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रीवा में अधिवक्ताओं ने निकाली भव्य तिरंगा यात्रा, देशभक्ति और जागरूकता का दिया संदेश

रीवा। आजादी के 79वें वर्ष के इस पावन अवसर पर, राष्ट्रभक्ति के अद्वितीय प्रदर्शन के रूप में, रीवा के अधिवक्ताओं ने एक भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। शहर की सड़कों पर निकाली गई यह यात्रा न केवल देशभक्ति का संदेश लेकर चली, बल्कि इसने राष्ट्रीय एकता और अखंडता का भी उद्घोष किया। अधिवक्ताओं ने इस आयोजन के माध्यम से यह साबित कर दिया कि वे सिर्फ कानून के जानकार नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी समझते हैं। यह यात्रा उन सभी नागरिकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई, जो अपने देश के प्रति प्रेम और सम्मान को व्यक्त करना चाहते हैं।
इस ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा में कई वरिष्ठ और युवा अधिवक्ताओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। यह आयोजन 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत पूरे देश में चलाए जा रहे 'हर घर तिरंगा' अभियान को सफल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। अधिवक्ताओं ने हाथों में तिरंगा थामे, राष्ट्रभक्ति के नारों के साथ शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए लोगों में जोश भरा। इस दौरान वातावरण पूरी तरह से देशभक्ति के रंग में रंग गया था, और हर व्यक्ति के चेहरे पर देश के प्रति गर्व की भावना साफ झलक रही थी।
इस विशाल तिरंगा यात्रा में जिन अधिवक्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, उनकी सूची बहुत लंबी है, जो इस आयोजन की भव्यता और व्यापकता को दर्शाती है। यात्रा में शामिल प्रमुख अधिवक्ताओ में मॉन्टेवियर अंजना सिंह, आभा रानी पटेल, निगुणसेन तिवारी, BBS चौहान, गार्गी शंकर द्विवेदी, रामाश्रय शर्मा, महेश मिश्रा, सुरेंद्र सिंह परिहार, रामावतार साकेत, शिवशंकर पाठक, रामाश्रय साकेत, विष्णु सिंह, अच्छेलाल निराला, सुधीर सिंह, संतोष अवधिया, अनिल सिंह, राजीव सिंह परिहार, अनिल सिंह गहरवार, खुशबु वर्मा, अमरीश श्रीवास्तव, शिवशंकर पाठक, रंगेश सिंह, शिवेंद्र सिंह बघेल, शिवशरण सिंह, सीडी सिंह , अजय मिश्रा, पुष्पेंद्र वर्मा।, अजय पांडे, कृष्णेन्द्र सिंह सेंगर सहित एक सैकड़ा अधिवक्तागण उपस्थित थे। इन सभी ने कंधे से कंधा मिलाकर यह संदेश दिया कि राष्ट्र के सम्मान में वे सब एक हैं।
इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि इसने न केवल आजादी के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि यह भी बताया कि आज भी हमारे देश में राष्ट्रीय गौरव और एकता की भावना कितनी मजबूत है। अधिवक्ताओं जैसे शिक्षित और जिम्मेदार वर्ग का इस तरह से सामने आना, समाज में एक सकारात्मक संदेश देता है। यह दर्शाता है कि कानून का पालन करने वाला वर्ग भी राष्ट्रीय पर्वों को एक उत्सव के रूप में मनाता है। इस यात्रा के माध्यम से अधिवक्ताओं ने आम जनता को यह संदेश दिया कि तिरंगा सिर्फ एक झंडा नहीं, बल्कि हमारी पहचान, हमारा सम्मान और हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है।
इस आयोजन से यह भी स्पष्ट होता है कि राष्ट्रीय अभियानों को सफल बनाने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी कितनी आवश्यक है। अधिवक्ताओं की इस पहल ने अन्य पेशेवर संगठनों और सामाजिक समूहों के लिए एक मिसाल कायम की है। यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में ऐसे और भी आयोजन होंगे जो देश में देशभक्ति और एकता की भावना को मजबूत करेंगे। रीवा शहर के लोगों ने भी इस यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया और जगह-जगह खड़े होकर यात्रा का अभिनंदन किया। कुल मिलाकर, यह तिरंगा यात्रा रीवा के इतिहास में एक यादगार घटना बन गई, जिसने देशभक्ति की नई मिसाल पेश की।




