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REWA Flood: रीवा शहर का ऐसा मोहल्ला जहां कभी बाढ़ नहीं आई, दो नदियों से घिरा हुआ है

REWA Flood: रीवा शहर का ऐसा मोहल्ला जहां कभी बाढ़ नहीं आई, दो नदियों से घिरा हुआ है
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REWA Flood: रीवा शहर के सबसे पुराने क्षेत्र में में रहने वालों ने कभी बाढ़ का सामना नहीं किया, जब पूरा शहर पानी में समा जाता है तब भी यहां किसी घर की चौखट तक भी पानी नहीं पहुंचता

REWA Flood: एमपी में बीते दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, कई शहरों में बाढ़ जैसे हालत निर्मित होने लगे हैं. बाढ़ की बात होती है तो एमपी के रीवा में रहने वाले लोगों के ज़हन में 1997 की बाढ़ की भयावह दृश्य चलने लगते हैं. लेकिन रीवा सिटी में ऐसा भी एक मोहल्ला है जहां कभी बाढ़ का पानी नहीं घुसा। जब पूरा शहर जलमग्न हो जाता है तो इस सोसाइटी में मौजूद किसी भी घर की चौखट तक भी बाढ़ का पानी नहीं घुसता।


हम बात कर रहे हैं रीवा शहर के सबसे पुराने इलाके 'उपरहटी' मोहल्ले की (Uprahati Rewa). जो वैसे तो दो नदियों से घिरा हुआ है और इन्ही नदियों का पानी आधे शहर को डुबा देता है मगर उपरहटी में रहने वाले लोगों के लिए बाढ़ कोई आपदा नहीं सिर्फ मनोरंजन की घडी होती है.

उपरहटी में कभी बाढ़ क्यों नहीं आती

रीवा शहर के इतिहास में सबसे बड़ी बाढ़ सन 1997 में आई थी. लोग बताते हैं कि उस वक़्त का मंजर ऐसा था कि सिरमौर चौराहे में नाव चलने लगी थीं. हर तरफ बहते हुए मवेशी और लोगों के घरों का मलवा नज़र आता था. जहां देखो सिर्फ बाढ़ का पानी और छतों में फंसे हुए लोग दिखाई देते थे. मगर उस वक़्त भी उपरहटी के लोग इस संकट से मुक्त थे. जहां शहर के दूसरे इलाकों में 2 मंजिला मकानों तक पानी भर गया था उधर उपरहटी की गलियों में जलजमाव तक नहीं हुआ था.


जैसा की नाम से ही पता चलता है उप-रहटी यानी ऊपर की तरफ बसी हुई बस्ती। रीवा शहर के भौगोलिक परिस्थिति को समझें तो मालूम होता है कि उपरहटी मोहल्ला पूरे शहर में सबसे ऊंचा इलाका है. जहां नदी का पानी कितना भी बढ़ जाए कभी आवासीय क्षेत्र तक नहीं पहुंच पाटा। आधे किलोमीटर से भी कम दायरे में बसा यह मोहल्ला बाढ़ के मामले में सबसे सुरक्षित स्थान है.


यहां बिछिया और बीहर नदी दो तरफ से उपरहटी को घेरे हुए है. दोनों नदियों का संगम राजघाट में होता है. बिछिया नदी यहीं खत्म होकर बीहर में समाहित हो जाती है.

उपरहटी कहां है

Uprahati Mohalla Rewa: उपरहटी रीवा राजघराने के वक़्त बसाया गया शहर था. आज से लगभग 200 साल पहले रीवा शहर सिर्फ एक जंगली इलाका हुआ करता था और राजघराने की प्रजा उपरहटी में ही रहती थी. जितना पुराना रीवा किला है उतना ही पुराना वजूद उपरहटी का बताया जाता है. यहां आज भी उस वक़्त के घर दिखाई देते हैं जो राज घराने के वक़्त बनाए गए थे. इसी मोहल्ले में रीवा राजघराने का शाही किला (Rewa Fort) और दुनिया का एक मात्र महामृत्यंजय मंदिर है.


पहले के ज़माने में उपरहटी के 4 प्रवेश द्वार हुआ करते थे. जहां विशालकाय द्वार हुआ करते थे. वह दरवाजे तो अब मौजूद नहीं है लेकिन दरवाजों के चौखट आज भी मजबूती के साथ खड़े हैं.

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