रीवा

REWA : कांग्रेस नेताओं में ऐंठन की लाइलाज बीमारी, नहीं छोड़ रही पीछा

Aaryan Dwivedi
7 July 2021 12:56 PM GMT
REWA : कांग्रेस नेताओं में ऐंठन की लाइलाज बीमारी, नहीं छोड़ रही पीछा
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रीवा। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में ऐंठन की एक ऐसी लाइलाज बीमारी पीछा किये हुए है जिस पर कोई उपचार, उपाय आदि कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। यही ऐठन की बीमारी बड़े नेताओं के संपर्क में रहने छोटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी पकड़ रही है। यही कारण है कि प्रदेश की सत्ता से लंबे समय तक दूर रहने के बाद बमुश्किल ऐसे-तैसे वापसी तो हुई लेकिन लाइलाज बीमारी के चलते सत्ता चलाने में असमर्थ साबित हुए और भाजपा ने मौका देख कुर्सी हथिया ली।

रीवा। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में ऐंठन की एक ऐसी लाइलाज बीमारी पीछा किये हुए है जिस पर कोई उपचार, उपाय आदि कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। यही ऐठन की बीमारी बड़े नेताओं के संपर्क में रहने छोटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी पकड़ रही है। यही कारण है कि प्रदेश की सत्ता से लंबे समय तक दूर रहने के बाद बमुश्किल ऐसे-तैसे वापसी तो हुई लेकिन लाइलाज बीमारी के चलते सत्ता चलाने में असमर्थ साबित हुए और भाजपा ने मौका देख कुर्सी हथिया ली। हालांकि भाजपा में कांग्रेस को लगी बीमारी का उपचार किया है लेकिन इसके बाद बीमारी दूर होने का नाम नहीं ले रही है। गाहे-बगाहे ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जिससे साबित होता है कि बीमारी पीछा किये हुए है।

अपने ही नेता को चेतावनी दे डाली

आपको याद दिला दें कि अभी हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री विंध्य के दौरे पर थे जहां मीडिया से बाते करते हुए उनकी जुबान से निकल गया कि विंध्य साथ दिया होता तो स्थिति दूसरी होती। उनका इशारा साफ था कि विंध्य में कांग्रेस की जबरदस्त पराजय के कारण सत्ता से बेदखल होना पड़ा। इस बयान से विंध्य के एक बड़े नेता खासा नाराज हुए और उन्होंने अपने ही वरिष्ठ नेता को चेतावनी दे डाली। बता दें कि विंध्य में कांग्रेस के जितने गुट हैं उनते देश में कहीं भी नहीं होंगे, लेकिन कांग्रेसियों से पूछो तो यही जवाब मिलता है कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है।

अलग-अलग बैठकों दौर

कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी के कारण वरिष्ठ नेताओं को सम्मान देने की बजाय कार्यकर्ता अपने-अपने गुट के नेताओं के पीछे लगे रहते हैं। अजय सिंह राहुल विंध्य के वरिष्ठ नेता हैं उनका सम्मान हर कार्यकर्ता को करना चाहिए। लेकिन देखा गया कि विगत दिनों प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल रीवा पहुंचे जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से भेंट मुलाकात की और पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। लेकिन इस दौरान के उनके खास लोग ही मौजूद रहे। दूसरी ओर उसी दिन पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल भी रीवा के दौरे पर थे और उनके द्वारा अपने साथी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिले और उनके द्वारा अलग पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। इससे आम जनता में तो यही संदेश जाता है कि लगता है दोनों के बीच मनभेद है। असलियत तो नेता ही जानें।

विधायक के धरना प्रदर्शन सामने आई गुटबाजी

कांग्रेस के नेताओं मे चल रहे आपसी मनमुटाव व एक दूसरे के के कार्य मे सहयोग नही करने के भाव सार्वजनिक तीखी बयान बाजी व तंज कसने की हुई शुरूआत थमने का नाम नही ले रही है। बीते महीने मैहर से जहां पूर्व मुख्यमंत्री ने इंसारों से पूर्व नेता नेता प्रतिपक्ष को लक्ष्य बनाकर तंज कसकर राजनीतिक हवा दिये थे जिसकों लेकर पूरे प्रदेश की कांग्रेस मे भूचाल आ गया था उसकी आंधी अभी कम भी नही हुुई थी की मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल बिजली की समस्या को लेकर अनिश्चितकालीन धरना देने के दौरान यह बोलकर पार्टी मे जल रही आग में घी डाल दिये कि प्रदेश कांग्रेस के महांमत्री महेन्द्र सिंह चैहान का कोई अस्तित्व भी नही है उनकी कोई जरूरत नही है, यहां कार्यकर्ता ही काफी है।

उनके इस बयान पर पार्टी में तूफान खड़ा कर दिया है। बता दें कि पूर्व मंत्री श्री पटेल बिजली की समस्या को लेकर आन्दोलनरत थे जिसमें ज्यदातर कांग्रेस के पदाधिकारी शामिल नहीं हुये। जितनी उम्मीद उम्मीद भीड़ जुटने की थी नही जुट सकी। वहीं इसी दिन प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री महेन्द्र सिंह सीधी पहुंचे हुए थे जहां वे दिन भर जिला मुख्यालय मे कांग्रेस नेताओं के घर गये लेकिन पूर्व मंत्री के आन्दोलन में पहुंचना उचित नहीं समझा और आपसी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया।

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