा संशोधन के लिए 6000 रुपए की रिश्वत मांग रहे थे।
  • शिकायतकर्ता पहले ही 1200 रुपए दे चुका था, शेष 4800 रुपए देने पर पकड़े गए।
  • नोटों पर लगा रासायनिक पाउडर आरोपियों के हाथों पर मिलते ही पकड़ हुई पक्की।
  • दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज।

रीवा जिले में लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई

रीवा जिले में लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण ट्रैप कार्रवाई को अंजाम देते हुए पटवारी हंसराज पटेल और सर्वेयर आशुतोष त्रिपाठी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। दोनों अधिकारी जमीन का नामांतरण (Mutation) और नक्शा संशोधन (Map Correction) करने के लिए 6000 रुपए रिश्वत की मांग कर रहे थे।

शिकायतकर्ता पहले ही 1200 रुपए दे चुका था, लेकिन बाकी 4800 रुपए के बिना उसका काम जानबूझकर अटका रखा जा रहा था। लोकायुक्त ने मामले की जांच की और शिकायत सत्य पाए जाने के बाद यह ट्रैप ऑपरेशन चलाया।

शिकायतकर्ता ने बताया— बिना पैसे काम आगे नहीं बढ़ रहा था

बड़ोखर गांव निवासी राजेंद्र साहू ने लोकायुक्त रीवा को शिकायत दी थी कि उनकी पत्नी श्यामवती साहू के नाम खरीदी गई जमीन के नामांतरण और नक्शा संशोधन के लिए पटवारी और सर्वेयर 6000 रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं।

शिकायतकर्ता पहले ही ₹1200 दे चुका था, लेकिन आरोपी कर्मचारियों ने शेष राशि के बिना फाइल आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद शिकायत को गंभीरता से लेते हुए लोकायुक्त ने प्राथमिक जांच की, जो सही पाई गई

लोकायुक्त टीम ने बिछाया जाल, जैसे ही रिश्वत ली— पकड़ लिया

जांच सही पाए जाने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप की योजना बनाई। आरोपी कर्मचारियों को पकड़ने के लिए शिकायतकर्ता को पहले से तैयार रासायनिक पाउडर लगे नोट दिए गए।

शुक्रवार को तय स्थान पर जैसे ही शिकायतकर्ता ने 4800 रुपए पटवारी और सर्वेयर को दिए, लोकायुक्त की टीम वहां पहले से मौजूद थी। दोनों ने पैसे हाथ में लेते ही पकड़ लिए गए।

नोटों पर लगाए गए रसायन ने आरोपियों के हाथों पर रंग बदलकर तुरंत रिश्वत की पुष्टि कर दी।

कौन-कौन शामिल रहा ऑपरेशन में?

यह सफल ऑपरेशन लोकायुक्त निरीक्षक एस. राम मरावी के नेतृत्व में किया गया। ट्रैप में उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार सहित कुल 12 सदस्यीय टीम शामिल रही।

दोनों आरोपी गिरफ्तार, रिश्वत की रकम जब्त

लोकायुक्त टीम ने पटवारी हंसराज पटेल और सर्वेयर आशुतोष त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से रिश्वत की रकम जब्त कर टीम उन्हें आगे की कार्रवाई हेतु लोकायुक्त कार्यालय लेकर आई।

दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है और आगे जांच जारी है।

जमीन मामलों में रिश्वत

जमीन के नामांतरण, नक्शा संशोधन, खसरा-खतौनी निकालने और अन्य राजस्व कार्यों में कई बार रिश्वतखोरी की शिकायतें सामने आती रहती हैं। रीवा जिले में आम लोगों की शिकायत है कि बिना पैसे दिए अधिकांश मामलों में काम अटकाया जाता है।

FAQs – Rewa Lokayukta Bribery Case

1. रिश्वत कितनी ली जा रही थी?

कुल 6000 रुपए की मांग की गई थी, जिनमें से 4800 रुपए लेते समय आरोपी पकड़े गए।

2. किस काम के लिए रिश्वत मांगी गई थी?

जमीन के नामांतरण और नक्शा संशोधन के लिए।

3. आरोपियों को कैसे पकड़ा गया?

लोकायुक्त ने रासायनिक पाउडर वाले नोट देकर ट्रैप ऑपरेशन किया और दोनों को रंगे हाथों पकड़ा।

4. गिरफ्तार हुए अधिकारी कौन हैं?

पटवारी हंसराज पटेल और सर्वेयर आशुतोष त्रिपाठी

5. दोनों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?

दोनों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।

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