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रीवा में बच्ची ने रची अपहरण की झूठी कहानी | Fake Kidnapping Rewa

रीवा। रीवा शहर में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक 10 साल की बच्ची के अपहरण की खबर सामने आई। परिवार की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत धारा 363 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। हालांकि, पुलिस की गहन पड़ताल और सीसीटीवी फुटेज की मदद से जल्द ही इस पूरे मामले का एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस ने पाया कि बच्ची ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी।
कैसे हुआ सच्चाई का खुलासा?
पुलिस ने बच्ची की तलाश के लिए इलाके के करीब 20 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। फुटेज में बच्ची को अपनी साइकिल पर अकेले जाते हुए देखा गया, जिससे अपहरण की कहानी झूठी साबित हो गई। पुलिस ने तुरंत बच्ची को सुरक्षित ढूंढ निकाला।
पढ़ाई का दबाव बना झूठी कहानी का कारण
जब पुलिस ने बच्ची से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह स्कूल में होने वाले एक टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। उसे डर था कि इसके लिए उसे अपने शिक्षक और माता-पिता की डांट सुननी पड़ेगी। इसी डर से बचने के लिए उसने खुद के अपहरण का नाटक रचा।
इस घटना से यह साफ हो गया है कि आज के समय में बच्चों पर पढ़ाई और अच्छे नंबर लाने का दबाव कितना ज्यादा है। एक छोटी सी गलती के डर से बच्चों की मानसिकता पर इतना गहरा असर पड़ रहा है कि वे इस तरह के गंभीर कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
पुलिस और स्कूल की संवेदनशीलता ने किया समाधान
इस संवेदनशील मामले में महिला पुलिस अधिकारी ने बच्ची की काउंसलिंग की और उसे समझाया। पुलिस ने बच्ची के स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल से भी बात की। उन्होंने मिलकर बच्ची को आश्वस्त किया कि उसे माफ कर दिया गया है और अब उसे डरने की जरूरत नहीं है।
यह घटना सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा में रही, जहां कई लोगों ने बच्चों की मानसिक सेहत पर ध्यान देने की बात कही। विशेषज्ञों का मानना है कि डर और असफलता की चिंता बच्चों में इस तरह की जटिल व्यवहारिक समस्याओं को जन्म देती है।




