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रीवा एयरपोर्ट पर यात्री का हंगामा: दिल्ली फ्लाइट में प्रवेश न मिलने पर विवाद, स्टाफ पर लापरवाही के आरोप

- रीवा एयरपोर्ट पर शनिवार शाम यात्री को लेट पहुंचने पर एंट्री से रोका गया।
- दिल्ली जाने वाली रात 8:30 बजे की फ्लाइट में बोर्डिंग नहीं मिल पाई।
- नाराज यात्री ने परिसर में हंगामा किया और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया।
- एयरपोर्ट अथॉरिटी का कहना—यात्री निर्धारित समय से काफी देर से पहुंचे थे।
शनिवार शाम रीवा एयरपोर्ट पर उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब दिल्ली फ्लाइट से यात्रा करने आए एक यात्री को प्रवेश नहीं दिया गया। बताया गया कि यात्री निर्धारित समय की तुलना में काफी देर से पहुंचे थे और एयरपोर्ट नियमों के अनुसार किसी भी यात्री को फ्लाइट डिपार्चर से कम से कम दो घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य है। इसी नियम के चलते यात्री को सुरक्षा गेट के आगे ही रोक दिया गया। देर से पहुंचने के कारण एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बोर्डिंग एरिया में प्रवेश देने से साफ मना कर दिया।
रीवा-दिल्ली फ्लाइट पकड़ने पहुंचे यात्री को रोकने पर हुआ विवाद
घटना शनिवार शाम लगभग 7:05 बजे की है। जानकारी के अनुसार, त्योंथर क्षेत्र के कैथी पचकठा निवासी प्रकाश सिंह बघेल रीवा से दिल्ली के लिए रात 8:30 बजे की नियमित Rewa to Delhi Flight से यात्रा करने पहुंचे थे। लेकिन सुरक्षा जांच गेट पर मौजूद स्टाफ ने उन्हें यह कहते हुए रोक दिया कि वे फ्लाइट के निर्धारित समय से काफी देर से आए हैं।
यात्री का कहना था कि उन्होंने यात्रा के लिए 5500 रुपए में टिकट बुक कराया था और उन्हें किसी भी हालत में दिल्ली पहुंचना आवश्यक था, क्योंकि वहां जरूरी काम था। लेकिन स्टाफ का तर्क था कि इतने कम समय में सुरक्षा जांच, बैगेज स्कैनिंग और बोर्डिंग की प्रक्रिया पूरी करना संभव नहीं है।
यात्री ने एयरपोर्ट परिसर में किया हंगामा, लगाए गंभीर आरोप
एयरपोर्ट स्टाफ द्वारा रोके जाने के बाद यात्री अचानक गुस्से में आ गए और उन्होंने एयरपोर्ट परिसर में जमकर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने अधिकारियों पर लापरवाही और यात्रियों के साथ मनमानी बरतने का आरोप लगाया। मौके पर मौजूद यात्रियों के अनुसार, व्यक्ति ने जोर-जोर से बहस करते हुए कहा कि स्टाफ ने उसे जानबूझकर रोक दिया और उसकी यात्रा खराब कर दी।
हंगामे की सूचना मिलते ही एयरपोर्ट सुरक्षा टीम और जिम्मेदार अधिकारी वहां पहुंचे और यात्री को शांत करने की कोशिश की। हालांकि, वह अपने निर्णय पर अड़े रहे कि एयरपोर्ट प्रबंधन ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया है और उन्हें हर हाल में यात्रा की अनुमति मिलनी चाहिए थी।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ने रखी अपनी बात, बताया क्यों नहीं मिला प्रवेश
एयरपोर्ट प्रबंधन ने साफ किया कि प्रकाश सिंह फ्लाइट समय से बहुत देर से पहुंचे थे। एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार, हर एयरलाइन के लिए सुरक्षा नियम तय हैं और उन नियमों के तहत किसी भी यात्री को फ्लाइट समय के करीब पहुंचने पर चेक-इन और बोर्डिंग की अनुमति नहीं दी जाती।
अथॉरिटी का कहना है कि यदि वे देर से पहुंचे यात्रियों को भी प्रवेश देने लगें, तो एयरलाइंस की सुरक्षा, टाइमिंग और पूरी प्रक्रिया प्रभावित होगी। खासकर छोटे एयरपोर्ट जैसे रीवा एयरपोर्ट में चेकिंग व बैगेज प्रोसेसिंग की जिम्मेदारी सीमित टीम संभालती है। इसलिए देरी का अर्थ सीधे पूरे सिस्टम पर असर डालना है।
यात्री की दलील: टिकट लिया है तो जाने दें, प्रबंधन जिम्मेदार
दूसरी ओर यात्री प्रकाश सिंह ने कहा कि उन्होंने टिकट समय पर खरीदा था और ट्रैफिक के कारण देरी हो गई। उनका दावा है कि स्टाफ को यात्रियों के हालात समझने चाहिए और ऐसे मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी भी कारण से वे बोर्डिंग नहीं कर पाते, तो कम से कम उन्हें एयरपोर्ट परिसर में जाकर एयरलाइन काउंटर से बात करने का मौका दिया जाना चाहिए था। लेकिन प्रवेश न देकर एयरपोर्ट प्रबंधन ने उनके अधिकारों का हनन किया है।
एयरपोर्ट नियमों के अनुसार दो घंटे पहले पहुंचना जरूरी
एयरलाइन इंडस्ट्री में यह सर्वमान्य नियम है कि घरेलू उड़ानों के लिए यात्रियों को निर्धारित डिपार्चर टाइम से कम से कम दो घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचना चाहिए। ऐसा इसलिए कि सुरक्षा जांच, बैगेज ड्रॉप, बोर्डिंग गेट लोकेट करना और अन्य औपचारिकताएं समय लेती हैं।
FAQs – Rewa Airport Delhi Flight Passenger Issue
1. रीवा एयरपोर्ट पर यात्री को क्यों रोका गया?
यात्री फ्लाइट समय से काफी देर से पहुंचे थे। सुरक्षा नियमों के कारण स्टाफ ने प्रवेश नहीं दिया।
2. क्या घरेलू उड़ान के लिए दो घंटे पहले पहुंचना जरूरी होता है?
हां, सभी एयरलाइंस के लिए यह स्टैंडर्ड प्रोसेस है। इससे सुरक्षा जांच और बोर्डिंग प्रक्रिया सुचारू रहती है।
3. यात्री ने प्रवेश न मिलने पर क्या किया?
यात्री ने एयरपोर्ट परिसर में हंगामा किया और स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए।
4. क्या एयरपोर्ट प्रबंधन ने यात्री की बात सुनी?
अधिकारियों ने यात्री को शांत कराने की कोशिश की लेकिन नियमों के चलते प्रवेश न दे पाने का निर्णय कायम रखा।




