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रीवा के एपीएस विश्वविद्यालय में PhD एडमिशन में धांधली का आरोप, NSUI का प्रदर्शन, पुलिस ने लाठीचार्ज किया

Rewa Riyasat News
29 Oct 2025 6:23 PM IST
रीवा के एपीएस विश्वविद्यालय में PhD एडमिशन में धांधली का आरोप, NSUI का प्रदर्शन, पुलिस ने लाठीचार्ज किया
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रीवा विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली के आरोप लगे। एनएसयूआई ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने वाटर कैनन और लाठीचार्ज कर छात्रों को रोका।

Highlights

  • रीवा विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली का आरोप
  • एनएसयूआई ने कुलपति कार्यालय का घेराव किया
  • पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन से छात्रों को खदेड़ा
  • आरोप – सिर्फ बीजेपी नेताओं के करीबियों को क्वालीफाई कराया गया
  • एनएसयूआई ने चेताया – कार्रवाई नहीं हुई तो फिर होगा उग्र आंदोलन

रीवा: अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) रीवा में बुधवार को उस समय हंगामा मच गया जब पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली के आरोपों को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया। इस दौरान कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया।

पीएचडी एडमिशन में धांधली का आरोप

एनएसयूआई जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय के नेतृत्व में छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों का आरोप है कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा में सिर्फ उन्हीं छात्रों को पास किया गया है जो सत्ताधारी दल के नेताओं के करीबी हैं। उन्होंने दावा किया कि लगभग 90% छात्र-छात्राओं को फेल कर दिया गया, जबकि जो भाजपा नेताओं के “जिंदाबाद” के नारे लगाते हैं, उन्हें क्वालीफाई करा दिया गया।

“रिश्तेदारों और चहेतों का हुआ चयन”

एनएसयूआई नेताओं ने आगे आरोप लगाया कि कुलपति और प्रोफेसरों के रिश्तेदारों और चहेतों का चयन किया गया। उन्होंने मांग की कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा में हुई कथित धांधली की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। पंकज उपाध्याय ने कहा — “विश्वविद्यालय में योग्यता की नहीं, पहचान की कद्र हो रही है। जिन्होंने सालों मेहनत की, उन्हें फेल कर दिया गया।”

स्कॉलरशिप की राशि भी अटकी

एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर संबल मेधावी और स्कॉलरशिप योजना के तहत छात्रों की फीस वापस न करने का भी आरोप लगाया। छात्रों का कहना है कि प्रशासन हर साल यह बोलकर फीस लेता है कि स्कॉलरशिप के बाद राशि लौटा दी जाएगी, लेकिन कई वर्षों से पैसे वापस नहीं हुए हैं।

अयोग्य प्राध्यापकों पर सवाल

प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में कई ऐसे प्राध्यापक पढ़ा रहे हैं जिनके पास न तो पीएचडी की डिग्री है और न ही उन्होंने UGC NET क्वालीफाई किया है। उन्होंने मांग की कि विश्वविद्यालय में सिर्फ योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की जाए और अयोग्य नियुक्तियों की जांच की जाए।

पुलिस ने किया वाटर कैनन और लाठीचार्ज

जब प्रदर्शनकारी छात्र विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने लगे, तो पुलिस ने वाटर कैनन और लाठियों का प्रयोग किया। कई छात्रों को हिरासत में लिया गया। एनएसयूआई नेताओं ने कहा कि प्रशासन आवाज दबाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा। “हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो अगले दस दिनों में फिर से उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।” — पंकज उपाध्याय, जिला अध्यक्ष एनएसयूआई

विश्वविद्यालय प्रशासन का जवाब

इस बीच, रीवा विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी आरोपों को निराधार बताया है। प्रशासन का कहना है कि पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और मेरिट आधारित है। साथ ही कहा गया कि यदि किसी को आपत्ति है, तो वह लिखित में शिकायत दर्ज करा सकता है — जिसकी जांच की जाएगी।

जांच की मांग तेज

एनएसयूआई ने साफ कहा है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच के आदेश तुरंत जारी नहीं किए, तो यह आंदोलन प्रदेश स्तर पर होगा। छात्र संगठन ने मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री से भी हस्तक्षेप की मांग की है।

FAQs (Frequently Asked Questions)

Q1. रीवा विश्वविद्यालय में पीएचडी परीक्षा विवाद क्या है?

👉 छात्रों का आरोप है कि APS विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली हुई है और केवल राजनीतिक रूप से जुड़े लोगों को पास किया गया है।

Q2. एनएसयूआई ने क्या कार्रवाई की है?

👉 एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय का घेराव किया और प्रदर्शन किया। पुलिस ने वाटर कैनन और लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को रोका।

Q3. प्रदर्शन का नेतृत्व किसने किया?

👉 रीवा एनएसयूआई जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

Q4. विश्वविद्यालय प्रशासन ने क्या कहा?

👉 प्रशासन ने आरोपों को निराधार बताया और कहा कि प्रक्रिया पारदर्शी है, जांच के लिए आवेदन लिया जाएगा।

Q5. आगे एनएसयूआई की क्या योजना है?

👉 एनएसयूआई ने चेताया है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो 10 दिनों में फिर से बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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