रीवा

Rewa- Govindgarh Rail Line को लेकर Latest Update आई सामने, फरवरी में चलनी है ट्रेन, अगर आपकी भी फंसी है जमीन तो जाने पूरी डिटेल

Rewa Govindgarh Rail Line
x

Rewa Govindgarh Rail Line

Rewa- Govindgarh Rail Line को लेकर एक बार फिर बड़ी खबर सामने आ रही है.

Rewa- Govindgarh Rail Line: एक और जहां रेलवे विभाग फरवरी के महीने में रीवा से गोविंदगढ़ तक शटल ट्रेन दौड़ाने की योजना बना चुका था। वहीं अब यह मंशा पूरी होती नहीं नजर आ रही। रीवा से सीधी रेल लाइन काम फिलहाल एक बार फिर ठप हो गया है। किसान धरने पर बैठ गए हैं। जिससे समय पर कार्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा। किसानों का कहना है कि जब तक रेलवे प्रभावित किसानों को नौकरी नहीं दे देता कोई भी कार्य नहीं होगा। रेलवे विभाग के काम कर रहे अधिकारी इसकी जानकारी रीवा कलेक्टर को देने के साथ ही मुख्यालय को दे दिए हैं।

स्टेशन में धरना शुरू, किसानों का अपना तर्क

किसान गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन मे धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों का कहना है कि रेलवे विभाग किसानों को धोखा दे रही है। नौकरी का झांसा देकर जमीन अधिग्रहित कर ली गई। उस पर काम शुरू कर दिया गया लेकिन नौकरी देने के नाम पर किसानों को भटका या जा रहा है।

पहले नौकरी, अब क्यों भटकया जा रहा

किसानों का कहना है कि पूर्व में रेलवे विभाग ने कई किसानों को मुआवजे के साथ ही नौकरी दी गई। लेकिन कुछ दिनों पश्चात रेलवे विभाग द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें कहा गया कि अब किसानों को नौकरी नहीं दी जाएगी। रेलवे का यह दोहरा व्यवहार कहां तक जायज है। इन सभी कारणों को लेकर किसान धरने पर बैठे हुए हैं।

प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि जिला मुख्यालय के अधिकारी भी इस मामले पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। विगत कुछ दिनों पूर्व किसान एकजुट होकर कलेक्टर के पास पहुंचे थे। जहां पर कलेक्टर ने रेलवे अधिकारियों से बात करते हुए निराकरण करने की बात कही गई थी। लेकिन न तो सरकार ध्यान दे रही है। और ना ही जिले के प्रशासनिक हमले में बैठे बड़े अधिकारी।

फरवरी में चलनी थी ट्रेन

रेलवे सूत्रों की माने तो रेलवे विभाग फरवरी के महीने में रीवा से गोविंदगढ़ तक ट्रेन चलाने की योजना बनाते हुए तेजी से काम कर रहा था। लेकिन किसानों द्वारा किया जा रहा विरोध कार्य में रुकावट पैदा कर रहा है। बताया गया है कि रीवा से गोविंदगढ़ के बीच लगभग कार्य पूर्ण हो चुका है। ओढकी गांव के समीप कुछ काम ही शेष था जिसे पूरा करने के लिए लगातार कर्मचारी काम कर रहे थे। लेकिन किसानों के आंदोलन की वजह से पूरी तरह से काम बंद है।

Next Story