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रीवा के SGMH में लापरवाही, CM हेल्पलाइन में शिकायत: 2 घंटे तक 13 साल के बच्चे को लेकर वार्डों में भटकते रहें परिजन, शिकायत के बाद भर्ती किया; मरीज वेंटिलेटर में पहुंचा

मुख्य समाचार हाइलाइट्स | News Highlights
- रीवा जिला अस्पताल में 13 साल के मासूम की इलाज में देरी।
- परिजन ने बॉटल हाथ में लेकर एडमिशन की मांग की।
- अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने जांच की घोषणा की।
- मासूम बच्चा अब वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।
रीवा अस्पताल में 13 साल के मासूम का इलाज देरी से हुआ | Rewa Hospital Child Emergency Treatment Delay
रीवा के संजय गांधी अस्पताल में शनिवार को 13 साल के मासूम बच्चे का इलाज में लापरवाही बरती गई। परिजनों ने बताया कि बच्चे पर बिजली गिरने के बाद उन्हें लगातार अस्पताल स्टाफ यहां-वहां भेज रहा था। दो घंटे तक एडमिट नहीं किया गया। तनाव के बाद, परिजन ने बच्चे के लिए बॉटल हाथ में लेकर खड़े रहने को मजबूर किया।
अस्पताल में हुई लापरवाही और परिजनों की शिकायत | Hospital Negligence and Family Complaint
परिजन बताते हैं कि पहले उन्हें बर्न वॉर्ड भेजा गया, लेकिन वहां भी बच्चे को एडमिट नहीं किया गया। इसके बाद उन्हें 7 नंबर वॉर्ड में भेजा गया, लेकिन वहां भी भर्ती नहीं किया गया। परेशान परिजन ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत की। अंततः दो घंटे की देरी के बाद बच्चा बच्चा वॉर्ड में भर्ती हुआ, तब तक उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी।
मासूम बच्चा पहले महोबा में भी भर्ती रहा | Child Previously Admitted in Mahoba
परिजनों के अनुसार, 30 अगस्त को महोबा ननोरा में बच्चे पर बिजली गिर गई थी। उस समय महोबा जिला अस्पताल में उसे एडमिट किया गया। कुछ समय बाद बच्चा पन्ना में था, जहां अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और पन्ना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से उसे रीवा रेफर किया गया। अब 13 साल का मासूम बच्चा वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रहा है।
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया | Hospital Administration Response
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने कहा कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जांच जारी है। अस्पताल प्रशासन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे।
FAQs सवाल और जवाब | FAQs
रीवा अस्पताल में बच्चा क्यों भर्ती नहीं हुआ?
परिजनों के मुताबिक अस्पताल स्टाफ ने बच्चे को पहले बर्न वॉर्ड और फिर 7 नंबर वॉर्ड में भेजा, लेकिन किसी ने एडमिशन नहीं लिया। केवल मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद बच्चे को भर्ती किया गया।
बच्चे की हालत अब कैसी है?
मासूम बच्चा अब वेंटिलेटर पर है और उसकी जिंदगी और मौत की जंग जारी है। अस्पताल में आपातकालीन उपचार जारी है।
अस्पताल प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने जांच शुरू की है और लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की घोषणा की है।
मासूम पहले कहाँ भर्ती था?
बच्चा पहले महोबा जिला अस्पताल में भर्ती था, फिर पन्ना में इलाज के बाद रीवा भेजा गया।
Rewa Riyasat News
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