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रीवा में राज्यपाल का काफिला 25 मिनट जाम में फंसा रहा, पब्लिक ने आगे आकर खुलवाया; अतिक्रमण और ट्रैफिक व्यवस्था फिर सवालों में

• किला रोड पर अव्यवस्थित ट्रैफिक और अतिक्रमण से बनी गंभीर स्थिति
• पुलिस और नगर निगम मौके पर मौजूद, लेकिन मदद नहीं कर सके
• स्थानीय लोगों ने आगे आकर रास्ता खाली कराया
Rewa Traffic Collapse | राज्यपाल के काफिले को रोक दिया रीवा शहर के जाम ने
रीवा शहर में बृहस्पतिवार सुबह एक बार फिर अतिक्रमण और ट्रैफिक व्यवस्था की हकीकत सामने आ गई। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल केटी परनाइक रीवा में सैनिक स्कूल और विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में शामिल होने पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही उनका काफिला किला रोड पर पहुंचा, पूरा रास्ता जाम से भर गया और काफिला करीब 25 मिनट तक फंसा रहा।
स्थिति इतनी खराब थी कि प्रोटोकॉल वाहन लगातार हूटर बजाते रहे, लेकिन उसका भी कोई असर भीड़ पर नहीं हुआ। अंत में स्थानीय लोगों की मदद से सड़क को धीरे-धीरे खाली कराया गया और काफिला आगे बढ़ सका।
Why Jam Happened? | किला रोड पर अतिक्रमण बना बड़ी समस्या
किला रोड रीवा शहर का एक व्यस्त मार्ग है, जहां लंबे समय से अतिक्रमण और सड़क किनारे लगी दुकानों के कारण अव्यवस्था बनी रहती है। स्थानीय लोगों के अनुसार—
• कई दुकानें सड़क तक फैली रहती हैं
• दोनों ओर कब्ज़े की वजह से सड़क संकरी हो जाती है
• दो वाहन आमने-सामने निकलने में भी दिक्कत होती है
• सामान और ठेले सड़क पर खड़े रहते हैं
जिसके चलते थोड़ी-सी भी भीड़ बढ़ते ही जाम लग जाता है। गुरुवार को भी यही हुआ। राज्यपाल का काफिला जैसे ही किला रोड पर पहुंचा, सामने से वाहनों की लाइनें और अतिक्रमण के कारण रास्ता बंद जैसा हो गया।
Police Reaction | गाड़ी से नहीं उतरी पुलिस, सिर्फ हूटर बजाते रहे
जाम के दौरान पुलिस और नगर निगम की भूमिका पर सवाल खड़े हुए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि—
• ट्रैफिक पुलिस मौके पर मौजूद थी
• नगर निगम की टीम भी वाहन में बैठी थी
• लेकिन किसी ने उतरकर जाम हटवाने की कोशिश नहीं की
• केवल हूटर बजाकर भीड़ को साइड करने की कोशिश होती रही
लेकिन शोर और अव्यवस्था के बीच हूटर भी बेअसर साबित हुआ। भीड़ वहीं खड़ी रही और काफिला आगे नहीं बढ़ सका।
Public Response | जनता खुद आगे आई, हटवाया जाम
करीब 25 मिनट बीत जाने के बाद जब काफिला टस से मस नहीं हुआ, तब स्थानीय लोग खुद आगे आए। जनता ने—
• बाइक साइड में हटवाई
• ठेले खिसकवाए
• बीच में खड़े ऑटो और गाड़ियों को निकलवाया
• भीड़ को संगठित तरीके से आगे बढ़ाया
स्थानीय लोगों की इस पहल के बाद ही सड़क खाली हो सकी और राज्यपाल का काफिला आगे बढ़ पाया।
Effect on Citizens | यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी
इस दौरान केवल काफिला ही नहीं, बल्कि आम लोग भी जाम की वजह से परेशान रहे। कई वाहन धीमी गति से सरकते रहे, स्कूली बच्चे देरी से पहुंचे और ऑफिस जाने वाले लोग भी जाम में फंसे नजर आए।
Past Incidents | डिप्टी सीएम भी जाम में फंस चुके हैं
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी रीवा की ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल उठे हैं। कुछ महीने पहले प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का काफिला भी स्टेशन रोड पर जाम में फंस चुका है।
लगातार सामने आ रही घटनाओं ने साबित कर दिया है कि शहर की अतिक्रमण और ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली को तत्काल सुधार की जरूरत है।
Why Administration is Questioned? | नगर निगम और प्रशासन पर उठ रहे सवाल
शहरवासियों का कहना है कि प्रशासन समय-समय पर अतिक्रमण हटाने के अभियान चलाता है, लेकिन कुछ ही दिनों बाद फिर वही स्थिति लौट आती है। कई बार कार्रवाई आधी-अधूरी होती है और स्थायी समाधान नहीं निकल पाता। किला रोड जैसे संवेदनशील मार्गों पर लगातार बढ़ता अतिक्रमण यह दिखाता है कि व्यवस्था केवल कागजों में है, जमीन पर नहीं।
FAQs | अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
राज्यपाल का काफिला कितनी देर जाम में फंसा?
करीब 25 मिनट तक काफिला किला रोड पर रुका रहा।
जाम किस कारण लगा?
अतिक्रमण, अव्यवस्थित पार्किंग और संकरी सड़क जाम की बड़ी वजह रही।
क्या पुलिस ने जाम हटाने की कोशिश की?
पुलिस वाहन से नहीं उतरी, केवल हूटर बजाकर भीड़ हटाने की कोशिश की, जो नाकाम रही।
जाम आखिर कैसे खुला?
स्थानीय निवासियों ने आगे बढ़कर जाम हटवाया और रास्ता खाली कराया।
क्या यह पहली बार हुआ?
नहीं, इससे पहले डिप्टी सीएम का काफिला भी रीवा में जाम में फंस चुका है।




