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रीवा में अनाथ बच्चों को हर माह मिलेंगे ₹5000: COVID-19 से परिजनों का हुआ था निधन, 282 बच्चों को मिलेगी राशि

मुख्य बातें | Top Highlights
- रीवा जिले के 282 बच्चों को पीएम केयर और सीएम बाल सेवा योजना से ₹5000 प्रतिमाह सहायता
- कलेक्टर प्रतिभा पाल ने दीपावली पर बच्चों को उपहार देकर बढ़ाया हौसला
- 18 वर्ष की उम्र तक बच्चों को मिलती रहेगी मासिक आर्थिक मदद
- महिला एवं बाल विकास विभाग हर माह बच्चों और अभिभावकों से कर रहा संपर्क
Rewa Covid Orphan Children Helped Under PM Care And CM Child Service Scheme
रीवा न्यूज़: कोविड महामारी ने कई परिवारों की दुनिया उजाड़ दी, लेकिन अब सरकार की योजनाओं से इन बच्चों के जीवन में उम्मीद की किरण लौट आई है। रीवा जिले के 282 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने महामारी में अपने माता-पिता को खो दिया था। इन बच्चों को अब प्रधानमंत्री केयर फॉर चिल्ड्रन स्कीम और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के माध्यम से हर माह ₹5000 की सहायता राशि दी जा रही है, जिससे वे शिक्षा और जीवन की जरूरतें पूरी कर सकें।
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बच्चों से की मुलाकात | Rewa Collector Meets Covid Orphan Children
रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में इन बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने पांच पीड़ित बच्चों से बातचीत करते हुए उन्हें दीपावली उपहार और शुभकामनाएं दीं। कलेक्टर के स्नेह और आशीर्वाद से बच्चों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने कहा — “आप सभी ने जीवन के कठिन समय में बहुत साहस दिखाया है, अब समय है अपनी पढ़ाई और सपनों को पूरा करने का।”
कोविड से अनाथ बच्चों को हर माह ₹5000 की मदद | Monthly ₹5000 Support To Covid Orphans
प्रधानमंत्री केयर फंड और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चों को हर माह ₹5000 की राशि दी जा रही है, जो 18 वर्ष की आयु तक मिलती रहेगी। इस सहायता राशि का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है। अधिकारियों का कहना है कि बच्चों को मिलने वाली यह मदद उनके भविष्य को सुरक्षित बनाएगी और समाज में उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगी।
कलेक्टर ने दिया आत्मनिर्भर बनने का संदेश | Collector Encourages Self-Reliance
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर स्टार्टअप या स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा — “राशि का सही उपयोग करें, मेहनत करें और अपने सपनों को साकार करें। जो कठिनाइयों का बहादुरी से सामना करते हैं, वही जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।”
महिला एवं बाल विकास विभाग की भूमिका | Role Of Women And Child Development Department
जिला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अनुज शुक्ला, प्रियांशी शुक्ला और वैष्णवी मालवीय को हर माह सहायता राशि दी जा रही है। वहीं, पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत अक्षय द्विवेदी और रिया मिश्रा को आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है। विभाग की टीम हर माह इन बच्चों और अभिभावकों से संपर्क में रहती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राशि का सही उपयोग हो रहा है।
282 बच्चों को दी जा चुकी राशि | 282 Beneficiaries Already Supported
रीवा जिले में कुल 282 बच्चों को सितंबर 2025 तक की सहायता राशि का भुगतान किया जा चुका है। यह सभी बच्चे उन परिवारों से हैं जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान किसी न किसी अभिभावक को खो दिया। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी बच्चे को आर्थिक कठिनाई या शिक्षा बाधा का सामना न करना पड़े।
बच्चों के चेहरों पर लौटी मुस्कान | Children’s Happiness Returns
जब कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बच्चों को उपहार दिए और उनसे आत्मीय संवाद किया तो सभी बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे। किसी को खिलौने मिले, तो किसी को किताबें और मिठाइयाँ। बच्चे बोले — “दीदी (कलेक्टर) का आशीर्वाद हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। अब हम पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहते हैं।”
कोविड अनाथ बच्चों के लिए योजनाओं का महत्व | Importance Of PM Care & CM Child Service Scheme
PM Care For Children और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की सबसे मानवीय योजनाओं में से एक हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य कोविड में अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक स्थिरता और मानसिक सहयोग देना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से न केवल बच्चों का भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि समाज में भी संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ेगी।
सामाजिक संस्थाओं की भी मदद जारी | NGOs Also Supporting Covid Orphan Kids
रीवा की कई सामाजिक संस्थाएँ जैसे बाल कल्याण समिति, चाइल्डलाइन, और हेल्प फॉर होप भी इन बच्चों के साथ काम कर रही हैं। वे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा और मार्गदर्शन में सहयोग दे रही हैं। कई कॉर्पोरेट कंपनियाँ भी अपने CSR फंड से इन बच्चों को किताबें, यूनिफॉर्म और स्कूल फीस में मदद कर रही हैं।
प्रेरणा की मिसाल बन रहे बच्चे | Inspirational Stories From Rewa Kids
रीवा की रिया मिश्रा अब डॉक्टर बनने का सपना देख रही हैं, जबकि अक्षय द्विवेदी इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं। दोनों का कहना है कि सरकार से मिलने वाली आर्थिक मदद ने उन्हें आत्मविश्वास और स्थिरता दी है। अब वे खुद के पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं और समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं।
FAQ – रीवा कोविड अनाथ बच्चों से जुड़ी आम बातें
1. रीवा में कितने बच्चों को पीएम केयर और सीएम बाल सेवा योजना का लाभ मिल रहा है?
रीवा जिले के 282 बच्चों को इन दोनों योजनाओं के तहत हर माह ₹5000 की सहायता राशि दी जा रही है।
2. यह राशि कितनी उम्र तक दी जाएगी?
यह राशि बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूरी होने तक हर माह दी जाती रहेगी।
3. इन बच्चों की देखभाल कौन कर रहा है?
महिला एवं बाल विकास विभाग हर माह बच्चों और उनके अभिभावकों से संपर्क कर स्थिति की जानकारी लेता है।
4. सहायता राशि का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
5. क्या भविष्य में इन बच्चों को स्वरोजगार के लिए मदद मिलेगी?
हाँ, कलेक्टर ने बच्चों को सलाह दी है कि वे इस राशि से आगे चलकर स्टार्टअप या स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं।
Rewa Riyasat News
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